रूस

Submitted by Hindi on Tue, 08/23/2011 - 09:38
रूस (सोवियत संघ) यूरोप के पूर्वार्ध और उत्तरी तथा मध्य एशिया के त्रितीयांश में फैला हुआ यह विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्र है। पहले यह समाजवादी गणतंत्रों के सोवियत का संघ, अर्थात्‌ यूनियन ऑव सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक्स के अतंर्गत था। विस्तार में यह भारत से सात गुना बड़ा है। इसका पूर्व से पश्चिम तक विस्तार 6,000 मील है, जो पृथ्वी की परिधि का प्राय: चतुर्थांश है तथा दक्षिण से उत्तर तक इसका विस्तार 3,700 मील है। इसके पश्चिम में नॉर्वे, फिनलैंड, पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया, हंगरी एवं रोमानिया, दक्षिण में टर्की, ईरान, अफगानिस्तान, चीन एवं मंगोलिया, पूर्व में बेंरिग जलडमरूमध्य और उत्तर में आर्कटिक महासागर है। रूस का क्षेत्रफल 86,49,821 वर्ग मील, अर्थात्‌ पृथ्वी के स्थलभाग का सप्तमांश है।

रूस एक स्वतंत्र राष्ट्र है और यहाँ जनवादी गणतांत्रिक शासनव्यवस्था है। यह संयुक्त राष्ट्रसंघ का स्थायी सदस्य है। इसकी राजधानी मॉस्को एवं राष्ट्रभाषा रूसी है। इसका राष्ट्रध्वज लाल रंग का है, जिसमें हँसुए और हथौड़े का च्ह्रि रहता है और जो श्रमिकों एवं किसानों की शक्ति का द्योतक है।

प्राकृतिक बनावट- प्राकृतिक बनावट की महत्वपूर्ण आकृति विस्तृत रूसी मैदान है, जो यूरोप से प्रारंभ होकर येनिसी नदी तक फैला है। इसमें उफा पठार और वॉल्गा आदि उच्च भूमियों को छोड़कर शायद ही कुछ भाग 1,000 फुट से ऊँचे हों। अल्टाई से बाइकाल झील तक विस्तृत कैलेडोनियन पर्वतों की ऊँचाई 1,000 फुट से अधिक नहीं है। यूरोपीय रूस तथा एशियाई रूस के मध्य, उत्तर से दक्षिण यूरैल पर्वत फैला हुआ है। मध्य एशिया में कैस्पिऐन से सिंज़ियांग तक विस्तृत ऐल्पाइन पर्वत की चोटियाँ काफी ऊँची हैं। कॉकेशस में माउंट एल्बुर्ज 18,470 फुट ऊँची चोटी है।

जलप्रवाह- रूस का आधा जलप्रवाह ऐसे सागर में है जो अधिकतर जमा रहता है। चतुर्थांश जल कैस्पिऐन एवं अराल जैसे घिरे समुद्रों में तथा शेष चतुशि ऐटलैंटिक, या प्रशांत महासागर में गिरता है। यहाँ की नदियों में उत्तरी ड्विना, आँबें, येनिसी, लीना, डोन, नीपर, बूग, नीस्टर, वॉल्गा, यूरैल, पश्चिमी ड्विना तथा आमुर आदि हैं। नदियाँ लंबी और उनकी प्रवाह तलहटियाँ विस्तृत हैं। ये नदियाँ शीत काल में जम जाती हैं और ग्रीष्म काल में ऊपरी भागों में बर्फ पिघलने से इनमें बाढ़ आ जाती है।

जलवायु- रूस में महाद्वीपीय जलवायु पाई जाती है। शीतकाल में संपूर्ण रूस का ताप हिमांक से नीचे रहता है। शीतकाल दक्षिण-पश्चिम में एक मास तथा पूर्वोत्तर में आठ मास का होता है। पूर्वी साइबीरिया और मंगोलिया के उच्च दाब क्षेत्र से पश्चिम की ओर फैलनेवाली ठंढी हवाएँ मध्य एशिया, यूरोप तथा कांकेशस की ओर जाती हैं। ऐटलैंटिक सागरीय निम्न दाब का प्रभाव यूरेल के पूर्व में नहीं पहुँच पाता। पूर्वी एशिया में हवाओं के स्थल से चलने के कारण प्रशांत महासागर प्रभावहीन होता है। ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण में ताप 270 सं. तथा पूर्व में 90 सें. तक रहता है। वर्षा कम होती है। काला सागर के तट पर 100 इंच तक, यूरोपीय रूस के मध्य और पश्चिमांश में 24 इंच, पूर्वोत्तर साइबीरिया में 4 से 8 इंच, दक्षिणी गरम मरुभूमियों में 4 इंच तथा प्रशांत महासागरीय तट पर 40 इंच तक वर्षा होती है। काला सागर तट पर वर्षा अधिकतर बर्फ के रूप में होती है।

