उत्तर वैदिक काल की प्रख्यात नदी जो यमुना और सरस्वती के बीच के प्रदेश में बहती थी। इस प्रदेश को ब्रह्मावर्त कहते थे। इस नदी को अब घग्घर कहते हैं। द्दषद्वती का उल्लेख ॠग्वेद में केवल एक बार सरस्वती नदी के साथ है। महाभारत में नदियों की सूची में द्दषद्वती भी परिगणित है। महाभारत वनपर्व में द्दषद्वती का सरस्वती के साथ ही उल्लेख है। द्दषद्वती-कौशिकी संगम का वर्णन महाभारत वनपर्व में हैं।
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