शहरी दरिद्र के लिये शुद्ध पेयजल अभी भी स्वप्न मात्र है। चित्रः सोमनाथ मुखर्जी (ऍड, बॉस्टन)

Submitted by Hindi on Tue, 11/09/2010 - 12:46
शहरी दरिद्र के लिये शुद्ध पेयजल अभी भी स्वप्न मात्र है। चित्रः सोमनाथ मुखर्जी (ऍड, बॉस्टन)