प्रिय मित्रों
पानी का मुद्दा इतना संवेदनशील और गहरा है कि इसे जितना जानते हैं लगता है कि कम जानते हैं. ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा और अपने अनुभवों का खुलासा करने के लिए हम आपका हार्दिक धन्यवाद करते हैं और साथ ही उम्मीद भी करते हैं कि आप इस पोर्टल को अपना ही समझकर निरंतर सहयोग करते रहेंगे क्योंकि पोर्टल किसी एक का नहीं, आप सभी का है। -रोहिणी निलेकणी (चेयरपर्सन-प्रथम बुक्स और अर्घ्यम्) के इस घोष वाक्य से इंडिया वाटर पोर्टल के हिन्दी संस्करण की शुरुआत हुई है।
वे कहती हैं कि 'हमनें जनवरी 2007 में इंडिया वाटर पोर्टल (www.indiawaterportal.org) की शुरूआत की थी, क्योंकि हम अच्छे जल प्रबंधन और पानी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और ज्ञान के साझा इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट की शक्ति का इस्तेमाल करना चाहते थे। अब हिंदी पोर्टल के माध्यम से हमें उम्मीद है कि हम हमारे उद्देश्य को अधिक से अधिक लोगों तक उनकी अपनी भाषा में पहुँचा सकते हैं। शायद इससे लोगों को अन्य भारतीय भाषाओं में भी पानी पोर्टल शुरू करने की प्रेरणा मिले।'
पानी के पोर्टल की कहानी –
यहां पढ़ सकते हैं–
18 नवंबर को पानी के पोर्टल – इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) का प्रारंभ जल संसाधन राज्य मंत्री श्री जयप्रकाश नारायण यादव कर कमलों से हुआ।
पूरा समाचार यहां देखें –
हम आपको पाक्षिक रूप से पानी, पर्यावरण से संबंधित जानकारियां, कहानियां, तथ्य-आंकड़े, जलसंगठनों की गतिविधियां,पानी के विभिन्न पहलुओं तथा मुद्दों पर केस स्टडी, पाठयक्रम, फिल्में, अनुसंधान और जल नीति दस्तावेज उपलब्ध कराते रहेंगे।
यदि आप हमारे प्रयास और इस न्यूजलेटर को उपयोगी समझते हैं तो कृपया अपने दोस्तों को भी मेलिंग सूची में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
1- बेतवा बचाने को बेताब 'बिरादरी'
बेतवा के उत्थान की बेताबी इस कदर है कि छह साल की अनुष्का से लेकर 90 साल की जानकी बाई जैसे कई श्रमदानी बेतवा को बचाने के लिए जुटे हैं। बेतवा के डेढ़ किमी तट क्षेत्र में रोज होने वाली सफाई से प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगी है। तटों को बचाने के लिए बारिश के दिनों में पौधरोपण से आधा दर्जन घाटों की तस्वीर बदल गई है। आगे –
2 - फव्वारा सिंचाई
फव्वारा द्वारा सिंचाई एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा पानी का हवा में छिड़काव किया जाता है और यह पानी भूमि की सतह पर कृत्रिम वर्षा के रूप में गिरता है। पानी का छिड़काव दबाव द्वारा छोटी नोजल या ओरीफिस में प्राप्त किया जाता है। पानी का दबाव पम्प द्वारा भी प्राप्त किया जाता है। कृत्रिम वर्षा चूंकि धीमें-धीमें की जाती है, आगे –
3 – जल शब्दकोश आगे –
4 – प्रश्न पूछें -
पानी के विभिन्न पहलुओं पर आप 'प्रश्न पूछें' सेवा का उपयोग कर सकते हैं। इस सेवा में कोई भी पानी की किसी भी समस्या के बारे में प्रश्न पूछ सकता है जैसे पानी की कमी, प्रदूषण अथवा वर्षा जलसंचयन आदि को लागू करने संबंधी। विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा सवाल का उत्तर दिया जाता है। प्रश्न पूछने के लिए क्लिक करें
आपकी सहभागिता के अपेक्षा में
मीनाक्षी अरोड़ा (इंडिया वाटर पोर्टल हिन्दी टीम)
हमें लिखें
