रघुवीर सहाय

Submitted by admin on Sat, 12/14/2013 - 09:27

(9 दिसंबर, 1927-30 दिसंबर, 1990)



‘नयी कविता’ के प्रमुख कवि, कहानीकार, अनुवादक एवं पत्रकार। ‘दूसरा सप्तक’ में संकलित।

प्रमुख कृतियां :


‘दूसरा सप्तक’, ‘सीढ़ियों पर धूप में’, ‘आत्महत्या के विरुद्ध’, ‘हंसो, हंसों जल्दी हंसो’, ‘लोग भूल गए हैं’ और ‘कुछ पते और चिट्ठियां’ (सभी कविताएं); ‘जो आदमी हम बना रहे हैं’, ‘दिल्ली मेरा परदेस’, ‘लिखने का कारण’, ‘ऊबे हुए सुखी’, ‘यथार्थ यथास्थिति नहीं’ (सभी कहानियां एवं निबंध)। इनके अतिरिक्त विश्व की कुछ प्रमुख साहित्यिक रचनाओं का अनुवाद।

वृत्ति :


साहित्यिक पत्रिकाओं- ‘प्रतीक’, ‘कल्पना’ एवं ‘वाक्’ के संपादक-मंडल से संबद्ध रहने के बाद ‘नवजीवन’ और ‘नवभारत टाइम्स’ में विशेष संवाददाता बनने के पश्चात् ‘दिनमान’ के प्रधान संपादक।अनेक पुरस्कारों व सम्मानों के अतिरिक्त 1984 में ‘लोग भूल गए हैं’ कविता-संग्रह के लए साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित।

संपर्क :


श्रीमती विमलेश्वरी सहाय, सी-3, प्रेस एन्कलेव, साकेत, नई दिल्ली-110017।