प्रेम पेशे से स्वतंत्र पत्रकार और जुझारु व्यक्ति हैं, विभिन्न संस्थानों और संगठनों के साथ काम करते हुए बहुत से जमीनी अनुभवों से रूबरू हुए। उन्होंने बहुत सी उपलब्धियाँ हासिल की।
अनुभव
1. स्वतन्त्र पत्रकारिता, फीचर, रिपोर्ट, रिपोर्ताज, साक्षात्कार अदि प्रकाशित तथा यह क्रम जारी।
2. 2000 से 2002 तक दैनिक जागरण के पाठक नामा कॉलम में नियमित समसामयिक लघु लेख लिखना।
3. 2001-2002 तक मे दैनिक बद्री विशाल के लिये तहसील बड़कोट के अर्न्तगत प्रतिनिधी के रूप में कार्य।
4. 2002 मे एक वर्ष तक दैनिक जागरण के लिये उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में मुख्य संवाददाता के रूप में कार्य।
5. 2003 से 2006 तक मासिक पत्रिका ‘‘जलकुरघाटी सन्देश’’ का सम्पादन कार्य (हिमालयी पर्यावरण शिक्षा संस्थान द्वारा प्रकाशित)
6. 2007-08 ब्यूरो चीफ ‘इण्डिया टाइम्स’ (देहरादून से प्रकाशित प्रमुख साप्ताहिक व मासिक समाचार पत्र)
7. 2009 से 2011 तक दैनिक नई दुनिया देहरादून मुख्यालय में मुख्य संवाददाता के रूप में कार्य।
2002 से अब तक जारी स्वतन्त्र लेखन (फिचर, साक्षात्कार, समसामयिक खबरे)
मासिक - युगवाणी, पर्वतजन, उत्तराखण्ड शक्ति, देहरादून डिस्कवर, गढ़रैबार पर्वतवाणी, इण्डिया टाइम्स, कर्मभूमि संवाद, मन मिमांशा, उत्तरांचल पत्रिका।
सप्ताहिक - पर्वतीय टाइम्स, समय साक्ष्य, सहारा समय, रवाँई मेल, गढ़वैराट, 4डी विचार मिमांशा, आऊटलुक,
पाक्षिक - नैनीताल सामाचार, जनपक्ष आजकल, उत्तराखण्ड प्रभात, इतवार।
दैनिक - राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्तान, शाह टाइम्स, सीमान्त वार्ता, दैनिक नई दुनिया।
पिता का नाम- स्व. श्री रत्ति
स्थाई पता- ग्राम व पो. कफनौल (उत्तरकाशी) 249171
पत्रव्यवहार का पता- 140, रायपुर ढाल देहरादून,उत्तराखण्ड-248008
फोन- 9411734789
जन्म तिथि- 18.10.1978
शैक्षिक योग्यता
1. 1994 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से हाईस्कूल।
2. 1996 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से इण्टरमीडिएट।
3. 1999 में हेमवन्ती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से ग्रेजुएशन
अन्य गतिविधीयां
1997 से रंगमचीय कार्य नाटक, नुक्कड़-नाटक, सन 2002 से 2005 तक हिमालयी पर्यावरण शिक्षा संस्थान द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘‘जलकुर घाटी सन्देश’’ का सम्पादन कार्य
जलनीति का आन्दोलन के दौरान “लोक जल नीति के मसौदे’’ को तैयार करने में सम्पादकीय मण्डल का वरिष्ठ सदस्य।
लाखामण्डल से लम्बगाँव 250 किमी. (सन् 2004) तथा पंचेश्वर से फलेण्डा तक की पदयात्रा में श्रीनगर गढ़वाल से फलेण्डा तक (150 किमी) पद यात्रा की है इस यात्रा पर विभिन्न अखबारों में प्राकृतिक संसाधनों की लोक संरक्षण की परम्परा व वर्तमान में किये जा रहे जल, जंगल, जमीन के विदोहन पर दर्जनो लेख प्रकाशित।
क्या नदी बिकी, पानी रे पानी, सवाल है, रक्षा सूत्र, जैसे नुक्कड़-नाटकों में मुख्य पात्र के रूप में अभिनय एवं जल संस्कृति मंच का संयोजन।
संस्थापक सदस्य ‘‘जन आस्था मंच’’ उत्तरकाशी।
संस्थापक संदस्य ‘‘हिमालयी संस्कृति संरक्षण एवं शिक्षा संस्थान’’ उत्तरकाशी।
सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन/पत्रकारिता। (मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार)
स्थान - देहरादून