पश्चिमी बंगाल

Submitted by Hindi on Mon, 08/22/2011 - 09:01
पश्चिमी बंगाल राज्य, स्थिति : 25 0 उ.अ. तथा 90 0 पू.दे.। भारत गणतंत्र का यह राज्य है। इसका क्षेत्रफल 33,829 वर्ग मील है। 1947 ई. में संपूर्ण बंगाल पश्चिमी एवं पूर्वी बगांल दो भागों में बाँट दिया गया। मुस्लिम बहुल क्षेत्र ढाका और चटगाँव डिविजन प्रेसीडेंसी का एक भाग राजशाही डिविजन पूर्वी पाकिस्तान में चले गए और शेषांश पश्चिमी बंगाल में आए।

पश्चिमी बंगाल के पूर्व में पाकिस्तान, पश्चिम में विहार राज्य, उत्तर में नेपाल, भूटान और सिक्किम, दक्षिण में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम में उड़ीसा राज्य तथा उत्तर-पूर्व में असम राज्य है। शासन की दृष्टि से इसे बर्धमान एवं प्रेसीडेंसी दो डिविजनों एवं 16 जिलों कलकत्ता, कूचबिहार, 24 परगना, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, नदिया, पश्चिम दिनाजपुर, पुरुलिया, बर्धमान, बाँकुड़ा, मालदह, मुर्शिदाबाद, मेदिनीपुर, पुरुलिया, वर्धमान, बाँकुड़ा, मालदह, मुर्शिदाबाद, मेदिनीपुर, हाबड़ा एव हुगली में बाँट दिया गया है। इस राज्य का उत्तरी भाग ऊँचा तथा दक्षिणी भाग बहुत नीचा है। इस राज्य का भूभाग नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बना है जो अधिकांशत: दलदली है। हुगली, दामोदर, रूपनारायण, मयूराक्षी, कंसई तथा भागीरथी आदि नदियाँ यहाँ बहती हैं।

वनस्पति  राज्य का 2,680 वर्ग मील भाग सघन जंगलों से भरा पड़ा है। ये जंगल उत्तर में कूचबिहार, जलपाईगुडी, दार्जिलिंग एवं दक्षिण में सुदरंवन में हैं। सुंदरवन का केवल पश्चिती भाग इस राज्य में है। यहाँ के उत्तरी जंगलों में साल, सागौन, बाँस आदि के वृक्ष प्रमुख रूप से मिलते हैं। सुंदरवन में सुंदरी के वृक्ष तथा दियसलाई की लकड़ी प्राप्त होती है। संपूर्ण राज्य में ताड़, नारियल एवं केले के वृक्ष मिलते हैं।

यहाँ के जंगलों में शेर, चीता एवं बाघ मिलते हैं। यहाँ का बाघ बंगाल टाइगर के नाम से प्रसिद्ध है। कूचबिहार के जंगलों में हाथियों की बहुलता है। अत: हाथीदाँत बड़ी मात्रा में यहाँ से प्राप्त होता हैं।

जलवायु  यहाँ की जलवायु उष्ण एवं आर्द्र है। यहाँ की वार्षिक औसत वर्षा 80  है। यहाँ 21 से 27 सें. तक ताप रहता है। उत्तरी दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी एवं कूचबिहार की जलवायु शीतल है। ये क्षेत्र पहाड़ी हैं और यहाँ वर्षा अधिक होती है। आर्द्र जलवायु के कारण यहाँ मच्छर बहुत हैं।

कृषि  यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। धान और जूट यहाँ की मुख्य उपजें हैं। उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में चाय के बगीचे हैं। चना, अलसी, जौ, गन्ना एवं तंबाकू यहाँ की अन्य उपजे हैं। जापानी ढंग से धान की खेती करने की पद्धति यहाँ अपनाई जा रही है, जिससे पैदावार की मात्रा में वृद्धि हो रही है।

खनिज  इस राज्य में स्थित रानीगंज कोयले का धनी क्षेत्र है। 1963 ई. तक इस राज्य में कोयले की लगभग 228 खानें थीं। कोयले के अतिरिक्त ताँबा, टंगस्टन और अभ्रक भी इस राज्य में मिलते हैं।

उद्योग  स्वतंत्रताप्राप्ति के पश्चात्‌ दुर्गापुर में इस्पात का कारखाना स्थापित किया गया है। इसमें उत्पादन भी आरंभ हो गया है। राज्य में मयूराक्षी एवं कंसावती की विद्युत्‌ एवं सिंचाई योजनाएँ निर्माणाधीन हैं। टीटागढ़ में कागज का कारखाना, बाटानगर में जूते का कारखाना, चितरंजन में रेलवे इंजन बनाने का कारखाना तथा बर्नपुर में रेल के डिब्बे बनाने का करखाना है। राज्य में लोहे, काँच, चमड़ा, इंजीनियरी एवं जूट के सामान बनाने तथा सूतीवस्त्र, साबुन, होजरी के उद्योग हैं। आसनसोल एवं बेलूर में ऐल्यूमिनियम की बेलन मिलें हैं। ताड़ का गुड़ बनाना, नारियल की जटा से रस्से बनाना, नारियल से तेल निकालना, खादी और हाथ से कागज बनाने की कुटीर उद्योग भी हैं। मुर्शिदाबाद एवं जलपाईगुड़ी रेश्म के वस्त्र बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। शांतिपुर में भी सती वस्त्र बनाने के कुटीर उद्योग हैं। बहरमपुर में रेश्म के कीड़े पालने का प्रशिक्षण देने के लिए राजकीय केंद्र हैं।

यातायात  राज्य में घोर वर्षा एवं नदियों की बहुलता के कारण सड़कों की संख्या कम है। नदियों एवं नहरों के द्वारा यहाँ यातायात अधिक होता है। दुर्गापुर को भी हुगली की नौगम्य नहर द्वारा राज्य के अन्य भागों से जोड़ दिया गया है। कलकत्ते से दिल्ली होती हुई पेशावर तक ग्रैंड ट्रंक रोड जाती है। यहाँ से भारत के प्रत्येक भाग में रेलें जाती हैं। राज्य के सभी नगर रेलों से जुड़े हैं।

शासन  राज्य में द्विसदनी विधानमंडल है। विधानसभा के 252 सदस्य तथा विधान परिषद् के 75 सदस्य हैं। शासन का सर्वोच्च अधिकार गर्वनर के हाथ में है जो मुख्य मंत्री की सहायता से शासन प्रबंध करता है। (अ.ना.मे.)

इस राज्य में कलकत्ता, यादवपुर, कल्यानी, वर्धमान एवं विश्वभारती आदि विश्वविद्यालय हैं। यहाँ प्रति 1,000 व्यक्ति में 293 व्यक्ति शिक्षित हैं। राज्य का उच्च न्यायालय कलकत्ता में स्थित है और इस न्यायालय की सीमा के अंतर्गत अंदमान और निकाबार द्वीपसमूह भी आता है। राज्य के प्रमुख नगर कलकत्ता, आसनसोल, दार्लिलिंग, भाटपाड़ा, खड़गपुर, बर्धमान, हावड़ा आदि हैं। दार्जिलिंग यहाँ का पहाड़ी नगर है जो समुद्रतल से 7,462 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। कलकत्ता इस राज्य की राजधानी एवं प्रमुख नगर है जिसकी जनसंख्या 29,27,289 (1961) थी।

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संदर्भ
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