साइबीरिया

Submitted by Hindi on Sat, 08/27/2011 - 15:45
साइबीरिया यह आर्कटिक महासागर, बेरिंग तथा ओकॉटस्क सागर, मंगोलिया, सोवियत मध्य एशिया और यूरेल पर्वत से घिरा उत्तरी एशिया में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 58,50,000 वर्ग मील है। अधिकतम लंबाई (पूर्व से पश्चिम) लगभग 4,000 मील और अधिकतम चौड़ाई (उत्तर से दक्षिण) लगभग 2,000 मील है। समुद्रतल से इस क्षेत्र की अधिकतम ऊँचाई 15,912 फुट है। यहाँ की जलवायु ठंढी एवं शुष्क महाद्वीपीय है तथा वर्षा का औसत 10 इंच से 15 इंच है। भौगोलिक दृष्टि से साइबीरिया के तीन विभाग किए गए हैं:

(क) यूरेल पर्वत से येनिसे नदी तक पश्चिमी साइबीरिया की निम्न भूमि, (ख) येनिसे नदी से लीना तक मध्य साइबीरिया की पहाड़ी भूमि, और (ग) लीना नदी से बेरिंग तथा ओकॉटस्क सागर तक पूर्वी साइबीरिया की उच्च भूमि।

टुंड्रा, टैगा, मिले-जुले वन, स्टेप्स के वन तथा स्टेप्स वाली घासें यहाँ की प्रमुख वनस्पतियाँ हैं। यूरेल, चर्स्की, वकोयैस्क एवं सायान प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ और ऑव, येनिसे, लीना एवं आमुर प्रमुख नदियाँ हैं। बाइकाल प्रमुख झील है। ऑब, अनदिर तथा प्येजिन प्रमुख खाड़ियाँ और नॉवय ज्यइमलिया, स्यैव्यइरनय ज्यइमलिया, न्यू साइबीरियन द्वीप तथा सैकलीन प्रमुख द्वीप हैं। नोवोसिबिर्स्कें, चिल्याब्यइंस्क, ईकूटस्क, व्लैडिवॉस्टॉक, मैग्नीटोगॉर्स्कें, ऑमस्क आदि प्रमुख नगर हैं।

स्थान-स्थान पर गेहूँ, जई, आलू, सनी, सोयाबीन, चुकुंदर आदि उपजाने के अतिरिक्त पशुपालन, तथा दूध का कारोबार होता है। सोना, लोहा, ताँबा, सीसा, जस्ता, चाँदी, मैंगनीज, टंग्स्टन, यूरेनियम, प्लैटिनम, कोयला, तेल और जलशक्ति की प्राप्ति के अतिरिक्त यहाँ आटा, चमड़ा, मशीनों, गाड़ियों, हथियारों, रासायनिक पदार्थों, वस्त्र, लोहा, इस्पात, लकड़ी काटने आदि के उद्योग हैं। यहाँ बाइकाल झील के निकट अणुशक्ति का केंद्र भी हैं।

यहाँ आवश्यकतानुसार यातायात के साधनों का खूब विकास हुआ है। सन्‌ 1917 में साइबीरिया को मास्को सरकार से अलग रखने के असफल कम्युनिस्ट आंदोलन के बाद सन्‌ 1922 में संपूर्ण साइबीरिया आर.एस.एफ.एस.आर. का भाग हो गया। आजकल यहाँ की जनसंख्या लगभग 2,40,00,000 है। [रामसहाय खरे]

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संदर्भ
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