फिनलैंड

Submitted by Hindi on Mon, 08/22/2011 - 12:50
फिनलैंड स्थिति : 59° 48¢ से 70° 5¢ उ. अ. तथा 20° 33¢ से 31° 35¢ पू. दे.। यह यूरोप में रूस और स्वीडन के मध्य में स्थित एक देश है। सन्‌ 1917 में रूसी क्रांति के बाद यह स्वतंत्र घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चिम में स्वीडन, उत्तर तथा पश्चिम-उत्तर में नॉव, उत्तर-पूर्व में रूस, दक्षिण में फिनलैंड की खाड़ी और पश्चिम में बोथेनिया की खाड़ी स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 3,37,009 वर्ग किमी. है। यह 12 प्रांतों में बँटा है।

धरातल - फिनलैंड का दक्षिणी तथा पश्चिमी भाग सागरतटीय मैदानों से युक्त है। इसके मध्य भाग में हिर्मयुग में बनी लगभग 35,500 झीलें हैं। सैमा (Saima) सबसे बड़ी झील है। उत्तरी भाग ऊँचा तथा वनों से ढका है। समुद्री तट कटा फटा तथा छोटे छोटे 30,000 से भी अधिक द्वीपों से युक्त है।

जलवायु - यहाँ की जलवायु सम है। शीत ऋतु में यहाँ का ताप हिमांक से नीचे रहता है, किंतु गल्फस्ट्रीम गर्म धारा के कारण तट जमने नहीं पाता। यहाँ की वर्षा का औसत 21 इंच है, जो अधिकांशत: बर्फ के रूप में होती है।

जनसंख्या एवं प्रमुख नगर - यहाँ की जनसंख्या 44,76,900 (1960) है। हेलसिंकी (Helsinki जनसंख्या 4,67,371) यहाँ की राजधानी है। हेलिसिंकी के अलावा आबो, टमीफॉर्स तथा विबार्ग प्रमुख नगर हैं। फिन्नी और स्वीड यहाँ की प्रमुख भाषाएँ हैं।

कृषि - कृषि थोड़ी मात्रा में अधिकतर समुद्र तट, नदियों की घाटियों तथा झीलों के तटीय प्रदेशों में ही होती है। राई यहाँ की प्रमुख उपज है तथा जौ, आलू, जई, गेहूँ, चुकंदर आदि का भी उत्पादन होता है।

वन - यहाँ की आधी से अधिक भूमि शंकुधारी टैगा नामक वनों से ढकी है। यूरोप में सबसे अधिक इमारती लकड़ी यहाँ से प्राप्त होती है। चीड़, स्प्रूस, भूर्ज प्रमुख वृक्ष हैं।

खनिज - यहाँ पर केवल एक ही स्थान पर थोड़ा लोहा पाया जाता है। कुछ मात्रा में कोयला, पाइराइट, ताँबा, जिंक, निकल आदि मिलता है। जलशक्ति यहाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

उद्योग धंधे - यहाँ प्लाईवुड, कागज, लुग्दी, काष्ठमंड तथा लकड़ी की वस्तुओं का निर्माण होता है। लोहे एवं इस्पात के उद्योग टैंपीयर के पास स्थित है। सूती तथा ऊनी कपड़ों का भी निर्माण होता है।

यातायात - कम तथा बिखरी जनसंख्या, असम धरातल तथा कठोर जलवायु के कारण यातायात में कम उन्नति हो पाई है। जलमार्गों द्वारा लकड़ी ढुलाई का काम अधिक होता है। केवल दक्षिणी भाग में यातायात उन्नत है तथा बड़े बड़े नगर रेलों से जुड़े हैं।

व्यापर - यहाँ का व्यापार वनों तथा पशुओं पर निर्भर है। मशीनें, वस्त्र, खाद्यान्न, खनिज तेल एवं अन्य तेल, धातुओं रसायनकों तथा दवाइयों का आयात होता है तथा टिंबर और इसके उत्पाद, दूध तथा मक्खन, दफ्ती और कागज, लुग्दी, मशीनों आदि का निर्यात प्रमुख है।

जीवजंतु - यहाँ चरागाह अधिक होने से घोड़े, गाएँ, भैंसे, भेड़े, सूअर, मुर्गियाँ आदि पाली जाती हैं। झीलों में मछलियों का शिकार भी किया जाता है। जंगली जानवरों में समूरधारी जीव मिलते हैं। बारहसिंगा (elk), लोमड़ी एवं बीवर प्रमुख जंतु हैं।

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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