सहस्रधारा की नदी राजस्व विभाग ने गायब की, सर्वे ऑफ इंडिया के नक्शे में मौजूद

Submitted by Editorial Team on Fri, 05/10/2019 - 10:31
Source
हिंदुस्तान, देहरादून 10 मई 2019

सहस्रधारा में सरकारी जमीनें कब्जाने को ऊंचे दर्जे का खेल हो रहा है। वहां जमीनें कब्जाने के लिए नदी को ही राजस्व रिकॉर्ड से गायब कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि सहस्रधारा में बहने वाली बाल्दी नदी चामासारी गांव के राजस्व रिकॉर्ड में नहीं है। जबकि उसके नीचे ओर ऊपर दोनों गांवों के नक्शों में ये नदी दिखाई गई है। हाल में सहस्रधारा में चल रहे सर्वे के दौरान ये चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।

प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सहस्रधारा ग्राम बगड़ाधोरण की सीमा में पड़ता है। जिसके राजस्व मानचित्र में बदली नदी दिखाई गई है। उससे ऊपर चामासारी गांव पड़ता है। लेकिन चामासारी के राजस्व नक्शे में ये नदी नहीं है। ना ही 1400 फसली (नए) ना ही 1345 फसली (पुराने) नक्शे में नदी दिखाई गई है। जिस जगह पर नदी है, उस जगह पर नाम खेत दिखाए गए हैं। हैरानी की बात है कि नदी उससे ऊपर कार्लीगाड़ और अन्य गांवों के नक्शों में भी अंकित है। यानी सिर्फ बीच की नदी गायब है।

“ऊपर ओर नीचे के दोनों गांवों के राजस्व नक्शों में नदी है। सिर्फ चामासारी में नदी कहां गायब हो गई? यह बड़ा सवाल है। इससे बड़ा मुद्दा है कि अगर नक्शे में गलती हुई थी तो सालों से इसे ठीक क्यों नहीं किया गया।” - सीपी डोभाल, रिटायर सर्वेयर वन विभाग (वर्तमान सर्वे टीम के सदस्य)

यही नहीं, चामासारी में बाल्दी नदी होने का सबूत ‘सर्वे ऑफ इंडिया, के डिजीटल नक्शे में भी मौजूद है। ऐसे में राजस्व की भूमिका पर बड़ा सवाल उठा है। सूत्रों का कहना है कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के चलते नदी के खसरा नंबर को नाम खेतों में दर्ज कर दिखा दिया गया। ताकि कब्जाई गई जमीनों को एडजस्ट किया जा सके।

इससे भी ज्यादा ताज्जुब की बात ये है कि राजस्व अभिलेखों में इतनी बड़ी गड़बड़ी की शिकायत आज तक किसी पटवारी या तहसीलदार या अन्य कर्मचारी ने डीएम या राजस्व अभिलेख अधिकारियों से क्यों नहीं की। सहस्रधारा में अवैध अतिक्रमण के बाद शुरू हुए वन और राजस्व विभाग के संयुक्त सर्वे टीम में शामिल रिटायर सर्वेयर सीपी डोभाल ने राजस्व की इस गलती को पकड़ा।

सिद्धविहार जमीन मामले में विभागों की टीम जांच करेगी

तुनवाला सिद्ध विहार में जमीन विवाद की जांच को प्रशासन ने विभागों की टीम बना दी है। टीम अब मैदान में अतिक्रमण को लेकर गिरने वाली इच्छा इस बाबत रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने नगर आयुक्त और क्षेत्रीय पार्षद ने प्रशासन को शिकायती पत्र दिया था। डीएम कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि रायपुर विधायक और नेहरू ग्राम पार्षद उर्मिला पाल ने सिद्ध विहार में सरकारी जमीन पर पुताई बनाकर अतिक्रमण करने की शिकायत की थी। इसलिए संयुक्त टीमों की ओर से निरीक्षण जरूरी है।

एडीएम प्रशासन की ओर से जारी आदेश में उक्त जगह की पैमाइश को एसडीएम सदर, उप निदेशक भूतत्व इकाई, नगर निगम व बंदोवस्त विभाग की टीम को पत्र भेज दिया है। इन विभागों की टीम जांच करेगी भाजपा नेता दीपक नेगी ने बताया कि नगर आयुक्तालय को ज्ञापन देकर जांच की मांग की गई है।

एसीजेएम प्रथम के आदेश पर भूमि बेचने पर केस दर्ज किया गया

एसीजेएम प्रथम के आदेश के बाद पटेलनगर थाने में मेहंवाला में ग्रामसमाज की भूमि खुर्द-बुर्द करने के संबंध में जुर्माना का मुकदमा दर्ज किया गया है।पटेलनगर के मेहूंवाला की जमीन का मामला है। वर्ष 2018 में ग्राम समाज की भूमि की गई थी खुर्द-बुर्द।

कासिम अली पुत्र मोहरम अली निवासी नया नगर मेहुँवाला माफी ने ग्राम समाज को खुदबुर्द करने का मामला कोर्ट में दायर किया। कासिम अली नेइरशाद अली सहित 3 अन्य व्यक्तियों पर मेहुँवाला माफी में वर्ष 2048 में ग्राम समाज की जमीनों को खुर्द बुर्द कर फंसा से प्लॉट कर भूमि को सस्ते दामों में बेचने का आरोप लगाया था। पटनगरकोतवाली प्रभारी सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि एसीजेएम प्रथम न्यायालय से पुलिस को इस संबंध में आदेश मिला है। इसके बाद श्रीनगर कोतवाली में संबंधित लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की विवेचना की जिम्मेदारी आईएसबीटी चौकी प्रभारी को सौंपी गई है।

 

सहस्रधारा में जमीन कब्जाने की एसआइटी जांच के आदेश

(स्रोत : दैनिक जागरण, दून 11 मई 2019)

पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सहस्रधारा के एक होटल व्यवसायी के खिलाफ एसआइटी जांच के आदेश दी हैं। कांग्रेस सेवादल की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि सहस्रधारा में उनकी जमीन कब्जाकर वहां होटल बना दिया गया है। 

सहस्रधारा क्षेत्र में सरकारी और निजी जमीनों को कब्जाने का खेल चल रहा है। थाना-कोतवाली के बाद अब पुलिस मुख्यालय तक यहां कब्जों के मामले पहुंचने लगे हैं। जबकि वन विभाग भी कई मामलों की जांच कर रहा है। ताजा मामला कांग्रेस सेवादल की महिला प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित से जुड़ा है। आरोप है कि सहस्रधारा क्षेत्र के एक होटल संचालक ने उनकी निजी जमीन पर कब्जा कर होटल बना लिया है। 

शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक को सौंपी गई शिकायत में पुरोहित ने बताया कि जब आरोपित को जमीन छोड़ने के लिए कहा तो वह धमकी देने लगा। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि जमीन कब्जाने की शिकायत मिली है। शिकायती पत्र के आधार पर एसआइटी जांच के आदेश दिए हैं।