पूरू

Submitted by Hindi on Sat, 08/20/2011 - 10:19
पूरू यह दक्षिणी अमरीका में प्रशांत महासागर तट पर एक गणतंत्र है जिसके उत्तर में एक्वाडॉर, उत्तर - पूर्व में कोलंबिया, पूर्व में ब्राजिल, दक्षिण-पूर्व में बोलिविया, चिली एवं दक्षिण-पश्चिम में प्रशांत महासागर स्थित है। ब्राजिल और अर्जेनटीना के बाद यह दक्षिण अमरीका का तीसरा बड़ा देश है जिसका क्षेत्रफल 4,96,093 वर्ग मील तथा अनुमानित जनसंख्या 1,16,75,000 (1962) थी। पेरू उत्तर से दक्षिण 1,410 मील लंबा तथा पूर्व से पश्चिम 800 मील चौड़ा है। 52 सरिताओं में से केवल 10 सरिताएँ ही ऐंडीज पर्वत को पार कर प्रशांत महासागर में गिरती हैं, शेष रेगिस्तानी मैदान में ही विलीन हो जाती है।

पेरू को तीन प्राकृतिक विभागों में बाँटा गया है :
1. समुद्रतीट भाग- समुद्रतट से लेकर 5,000 फुट की उँचाई तक पाया जाता है। यह वर्षाहीन तथा मरुस्थली क्षेत्र है जहाँ लगभग 40 मरुद्यान पाए जाते हैं। समुद्रतर्टीय क्षेत्र पेरू के 11% भूभाग में फैला हुआ है जहाँ देश की 25% जनसंख्या निवास करती है। यही भाग देश की आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक कार्यकलापों का केंद्र है। इसी भाग में देश की राजधानी (सीमा), बंदरगाह, खनिज तेलक्षेत्र तथा सिंचित कृषिक्षेत्र हैं। यहाँ बहुत से खाद्यान्न उगाए जाते हैं। कपास और चीनी का निर्यात किया जाता है। पेरू या हंबोल्ट की ठंढी धारा के कारण समुद्रतटीय ताप नीचा हो जाता है। पेरू या हंबोल्ट की ठंढी धारा के कारण समुद्रतटीय ताप नीचा हो जाता है अत: जलवायु साल भर सम एवं स्वास्थ्यवर्धक रहती है। जुलाई से अक्टूबर तक आसमान बादलों से घिरा रहता है, किंतु वर्षा नहीं होती। वार्षिक औसत ताप 180 सें. तथा वर्षा 108 इंच (लीमा में) है। नागफनी, घास एवं मरुस्थली वृक्ष यहाँ पाए जाते हैं। नदियों की घाटियों में यूकेलिप्टस और मेक्वाइट वृक्ष मिलते हैं। तट के किनारे काड, टूना, बोनिटो, हैडक, मैकेरल, सील, ह्वेल तथा लोबस्टर मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।

2. सिएरा उच्च भाग- यह 5,000 फट से 20,000 फुट तक ऊँचा तथा 200 से 250 मील तक चौड़ा है। इसकी औसत ऊँचाई 12,000 फुट है। पेरू की सर्वोच्च चोटी बासकारान (Huascaran) 22,200 फुट ऊँची है। कुछ छोटी हिमसरिताओं के अवशेष भी मिलते हैं। पेरू के 33% भूभाग में विस्तृत इस क्षेत्र में देश की 62% जनसंख्या नदी की घाटियों एवं पर्वतीय ढालों पर निवास करती है। इस क्षेत्र का वार्षिक औसत ताप 120 सें. तथा वर्षा 23 इंच है। ऊनवाले पशु लामा, अल्पाका, क्वानाको, विकूना एवं समूरधारी पशु बहुत अधिक मिलते हैं। कोका वृक्ष से कोकेन बनाया जाता है।

3. मॉन्टैना- इस क्षेत्र के अंतर्गत ऐंडीज की निचली ढाल तथा जंगलों से ढका हुआ ऐमाजॉन का मैदान आता है। इसका विस्तार देश के 56% भूभाग पर है, लेकिन केवल 13% जनसंख्या ही यहाँ निवास करती है। अधिक गरमी, अधिक वर्षा तथा जलनिकासी की अच्छी व्यवस्था न होने के कारण इस क्षेत्र में वनों की अधिकता है। यहाँ का औसत ताप 240 सें. तथा -------page 336 पर 130 इंच है। वन हो यहाँ के निवासियों की आप के मुख्य साधन हैं। इबोनी, महोगनी, रबर, सीडार, सिकोना तथा अन्य बहुत से रेशेदार पौधे यहाँ पाए जाते हें।

