(Definition in Hindi) वह सिद्धांत जिसके अनुसार श्वसन श्रृंखला की चयापचयी अभिक्रियाओं से मुक्त होने वाली ऊर्जा को झिल्ली के पार प्रोट्रॉनों की विद्युत्रासायनिक प्रवणता (electrochemical gradient) के रूप में संरक्षित किया जा सकता है। बाद में इस प्रवणता का ए.टी.पी. (ATP) के संश्लेषण के लिए काम में लाया जाता है।