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दैनिक भास्कर, 24 दिसम्बर, 2017
सांभर झील भारत की खारे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील है। ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली दक्षिणी पश्चिमी हवाओं के कारण कच्छ की खाड़ी से सोडियम क्लोराइड के हवा से उड़कर आने वाले कण यहाँ गिरते हैं और बाद में यह पानी में घुलकर, इस खारे पानी की झील में तब्दील हो जाते हैं।
राजस्थान में जोधपुर से जयपुर की ओर रेलमार्ग से आते हुए सांभर झील दिखाई देती है। यह झील चारों तरफ से अरावली पर्वतमाला से घिरी हुई है। दूर से देखने पर यहाँ नमक के बड़े-बड़े धवल टीले दिखाई देते हैं, दरअसल इस झील के लवणीय पानी को क्यारियों में सुखाकर इनसे नमक बनाया जाता है।
राजस्थान में स्थित सांभर झील से उत्तम किस्म का नमक उत्पादित किया जाता है और यहाँ राज्य के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत नमक यहीं पर तैयार होता है। समुद्रतल से 1,200 फुट की ऊँचाई पर स्थित यह झील जब भरी रहती है तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्गमील तक रहता है। इसका अपवाह लगभग 500 वर्ग मीटर में फैला है, यह झील पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर लगभग 32 किलोमीटर लम्बी तथा 12 किलोमीटर तक चौड़ी है। गर्मी के दिनों में वाष्पीकरण की प्रक्रिया तीव्र होने के कारण इसका आकार बहुत कम रह जाता है।
इस झील में प्रतिवर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 6000 टन नमक होता है, इसका क्षेत्रफल लगभग 140 वर्ग किलोमीटर है। यह झील जयपुर व नागौर जिले की सीमा पर स्थित है। यह जयपुर की फुलेरा तहसील में जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ नमक का उत्पादन सांभर साल्ट्स लिमिटेड कम्पनी द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी और यहाँ सोडियम सल्फेट संयंत्र भी स्थापित किया गया है जिससे 50 टन सोडियम सल्फेट प्रतिदिन बनाया जाता है।
सांभर झील में चार प्रमुख जल धाराएँ
सांभर झील में चार प्रमुख जल धाराएँ- रूप नगर, मेघना, खारी और खांडेल आकर गिरती हैं जो वर्षाकाल में झील को जल से भर देती हैं। इस नदी का अपवाह क्षेत्र उत्तर में कांतली नदी, बेसिन से पूर्व में बाण्डी नदी प्रवाह क्रम, दक्षिण में मासी नदी बेसिन और पश्चिम लूनी नदी बेसिन से घिरा हुआ है। माना जाता है कि अरावली पर्वत के शिष्ट और नाइस के गर्तों में भरा हुआ गाद ही नमक का स्रोत है और गाद में स्थित घुलनशील सोडियम यौगिक वर्षा के दिनों में जल में प्रवेश करके नदियों द्वारा झील में पहुँचता है।
झील के चारों तरफ लगभग 38 गाँव
देश में नमक की इस सबसे बड़ी झील के चारों तरफ लगभग 38 गाँव बसे हुए हैं। इसका सांभर लेक कस्बा शूटिंग के लिये बॉलीवुड की पसन्दीदा जगह रहा है। यहाँ अब तक अनेक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। संजय लीला भंसाली की ‘रामलीला’, संजयदत्त अभिनीत ‘शेर’, राजकुमार हिरानी की चर्चित फिल्म ‘पीके’ के अलावा राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘दिल्ली-6’, ‘जोधा अकबर’, ‘वीर’ और ‘द्रोण’ जैसी फिल्मों की शूटिंग यहीं हुई है। कहते हैं आमिर खान का फिल्म पीके का पहला नंगे पोस्टर वाला दृश्य सांभर झील के झपोक रेलवे ट्रैक पर फिल्माया गया था। अंग्रेजों के जमाने में बनी इस रेलवे लाइन पर छोटी ट्रॉलीनुमा गाड़ियाँ ही चलती हैं या फिर नमक ढोने वाले वैगन। इस झील का बड़ा भू-भाग सूखा है जो लड़ाई और लाव-लश्कर के दृश्यों के लिये फिल्म निर्माताओं की पसन्दीदा जगह रहा है। नेशनल हाइवे से जुड़े जयपुर के नजदीक इस शान्त कस्बे में बहुत कम खर्च में ही फिल्मों की शूटिंग हो जाती है।