प्यासी हूं मैं तुझको पिला के!

Submitted by Hindi on Sat, 08/27/2011 - 11:07
Source
यू-ट्यूब


दुनिया बड़ी ही विचित्र है। कुदरत ने इतने सारे अनमोल उपहार दिये हैं इंसानों को। कुदरत को अगर गौर से देखें तो हमेशा प्यार और भाई-चारे का संदेश देती नजर आती है। लेकिन इंसानी हवस, उसे पहचान ही नहीं पाती।

आज हर ओर पानी के लिये त्राहि-त्राहि मची हुई है लेकिन ऐसे में भी कुछ लोग स्विमिंग पुलों में गोते लगा रहे हैं, फव्वारों के नीचे घंटों नहाने का लुत्फ ले रहे हैं तो दूसरी ओर नन्हें-कच्चे पांव मीलों भटक रहे हैं एक घूंट पानी की तलाश में।

उस नन्हें मन की अभिव्यक्ति करता हूं चित्रमय यह गीत...
 

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