शिवपुरी जलप्रदाय आवर्धन योजना

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मंथन अध्ययन केंद्र
योजना के तहत शुरूआत में 42 एमएलडी क्षमता की पंपिंग मशीनरी और 40 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। वर्ष 2025 के बाद दूसरे चरण में जलप्रदाय तंत्र की क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा 15 किमी कच्चे पानी की लाईन, 15 किमी साफ पानी की लाईन, 87 किमी वितरण लाईनों का सुधार, 63 किमी नई वितरण लाईनें और 12 ओवरहेड टंकियां बनाई जानी है। पानी के हर कनेक्शन पर मीटर भी लगाया जाएगा। कच्चे एवं शुद्धिकृत जल परिवहन हेतु जीआरपी पाईपलाईन का उपयोग किया जाना है। शिवपुरी उत्तरी म.प्र. में ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाला एक जिला मुख्यालय है। माधव नेशनल पार्क से घिरा यह नगर सिंधिया रजवाड़ों का ग्रीष्मकालीन आरामदाह थी। नगर की वर्ष 2001 में जनसंख्या 146859 थी जो 2011 में बढ़कर 179,972 हो गई।

शिवपुरी जिले से 4 नदियां - पार्वती, सिंध, कुनो और बेतवा-गुजरती है। कुनो, बेतवा और सिंध नदियां चंबल की सहायक नदी है। पार्वती नदी ग्वालियर जिले के पवैया में सिंध से मिलती है। शिवपुरी इंदौर-ग्वालियर ब्राडगेज रेलवे लाईन तथा आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है।

वर्मान जलप्रदाय


शिवपुरी नगरपालिका के अनुसार वह नगर में कुल 9 एमएलडी (दस लाख लीटर/दिन) जलप्रदाय करती है जिसमें से 5 एमएलडी माधव सागर झील से तथा शेष 4 एमएलडी भूजल से प्राप्त होता है। माधव सागर के पानी हेतु 5 एमएलडी क्षमता के 3 फिल्टर प्लांट है जिनमें से एक 2.8 एमएलडी क्षमता का तथा शेष दो में प्रत्येक की क्षमता 1.1 एमएलडी है। 2.8 एमएलडी फिल्टर प्लांट में लीकेज ज्यादा है जिसके कारण ओवरहेड टंकियां पूरी नहीं भर पाती है।

माधव सागर झील


नगर से 8 किमी दूर यह झील जलप्रदाय का प्रमुख स्रोत है। इस झील को नगर के पूर्वी हिस्से में स्थित चांदपाठा जलाशय से पानी मिलता है। पहले चांदपाठा से ही जलप्रदाय होता था लेकिन नगरपालिका द्वारा इसमें कचरा निपटान करने तथा नगर का गंदा पानी (सीवर) मिलने के कारण माधव सागर से जलप्रदाय शुरू किया गया।

ट्यूबवेल


नगर का करीब आधा हिस्सा ओवरहेड टंकियों की वितरण व्यवस्था से नहीं जुड़ा है। इन इलाकों में ट्यूबवेल से जलप्रदाय होता है। शिवपुरी में हाल के वर्षों में नगरपालिका द्वारा ‘जनभागीदारी योजना’ के अंतर्गत जहां जलप्रदाय कम है वहां पर बड़ी संख्या में ट्यूबवेल खोदे गए हैं। नगरपालिका द्वारा खोदे गए इन ट्यूवबेलों के संचालन/संधारण की ज़िम्मेदारी समुदाय को दे दी गई है। इसके अलावा 177 हैंडपंप भी है। नगरपालिका के अनुसार अप्रैल 2007 में 219 में से 100 ट्यूबवेल सूख गए थे।

यहां जलप्रदाय की दर 70 रुपए/माह है। 29 नवंबर 2001 के बाद यहां जल दरें नहीं बढ़ाई गई है। इसके पहले ये दरें 40 रुपए/माह थी।

वितरण तंत्र


नगर में 2731 किलो लीटर (किली) क्षमती की 6 ओवरहेड टंकियां है जिनमें से 227 किली की एक टंकी उपयोग लायक नहीं है। वितरण लाइनें सिर्फ पुराने नगर में है। नई विकसित कॉलोनियों में ट्यूबवेल से सीधा जलप्रदाय किया जाता है। जहां वितरण लाइनें तथा ट्यूबवेल नहीं है वहां के रहवासी हैंडपंप पर निर्भर हैं। सामान्यतः एक दिन छोड़ कर 30 मिनिट जलप्रदाय किया जाता है लेकिन गर्मी के दिनों में 3 से 4 दिनों में एक बार जलप्रदाय होता है। नई योजना के डीपीआर के अनुसार नगर की वर्ष 2010 की आंकलित जनसंख्या 1,80,000 को 50 एलपीसीडी के हिसाब से 9 एमएलडी जलप्रदाय किया जा रहा है। हालांकि ट्यूबवेल से जलप्रदाय के आंकड़े उपलब्ध नहीं है।