मिट्टी- टुंड्रा में दलदली और स्पंजी मिट्टी और इसके दक्षिणस्थ वन प्रदेश में अधिक वर्षा के फलस्वरूप अनुर्वर मिट्टी पाई जाती है। मिश्रित वन क्षेत्र में राख के रंग की उर्वर मिट्टी और इसके दक्षिणस्थ, वनहीन मैदान में काले तथा गाढ़े भूरे रंग की मिट्टी मिलती है। यूक्रेन में चेरनोज़म नामक अत्यंत उपजाऊ मिट्टी मिलती है। मध्य एशियाई मरुभूमि तथा अर्धमरुभूमि में रेतीली, कॉकेशस तथा काला सागर के तट पर आर्द्र और उप-अयनीय क्षेत्र में उर्बर पीली एवं लाल मिट्टयाँ मिलती हैं।

वनस्पति- टुंड्रा प्रदेश की मुख्य वनस्पति काई और सेवार है। कोणधारी वनों की रूस में प्रधानता है और इनमें फर, लार्च, चीड़ तथा स्प्रूस मुख्य वृक्ष हैं। पूर्वी यूरोपीय मैदानों में मिश्रित कोणधारी पतझड़ वन हैं। साधारणत: पतझड़ वृक्षों के बीच, लिंडेन, एल्म, मेपल तथा बाँज मुख्य हैं। घास के मैदान में लंबी लंबी घासें उगती हैं। मरुभूमि क्षेत्र वनस्पतिहीन है।

जीवजंतु- टुंड्रा प्रदेश में रेंडियर, आर्कटिक लोमड़ी, खरगोश, लेमिंग आदि मिलते हैं। वन प्रदेशों में भूरे भालू, हरिण, रेंडियर, चूहे आदि मिलते हैं। उपअयनीय क्षेत्रों में मृग, भालू, हरिण, तेंदुआ, चीता, बाघ आदि मिलते हैं।

कृषि- रूस के अर्धांश में वन फैले हैं। पंचवर्षीय योजनाओं में कृषि में आधुनिक ढंगों तथा उन्नत मशीनों का व्यवहार तथा नए क्षेत्रों में कृषि का विस्तार हो रहा है। क्षेत्रफल में विशाल देश होते हुए भी कृषि योग्य भूमि की कमी है। कुल क्षेत्रफल का लगभग आधा भाग तो अति शीत के कारण कृषि के अयोग्य है। उत्पादन समय भी अति छोटा है। मध्य सोवियत संघ का हजारों वर्ग मील क्षेत्र अवर्षण के कारण कृषि के अयोग्य रहता है। बेलोरसिया जैसे भाग अतिवर्षण एवं दलदलों के कारण कृषि के अनुपयुक्त हैं। देश का केवल 6,00,000 वर्ग मील (देश का 7 प्रतिशत) से भी कम भूभाग कृषि योग्य है। सिंचाई की सुविधावाले क्षेत्रों में कपास के साथ साथ धान, चुकंदर, ऐल्फाल्फा, तंबाकू, फल तथा सब्जियाँ उगाई जाती हैं। अन्य मुख्य फसलें हैं बसंत में होनेवाला गेहूँ, शीत ऋतु में होनेवाला गेहूँ, राई, जई, जौ, मक्का, सन, पटुवा एवं सूर्यमुखी। गेहूँ एवं अन्य खाद्यान्न मुख्यतया कजाकस्तान, पश्चिमी साइबीरिया, युक्रेन एवं वॉल्गा क्षेत्र में, उत्तरी कॉकेशस में चकंदर, यूक्रेन एवं आर. एस. एफ. एस. आर. के मध्यवर्तीय काली मिट्टी के क्षेत्र में कपास, उज़वेकिस्तान के सिंचित क्षेत्र में तथा उत्तर-पश्चिमी रूस में सन एवं आलू उगाया जाता है। रूस में कृषि की दो प्रणालियाँ हैं : (1) प्राय: 18,000 सम्मिलित फार्मों पर कुछ कृषक व्यक्तिगत खेती करते हैं। द्वितीय, कृषि क्षेत्र में पंचमांश पर राजकीय फार्म हैं जिनमें सरकारी देखरेख में कृषका कार्य करते हैं।

