स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

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(7 मार्च, 1911-4 अप्रैल, 1987)


शिक्षा :


बी. एस-सी., एम.ए. (अंग्रेजी, प्रथम वर्ष)
आधुनिक कविता के प्रवर्तक कवि, कथाकार, निबंधकार, पत्रकार व स्वतंत्रता सेनानी।

प्रमुख कृतियां :


‘इत्यलम’, ‘चिंता’, ‘हरी घास पर क्षण-भर’, ‘इंद्रधनु रौंदे हुए ये’, ‘आंगन के पार द्वार’, ‘कितनी नावों में कितनी बार’, ‘क्योंकि मैं उसे जानता हूं’, ‘सागर मुद्रा’, ‘पहले मैं सन्नाटा बुनता हूं’, ‘महावृक्ष के नीचे’, ‘ऐसा कोई घर आपने देखा है’ (सभी काव्य-संग्रह); ‘शेखर : एक जीवनी’ (दो भाग), ‘नदी के द्वीप’, ‘अपने-अपने अजनबी’ (उपन्यास) इत्यादि व सात कहानी-संग्रह।

वृत्ति :


साहित्य साधना और पत्रकारिता : ‘विशाल भारत’, ‘प्रतीक’, ‘नया प्रतीक’, ‘दिनमान’ व ‘नवभारत टाइम्स’ का संपादन।

वत्सल निधि के संस्थापक।
ज्ञानपीठ पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार व सम्मान प्राप्त।