निजीकृत योजना


UIDSSMT के तहत स्वीकृत इस नई जल आवर्धन योजना की आवश्यकता दर्शाने हेतु वर्तमान जलस्रोतों चांदपाठा जलाशय और माधव सागर झील के प्रषिदूत होने तथा भूजल स्तर गिरने से ट्यूबवेल जलप्रदाय में बाधा आना जैसे कारण गिनाए गए थे। CPHEEO मानकों से कम जलप्रदाय भी एक कारण दर्शाया गया था।

योजना के लिए सिंध नदी पर निर्मित मड़ीखेड़ा बांध से पानी लिया जाना प्रस्तावित है। नगर से 37 किमी दूर इस बांध को 2007 में पहली बार भरा गया। इसके न्यूनतम प्रदाय स्तर 209 मीटर पर 66.98 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी उपलब्ध होता है जो नगर की वर्ष 2060 की ग्रीष्म ऋतु की जरूरत 12.12 एमसीएम से कहीं अधिक है।

UIDSSMT की शर्तों के तहत योजना की स्वीकृत लागत 59.64 करोड़ रुपए का 80% यानी 53.68 करोड़ केंद्र सरकार से और 10% यानी 5.96 करोड़ राज्य से अनुदान प्राप्त हुआ है। शेष 10% यानी 5.96 करोड़ रुपए नगरपालिका को निवेश करने थे लेकिन अपने हिस्से के निवेश के बदले नगरपालिका ने योजना को पीपीपी के तहत फ्रांसिसी बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘विओलिया’ के साथ पानी के व्यापार में सक्रिय निजी ‘कंपनी दोशियन लिमिटेड’ को न्यूनतम जलप्रदाय दर के आधार पर सौंप दिया गया है। दोशियन इस योजना के संचालन हेतु ‘शिवपुरी वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर’ नामक एक स्पेशल परपज वेहीकल (SPV) बनाया है।

योजना के तहत शुरूआत में 42 एमएलडी क्षमता की पंपिंग मशीनरी और 40 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। वर्ष 2025 के बाद दूसरे चरण में जलप्रदाय तंत्र की क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा 15 किमी कच्चे पानी की लाईन, 15 किमी साफ पानी की लाईन, 87 किमी वितरण लाईनों का सुधार, 63 किमी नई वितरण लाईनें और 12 ओवरहेड टंकियां बनाई जानी है। पानी के हर कनेक्शन पर मीटर भी लगाया जाएगा। कच्चे एवं शुद्धिकृत जल परिवहन हेतु जीआरपी पाईपलाईन का उपयोग किया जाना है।

योजना से डेढ़ घंटा सुबह और डेढ़ घंटा शाम को जलप्रदाय प्रस्तावित है। ओवहरहेड टंकियों की क्षमता इतनी होगी कि सुबह-शाम जलप्रदाय के पूर्व इनमें जरूरत का आधा पानी संग्रहित हो सके। इसके लिए 13,000 किली की 12 नई टंकियां बनाई जाएगी। 2504 किली की वर्तमान टंकियों का उपयोग भी जारी रहेगा। गणना के अनुसार वर्ष 2025 की कुल जरूरत (43 MLD) के 35% पानी के भंडारण की आवश्यकता है। इस हिसाब से कुल 15.05 एमएलडी की भंडारण क्षमता जरूरी है। यदि अग्निशमन की जरूरत 527 किली जोड़ दी जाए तो नगर के लिए कुल 15.577 किली के भंडारण की जरूरत होती है।

कंपनी 25 वर्षों तक जलप्रदाय योजना का संचालन/संधारण कर निम्न प्रमुख सेवाएं देगी-

i. उचित दबाव के साथ न्यूनतम 135 एलपीसीडी जलप्रदाय करते हुए 24x7 (चौबीसों घंटे सातों दिन) जलप्रदाय।
ii.100% मीटर स्थापना।
iii. नए कनेक्शन देना, पुराने कनेक्शनों को पुनः जोड़ना, मरम्मत आदि।
iv. अवैध नल कनेक्शनों का नियमितीकरण।
v. बिल बनाने और उसकी वसूली का तंत्र स्थापित करना।
vi. जलदरों से संचालन/संधारण खर्च और निवेश की गई राशि वसूलना।
vii.टोल फ्री नंबर से 24 घंटे काम करने वाला शिकायत निवारण तंत्र तैयार करना।

DPR के अनुसार वर्तमान जलप्रदाय तंत्र संतोषजनक रूप से काम कर रहा है और नगर के सारे नल कनेक्शन इसी से जुड़े हैं। नगर की गलियां सीमेंटीकृत है। यदि नई लाईन डाली जाती है तो इसे खोदना काफी कठिन होगा और महंगा भी पड़ेगा। इसलिए तय किया गया कि निजीकृत योजना के लिए वर्तमान वितरण तंत्र का ही उपयोग किया जाएगा। जहां तकनीकी कारणों से जरूरी होगा सिर्फ वहीं वितरण पाईप बदले जाएंगे। नगर के आसपास विकसित नए क्षेत्र एवं कॉलोनियों में जलप्रदाय तंत्र निर्मित किया जाएगा।

