प्रमोद भार्गव

Submitted by RuralWater on Fri, 07/08/2016 - 15:36


.स्वाधीनता दिवस 1956 को मध्य प्रदेश के ग्राम अटलपुर में जन्मे प्रमोद भार्गव की शिक्षा-दीक्षा अटलपुर, पोहरी और शिवपुरी में हुई। हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर करने के बाद सरकारी नौकरी की, लेकिन रास नहीं आने पर छोड़ दी। बाद में भी सरकारी सेवा के कई अवसर मिले, किन्तु स्वतंत्र स्वभाव के चलते स्वीकार नहीं किये। लेखन में किशोरावस्था से ही रुचि। पहली कहानी मुम्बई से प्रकाशित नवभारत टाइम्स में छपी। फिर दूसरी प्रमुख कहानी ‘धर्मयुग’ में और सिलसिला चल निकला।

1987 में एकाएक ‘जनसत्ता’ में पत्रकारिता से जुड़ गए। जिला एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकरिता करते हुए धर्मयुग में भी कई रपटें लिखीं। यहाँ से ज्ञान और जिज्ञासा बहुमुखी होकर जीवन, जगत और प्रकृति से तादात्म्य स्थापित करते हुए अचानक ही विविध विषयों के मर्म को आत्मसात करने की अन्तरदृष्टि ग्रहण कर ली और देश भर के समाचार-पत्रों में अग्रलेख लिखने का काम शुरू हो गया। गोया कि शब्द सृजन आजीविका का मुख्य साधन व साध्य बन गया। इस कारण साहित्य-सृजन पिछड़ गया। इस बीच आज तक समाचार चैनल से भी जुड़ गए। अलबत्ता 2008 में हंस में छपी कहानी मुक्त होती औरत के प्रकाशन और प्रसिद्धि के साथ एक बार फिर से कहानी व उपन्यास लेखन की परिकल्पना कागज पर उतरने लगी।

बरहहाल, प्यास भर पानी, नौकरी (उपन्यास) शहीद बालक, बाल उपन्यास, पहचाने हुए अजनबी, शपथ-पत्र, लौटते हुए और मुक्त होती औरत (कहानी संग्रह) आम आदमी और आर्थिक विकास, (आर्थिक मामले) भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल (भाषा और षिक्षा), मीडिया का बदलता स्वरूप (पत्रकारिता) वन्य जीवन एवं पर्यावरण संरक्षण और वन्य-प्रणियों की दुनिया यवन्य प्राणी एवं पर्यावरणद्ध 1857 का लोक-संग्राम और रानी लक्ष्मीबाई (इतिहास) पुस्तकें प्रकाशित। वन्य-जीवन पर दस लघु-पुस्तिकाएँ भी प्रकाशित।

वैचारिक या सांगठनिक प्रतिबद्धता से मुक्त होने के बावजूद अनेक सम्मानों से सम्मानित। मध्य प्रदेश लेखक संघ, भोपाल द्वारा बाल साहित्य के क्षेत्र में 2008 का चंद्रप्रकाश जायसवाल सम्मान। 2009 मध्य प्रदेश शासन का रतनलाल जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के लिये डॉ. धर्मवीर भारती सम्मान। भवभूति शोध संस्थान, डबरा द्वारा भवभूति अलंकरण। मध्य प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकार संगठन, भोपाल द्वारा सेवा सिंधु सम्मान। मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, कोलारस द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकालिक सेवाओं के लिये सम्मानित। पत्रकारिता के लिये पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी द्वारा मिर्जापुर में ‘टर्निंग इंडिया’ सम्मान। सम्प्रति सम्पादक, शब्दिता संवाद सेवा, संवाददाता आज तक, शिवपुरी।

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