रतलाम 1. जिला, भारत के मध्यप्रदेश राज्य में, राजस्थान की सीमा के पास एक जिला है। इसका क्षेत्रफल 1,727 वर्ग मील है। इस जिले में सैलाना, जावरा, आलोट और रतलाम नामक चार तहसीलें हैं। जिले का पूर्वी भाग मालवा के पठार का ही भाग है, लेकिन इसकी मिट्टी काली और अधिक उपजाऊ है तथा यहाँ की मुख्य फसलें गेहूँ, चना, गन्ना तथा कपास है। पश्चिमी भाग मुख्यत: पहाड़ी एवं जंगली है। विंध्य पर्वत श्रेणियों की ऊँचाई कहीं भी समुद्रतट से 1,900 फुट से अधिक नहीं है। पश्चिमी भाग मुख्यत: पहाड़ी होने के कारण इस भाग में केवल मक्का तथा कुछ छोटे-छोटे धान्य, जैसे कोदरा, कंगनी, भादली और सामली की उपज हाती है। रतलाम जिले में बहनेवाली मुख्य नदियाँ चंबल, शिप्रा एवं माही है। चंबल एवं शिप्रा में पंप लगाकर 'लिफ्ट इरिगेशन' द्वारा सिंचाई होती है। अधिकांश सिंचाई कुओं से होती है। इस जिले की जलवायु समशीतोष्ण है। वार्षिक वर्षा का औसत 33 इंच है। सूती वस्त्र, होज़री, कार्डबोर्ड, कागज, चीनी एवं बिस्कुट निर्माण तथा कपास से बिनौला अलग करने के उद्योग उल्लेखनीय हैं।
2. नगर, स्थिति : 23015' उ.अ. तथा 750 पू.दे.। मालवा के पठारी भाग में, इंदौर से 65 मील उत्तर-पश्चिम स्थित रतलाम जिले का प्रशासनिक व्यापारिक एवं रेलमार्गों का केंद्र है। यहाँ सूती एवं रेशमी वस्त्र, चीनी तथा सुंघनी और तंबाकू का निर्माण होता है। करघा उद्योग उन्नत दशा में है। रतलाम नामक भूतपूर्व देशी रियासत की राजधानी रह चुका है। महाराजा का महल दर्शनीय है। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)
2. नगर, स्थिति : 23015' उ.अ. तथा 750 पू.दे.। मालवा के पठारी भाग में, इंदौर से 65 मील उत्तर-पश्चिम स्थित रतलाम जिले का प्रशासनिक व्यापारिक एवं रेलमार्गों का केंद्र है। यहाँ सूती एवं रेशमी वस्त्र, चीनी तथा सुंघनी और तंबाकू का निर्माण होता है। करघा उद्योग उन्नत दशा में है। रतलाम नामक भूतपूर्व देशी रियासत की राजधानी रह चुका है। महाराजा का महल दर्शनीय है। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)
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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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