खनिज एवं शक्ति के साधन- रूस के पास शक्ति के स्रोत एवं खनिजों की अधिकता तथा विभिन्नता दोनों है। यह इस दृष्टि से पूर्ण आत्मनिर्भर है। इसकी घोषणा के अनुसार इसके कच्चा लोहा, मैगनीज, ताँबा, जस्ता, सीसा, निकल, बॉक्साइट, टंग्स्टन, पारा, अभ्रक, पोटैश, नमक तथा कोयला के संचित भंडार विश्व में सबसे बड़े हैं। पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, फॉस्फेट्स, टिटेनियम, मोलिब्डेनम, यूरेनियम तथा गंधक के भी विशाल भंडार हैं। कोयला, डोनेत्स क्षेत्र (यूक्रेनं) में सबसे अधिक मिलता है। पेट्रोलियम कॉकेशस क्षेत्र वॉल्गा-यूरैल के मध्य, काजकिसतान और मध्य एशिया में मिलता है। संसार की 36% जलविद्युत्‌ शक्ति रूस में प्राप्त की जाती है।

उद्योग- पिछले 44 वर्षों से रूस ने उद्योगों में काफी उन्नति कर ली है। 1918 से 1961 ई. तक मशीन एवं धातुनिर्माण उद्योग में 300 गुनी, रसायनक एवं रबर ऐस्बेस्टॉस में 150 गुनी तथा विद्युत्‌ उपयोग में 161 गुनी वृद्धि हुई है। देश के श्उद्योग मॉस्को में केंद्रित हैं। मॉस्को में मोटरगाड़ियाँ, विद्युत्‌ सामान, विशेष इस्पात, मशीनों के औजार, रसायनक, संसाधित खाद्य सामग्री, छपाई तथा कपड़े संबंधी उद्योग हैं। इसके अतिरिक्त लेनिनग्रैड में देश के श्उद्योग केंद्रित हैं। यूक्रेन प्रमुख औद्योगिक गणतंत्र है। क्रिवाइरोग, स्टालिनो, माकेयेवका, लुगानस्क, नेप्रोपेट्रोफस्क तथा खारकोव प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं।

यातायात- साधनों के असमान वितरण के कारण रूसी आर्थिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग यातायात के साधन हैं। रूस में रेलों की लंबाई 75,000 मील है। यहाँ सभी प्रकार की कच्ची-पक्की सड़कों की लंबाई 1,30,000 मील है। रूस का समुद्री किनारा 27,600 मील लंबा है किंतु अधिकांश जाड़ों में जम जाता है; अत: बफभंजकों की सहायता से कुछ ही बंदरगाहों का उपयोग किया जाता है। अंतर्देशीय जलमार्ग में भी इसका प्रमुख स्थान है। श्वेत सागर (140 मील), वॉल्गा-मॉस्को (80 मील), वॉल्गा-मॉस्को (60 मील) तथा अन्य नहरों द्वारा श्वेत, बॉल्टिक, काला तथा कैस्पियन सागरों को जोड़ दिया गया है। वायुमार्ग भी उन्नत है।

धर्म- यत्र तत्र इस्लामी स्कूल हैं, किंतु स्कूलों में धार्मिक शिक्षा देने की मनाही है। पूजा, प्रार्थना की समिति अनुमति है, किंतु मौलवियों और पादरियों को राजनीतिक अधिकार नहीं हैं। रूस में कट्टर रूसी के अतिरिक्त मुसलमान, रोमन कैथोलिक, यहूदी, बौद्ध तथा लुथरन धर्मावलंबी रहते हैं। यहाँ धर्म की स्वतंत्रता है। कोई भी किसी धर्म की परंपराओं को अपना सकता है एवं धर्मविरोधी प्रचार भी कर सकता है। अधिकांश रूसी नास्तिक हैं तथा क्रांति के बाद 2.3 धार्मिक स्थानों को या तो बंद कर दिया गया, या अन्य काम में उनका उपयोग होने लगा।

जनसंख्या- देश के आकार के सामने यह अति अल्प है। उत्तर में टुंड्रा, टैगा, पश्चिम-मध्य में प्रिपेट दलदल एवं दक्षिण-पूर्व में शुष्क स्टेप तथा मरूभूमि आवास के अयोग्य हैं। मध्य यूरोपीय रूस, युक्रेन, दक्षिणी युरैल आदि घने बसे भाग हैं। मॉस्को (राजधानी), लेनिनग्रेड, कीएव, गोर्की आदि प्रमुख नगर हैं। प्रत्येक परिवार का एक घर होता है तथा घर के पीछे एक व्यक्तिगत भूमि का टुकड़ा, जिसपर वह अपने निजी उपयोग के लिए सब्जियाँ या अन्य कुछ भी उगा सकता है। मांस तथा वोदका शराब रूसियों को प्रिय है। रूसी प्रमुख भाषा है, इसके अतिरिक्त लगभग 100 अन्य भाषाएँ एवं उपभाषाएँ बोली जाती हैं। सभी सोवियत संघ के राष्ट्र रूसी के साथ साथ अपनी अपनी भाषाएँ भी बोलते हैं। रूसी अच्छी प्रकृति के और हँसमुख होते हैं। (रामेवर गौतिया)

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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