रेणुका झील

Submitted by Hindi on Tue, 08/30/2011 - 13:31
इतिशा शर्मा
रेणुका झीलरेणुका झीलवीकएंड पर आउटिंग के शौकीन रेणुका झील की ओर रुख कर सकते हैं। दिल्ली और हरियाणा से निकटता के कारण यह आइडियल वीकएंड हॉलिडे डेस्टिनेशन बन गई है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित रेणुका झील समुद्रतल से लगभग 2200 फुट की ऊँचाई पर है। पर्वतों से घिरी इस झील का सौंदर्य अद्भुत है। चारों ओर फैली हरियाली इसके सौंदर्य को द्विगुणित करती हैं। प्रकृति प्रेमी सैलानियों को यहां आकर बेहद सुकून मिलता है। 3214 मीटर की परीधि में पसरी झील के चारों तरफ पक्की सड़क है। कार या बाइक से आने वाले सैलानियों को यह सड़क खासतौर पर आकर्षित करती है। वह इसका पूरा चक्कर लगा कर हर दिशा से झील की छवि निहारते हैं और हर दिशा से झील के एक अलग नजारे का लुत्फ उठाते हैं। कहीं झील में मंदिरों का लहराता प्रतिबिम्ब नजर आता है तो कहीं अडिग खड़े पहाड़ों का स्वरूप झील के पानी में हिलता दिखाई देता है। झील में बोटिंग की सुविधा भी है। बोट में बैठकर सैलानी घंटों झील के झिलमिलाते सौंदर्य और इसके आसपास फैली प्राकर्तिक छटा को निहारते हैं।

माना जाता है कि यह झील देवी रेणुका का प्रतिरूप है। इस बारे में यहां एक पौराणिक मान्यता प्रचलित है। कहते हैं यह वह स्थान है जहां परशुराम ने अपने पिता जमदग्नि द्वारा क्रोधवश दी गई आज्ञा पर अपनी माता रेणुका का वध कर दिया था। बाद में जब पिता ने उनसे वरदान मांगने को कहा तो उन्होंने माता को पुनर्जीवित करने का वरदान मांग लिया। उनकी माता पुनर्जीवित हुईं तो उन्होंने पुत्र को आशीर्वाद देकर एक जलराशि का रूप ले लिया। यही कारण है कि झील को माता रेणुका का प्रतिरूप मानकर यहां के लोग उनकी पूजा भी करते हैं। इस तरह यह एक तीर्थ भी है। यहां आने वाले सैलानी मंदिरों के दर्शन भी अवश्य करते हैं। यहां देवी रेणुका एवं भगवान शिव के मंदिर हैं। कुछ दूरी पर एक छोटी झील हैं। उसे परशुराम ताल कहते हैं। अपने हॉलिडे के साथ सॉफ्ट एडवेंचर भी जोड़ना हो तो सैलानी रेणुका वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी घूम सकते हैं। दरअसल यह झील रेणुका सेंचुरी के मध्य स्थित है। समय हो तो यहां के जंगलों में घूमा जा सकता हैं।

जंगल में घूमना अपने आप में किसी एडवेंचर से कम नहीं। यदि बर्डवॉचिंग का शौक हो तो और अच्छी बात है, क्योंकि यह सेंचुरी एक बर्डवॉचर पैराडाइज भी कही जाती है। यहां उन्हें कठफोड़वा, चकोर, लाल मुर्गी, जंगली उल्लु, रामचिरैया आदि खासतौर पर देखने को मिल जाएंगे। वैसे भी इन पक्षियों की भरमार इस सेंचुरी को हमेशा जीवंत बनाए रखती है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के युवाओं के लिए तो रेणुका एक रेगुलर वीकएंड डेस्टिनेशन है। ठहरने के लिए हिमाचल पर्यटन का रेणुका होटल और कैफे एवं कुछ अन्य होटल भी हैं। पर्यटक चाहें तो नाहन में भी ठहर सकते हैं। अपने वाहन से जाने वाले पर्यटक नाहन की दिशा से रेणुका जाकर पोंटासाहिब होते हुए देहरादून से वापसी का विकल्प भी अपनाते हैं। हर वर्ष नवंबर में वहां रेणुका मेला लगता है। उस मौके पर पर्यटकों को हिमाचल की लोक संस्कृति के दर्शन होते हैं।

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