रिस्पना नदी को नया जीवन देंगे तालाब

Submitted by Hindi on Mon, 03/19/2018 - 13:04
Source
अमर उजाला, 19 मार्च 2017

तालाबों के माध्यम से रिस्पना नदी को नया जीवन मिलेगा। साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ाने के लिये 5300 रिसाव टैंक बनेंगे। इन सभी कार्यों पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। वन विभाग ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नदी के पुनर्जीवन के लिये जो प्रोजेक्ट भेजा था, उसे हरी झंडी मिल गई है।

रिस्पना नदी का उद्गम स्थलवन संरक्षक यमुना वृत्त प्रसन्न पात्रों ने बताया कि वन विभाग नदी के 2100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में काम करेगा। यह क्षेत्र मसूरी वन प्रभाग के अंतर्गत आता है। इसके तहत नदी के कैचमेंट एरिया में 35 बड़े आकार के तालाब बनाए जाएँगे। इसके अलावा 530 कंटूर ट्रेंच, 5300 रिसाव टैंक, 81 बड़े और 200 छोटे चेकडैम बनाए जाएँगे। इसका काम नदी के जलस्तर को बनाए रखने में मदद करना है। बरसात में जो पानी आएगा पहले वह तालाबों में जमा होगा, इसके बाद नदी में जाएगा। इससे भूजल स्तर भी बढ़ेगा। राज्य सरकार ने रिस्पना नदी के पुनर्जीवन की योजना बनाई है, इसमें कई विभाग सहयोग कर रहे हैं। इसी के तहत वन विभाग ने पर्यावरण, वन जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नेशनल हिमालयन स्टडीज के तहत ‘जल प्रबंधन’ मृदा संरक्षण-जलीय जीव एवं भूमिगत जलस्रोत नाम से एक प्रोजेक्ट भेजा था।

इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय मंत्रालय ने मामूली संशोधन के बाद मान लिया है। केंद्र सरकार तीन साल तक चलने वाले प्रोजेक्ट के लिये करीब साढ़े पाँच करोड़ की राशि देगी। इस राशि से वन विभाग केवल आरक्षित वन भूमि के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में काम कर सकेगा।

100 हेक्टेयर में होगा पौधरोपण : वन संरक्षक पात्रों के अनुसार नदी के कैचमेंट एरिया में 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चरणबद्ध तरीके से पौधरोपण का काम शुरू करेगा। इसमें ईको टास्क फोर्स भी मदद करेगा। बाकी नदी के क्षेत्र में दूसरे विभाग काम करेंगे। नदी के कैचमेंट एरिया का निरीक्षण हो चुका है। जल्द ही काम शुरू होगा।

कोसी नदी का प्रोजेक्ट भेजेंगे : वन विभाग रिस्पना नदी की तर्ज पर ही कुमाऊं मंडल की महत्त्वपूर्ण कोसी नदी के लिये केंद्र से मदद लेने की योजना बना रहा है। इसके लिये प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी अल्मोड़ा प्रभाग को सौंपी गई है।