पानी का मुद्दा इतना संवेदनशील और गहरा है कि इसे जितना जानते हैं लगता है कि कम जानते हैं. ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा और अपने अनुभवों का खुलासा करने के लिए हम आपका हार्दिक धन्यवाद करते हैं और साथ ही उम्मीद भी करते हैं कि आप इस पोर्टल को अपना ही समझकर निरंतर सहयोग करते रहेंगे क्योंकि पोर्टल किसी एक का नहीं, आप सभी का है। -रोहिणी निलेकणी (चेयरपर्सन-प्रथम बुक्स और अर्घ्यम्) के इस घोष वाक्य से इंडिया वाटर पोर्टल के हिन्दी संस्करण की शुरुआत हुई है।
वे कहती हैं कि 'हमनें जनवरी 2007 में इंडिया वाटर पोर्टल (www.indiawaterportal.org) की शुरूआत की थी, क्योंकि हम अच्छे जल प्रबंधन और पानी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और ज्ञान के साझा इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट की शक्ति का इस्तेमाल करना चाहते थे। अब हिंदी पोर्टल के माध्यम से हमें उम्मीद है कि हम हमारे उद्देश्य को अधिक से अधिक लोगों तक उनकी अपनी भाषा में पहुँचा सकते हैं। शायद इससे लोगों को अन्य भारतीय भाषाओं में भी पानी पोर्टल शुरू करने की प्रेरणा मिले।'
पानी के पोर्टल की कहानी –
यहां पढ़ सकते हैं–
18 नवंबर को पानी के पोर्टल – इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) का प्रारंभ जल संसाधन राज्य मंत्री श्री जयप्रकाश नारायण यादव कर कमलों से हुआ।
पूरा समाचार यहां देखें –
हम आपको पाक्षिक रूप से पानी, पर्यावरण से संबंधित जानकारियां, कहानियां, तथ्य-आंकड़े, जलसंगठनों की गतिविधियां,पानी के विभिन्न पहलुओं तथा मुद्दों पर केस स्टडी, पाठयक्रम, फिल्में, अनुसंधान और जल नीति दस्तावेज उपलब्ध कराते रहेंगे।
यदि आप हमारे प्रयास और इस न्यूजलेटर को उपयोगी समझते हैं तो कृपया अपने दोस्तों को भी मेलिंग सूची में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
Jan/I/09 Issue
1- बेतवा बचाने को बेताब 'बिरादरी'
बेतवा के उत्थान की बेताबी इस कदर है कि छह साल की अनुष्का से लेकर 90 साल की जानकी बाई जैसे कई श्रमदानी बेतवा को बचाने के लिए जुटे हैं। बेतवा के डेढ़ किमी तट क्षेत्र में रोज होने वाली सफाई से प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगी है। तटों को बचाने के लिए बारिश के दिनों में पौधरोपण से आधा दर्जन घाटों की तस्वीर बदल गई है। आगे –
2 - फव्वारा सिंचाई
फव्वारा द्वारा सिंचाई एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा पानी का हवा में छिड़काव किया जाता है और यह पानी भूमि की सतह पर कृत्रिम वर्षा के रूप में गिरता है। पानी का छिड़काव दबाव द्वारा छोटी नोजल या ओरीफिस में प्राप्त किया जाता है। पानी का दबाव पम्प द्वारा भी प्राप्त किया जाता है। कृत्रिम वर्षा चूंकि धीमें-धीमें की जाती है, आगे –
3 – जल शब्दकोश आगे –
4 – प्रश्न पूछें -
पानी के विभिन्न पहलुओं पर आप 'प्रश्न पूछें' सेवा का उपयोग कर सकते हैं। इस सेवा में कोई भी पानी की किसी भी समस्या के बारे में प्रश्न पूछ सकता है जैसे पानी की कमी, प्रदूषण अथवा वर्षा जलसंचयन आदि को लागू करने संबंधी। विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा सवाल का उत्तर दिया जाता है। प्रश्न पूछने के लिए क्लिक करें
आपकी सहभागिता के अपेक्षा में
मीनाक्षी अरोड़ा (इंडिया वाटर पोर्टल हिन्दी टीम)
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