सावन सुक्ला सत्तमी

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 15:11
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घाघ और भड्डरी

सावन सुक्ला सत्तमी, गगन स्वच्छ जो होय।
कहै घाघ सुन भड्डरी, पुहुमी खेती खोय।।


भावार्थ- सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को यदि आसमान साफ हो तो घाघ कहतें हैं कि हे भड्डरी! यह जान लो कि अकाल पड़ने वाला है और खेती नष्ट हो जायेगी।