इस देश में बहनेवाली मुख्य नदियाँ मरान्यॉन, वायागा (Huallaga), आपूरीमाक, ऊरुबंवा, नापो एंव माद्रे दे द्योस हैं, जो सिएरा के उच्च भाग से निकलकर उत्तर और पूर्व के मॉणटैना से होकर बहती हुई ऐमाजॉन नदी में मिल जाती हैं। टिटिकाका और हूनीन (ख्द्वदत्द) पेरू की महत्वपूर्ण झीलें हैं जो क्रमश: 12,500 फुट तथा 13,000 फुट की ऊँचाई पर है।

यह देश 23 प्रशासकीय विभागों तथा कायाओ (प्रांत) में बँटा हुआ है। लीमा (राजधानी; 12,62,107), कायाओ सिटी (Callao city, 1,35,244), आरेकीया (1,29,310), कूस्को (72,120), ट्रूहीयो (Trujillo, 65,030) चिक्लायो (72,256) लोमास तथा मायेडा आदि मुख्य नगर हैं। यहाँ का राज्यधर्म रोमन कैथोलिक है। पेरू में 7 वर्ष से 16 वर्ष तक के लड़कों एवं लड़कियों के लिये प्रारंभिक तथा माध्यमिक शिक्षा दी जाती है। उच्च शिक्षा लीमा के केंन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा आरेकीपा, कूस्को एवं ट्रहीयो के राजकीय विश्वविद्यालयों में दी जाती है। इनके अतिरिक्त लोमा में कैथोलिक विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय कृषि एवं इंजीनियरिंग कालेज हैं।

इस देश की अधिकांश जनसंख्या (लगभग 62%) कृषि पर निर्भर है। मक्का यहाँ की आदि फसल है तथा सारे देश में उगाई जाती है। कृषि उपज में कपास, गन्ना, मक्का, आलू, जई, गेहूँ, कहवा और धान मुख्य हैं। पूर्वी भागों में काफी, तंबाकू, कूनैन, रबर आदि तथा तटीय क्षेत्र में धान, मक्का, महत्वपूर्ण उद्योग है। तटीय भागों में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। मत्स्य उद्याग से संबंधित लगभग 220 कारखानें हैं। निर्यात व्यापार में ताँबा, कपास, चीनी के बाद चौथा स्थान मत्स्य वस्तुओं का है। खनिजों में सीसा, ताँबा, सोना, लोहा, जस्ता, खनिज तेल, ऐंटीमनी, कांसा, टगस्टन, वेराइट और टिन उल्लेखनीय खनिज हैं। यह विश्व में चाँदी का सबसे बड़ा उत्पादक हैं। कोयला, मैंगनीज ओर नेफेलीन के भी निक्षेप हैं। खनिज तेल एवं उसके उपजात का निर्यात किया जाता है।

पेरू का सर्वप्रमुख उद्योग वस्त्र उद्योग है। यहाँ के कारखानों ऊनी, सूती, रेशमी एवं कृत्रिम रेशमी कपड़े बुने जाते हैं। भोज्य पदार्थो, जैसे आटा, तेल एवं मिठाइयों आदि के उद्योगों का द्वितीय स्थान है। अन्य उद्योगों में सीमेंट, जूता, टायर एवं रबर के पदार्थ, रंग, दियासलाई, साबुन काच, उर्वरक प्लास्टिक तथा रसायन उद्योग उल्लेखनीय हें। चिबोटे में लौह इस्पात का कारखाना तथा लीमा मे अग्निनिरोधक ईटों के निर्माण का कारखाना है।

सड़कमार्ग द्वारा पेरू प्रशांत एवं ऐटलैंटिक महासागरीय तटों से मिला हुआ है। सीमा को दक्षिणी अमरीका के सभी गणतंत्रों की राजधानी से वायुमार्ग गया है। पेरू की अंतरराष्ट्रीय वायुसेवा भी महत्वपूर्ण है। पेरू में 58 प्रसारण केंद्र, कई अच्छे अस्पताल एवं सिनेमागृह हें। अधिकांश सांस्कृतिक संस्थाएँ पेरू की राजधानी सीमा में हैं। इनमें राष्ट्रीय पुस्तकालय, राष्ट्रीय अभिलेखागर, पुरातत्व एवं नरतत्वीय विज्ञान का राष्ट्रीय संग्रहालय तथा ललित कला का राष्ट्रीय संग्राहलय बहुत ही प्रसिद्ध हैं।

आयात की प्रधान वस्तुएँ गमनागमन के सामान तथा यंत्र और जनता द्वारा प्रयुक्त सामान हैं। निर्यात की वस्तुओं में ताँबा, कपास, ऊन, कहवा, कुनैन, चीनी, मत्स्य सामग्री, खनिज तेल एवं उसके उपजात मुख्य हैं।, ला पुंटा में नौसैनिक विद्यालय, कायओं सिटी में पनडुब्बी का अड्डा, इक्विटास में जलयान अड्डा है। तलारा, चिक्लायो, पियूरो ओर लास पालमास में सैनिक हवाई अड्डे हैं। (हरि हर सिंह)

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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