जनसंख्या अनुमान एवं पानी की मांग


 

 

पानी की मांग (MLD)

 

 

 

 

वर्ष

जनसंख्या

@ 135 lpcd

15% बेहिसाबी पानी

10% अतिरिक्त

योग

योजना हेतु मान्य mld

2007

1,67,000

22.55

3.38

2.26

28.19

28

2010

1,80,000

24.30

3.65

2.43

30.38

30

2025

2,55,000

34,43

5.16

3.44

43.03

43

2040

3,60,000

48.60

7.29

4.86

60.75

61

2060

5,80,000

81.00

12.15

8.10

101.25

101

 



बड़े संस्थानों, संस्थागत जरूरतों और आनेजाने वाले लोगों के लिए लगने वाला अतिरिक्त पानी।


बेहिसाबी पानी (Unaccounted for Water) का उपयोग नागरिक सेवाओं जैसे उद्यानों, सार्वजनिक कार्यक्रमों, सड़कों की सफाई आदि में होता है। DPR के अनुसार इसका अधिकांश हिस्सा लीकेज और अवैध कनेक्शनों से चोरी में चला जाता है। सार्वजनिक नलों से वितरित किए जाने वाले पानी को भी बेहिसाबी पानी में जोड़ा जाता है। DPR में कहा गया है कि लीकेज, अवैध कनेक्शनों और सार्वजनिक नलों से जलप्रदाय का उचित प्रबंधन एवं कठोर जांच पड़ताल से बेहिसाबी पानी की मात्रा कम की जाएगी। सार्वजनिक नलों की संख्या न्यूनतम कर दी जाएगी।

DPR में दी गई समयावधि के अनुसार अक्टूबर 2007 में स्वीकृत इस योजना का निर्माण अगले 2 वर्षों में पूर्ण हो जाना था लेकिन कंपनी के साथ अनुबंध ही 10 सितंबर 2009 को हो पाया। अनुबंध के बाद अगस्त 2011 में निर्माण कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था। ठेकेदार कंपनी के धीमी गति से कार्य करने के कारण यह काम 5 वर्षों में भी पूर्ण नहीं हो पाया है।

वित्तीय आंकलन


नगरपालिका ने पीपीपी के तहत पेयजल योजना निजी कंपनी ‘दोशियन लिमिटेड’ को सौंप कर केंद्र और राज्य से प्राप्त सारा अनुदान 53.68 करोड़ रुपए भी उपलब्ध करवा दिया है। कंपनी को 25 वर्षों तक योजना का संचालन/संधारण कर निवेश की गई राशि और मुनाफा कमाने की छूट दे दी गई है। जितना जल शुद्धिकृत किया जाएगा पानी की मांग उतनी ही मानी जाएगी। कंपनी ने जलप्रदाय की न्यूनतम दर 15.40 रुपए/किली घोषित की है। कंपनी ने योजना का संचालन/संधारण खर्च 12.292 करोड़ रुपए बताया है तथा अपने निवेश पर 16.6% सालाना मुनाफे की मांग की है।

निर्माण घटक

लागत (लाख रुपए)

निर्माण सामग्री

6540.00

विद्युत संबंधी व्यय

1196.80

अन्य

334.00

भविष्य के जल आवर्धन का खर्च

0.00

कुल लागत

8071.00

 



योजना लागत


निजी कंपनी द्वारा दिखाया गया संचालन/संधारण खर्च अत्यधिक है। उदाहरण के लिए यदि वर्ष 2010 में योजना शुरू हो जाती तो 30 एमएलडी जलप्रदाय का संचालन/संधारण खर्च 16.86 करोड़ रुपए होता। न्यूनतम 80% जलप्रदाय होने पर भी सालाना खर्च 13.49 करोड़ रुपए होता जिसकी वसूली स्थानीय नागरिकों पर बहुत भारी पड़ती। नगरपालिका तो जलप्रदाय के सालाना खर्च डेढ़ करोड़ रुपए का एक तिहाई भी नहीं वसूल पाती है। चूंकि के कारण योजना शुरू नहीं हो पाई है इसलिए शिवपुरी के नागरिकों का अभी तक इस समस्या से सामना नहीं हुआ है। जब योजना शुरू होगी तब यह सवाल मुंह बाए खड़ा होगा।

जल दरों को लेकर अभी तक सार्वजनिक हुए दस्तावेज़ों में स्पष्टता नहीं है। मान लिया जाए कि यदि कंपनी मानकों के अनुसार फ्लैट दरों पर जलप्रदाय करती है तो शुरूआत से ही कंपनी घाटे में रहेगी। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण संघ द्वारा संशोधित निविदा शर्तों के अनुसार पहले वर्ष में कंपनी को फ्लैट दरों पर वसूली करनी होगी। ये दरें गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के लिए 100 रुपए/माह तथा अन्य घरेलू कनेक्शनों के लिए 150 रुपए/माह होगी। लेकिन डीपीआर में शुरूआती जलदरें 200 रूपए/माह दर्शाई गई है।

नल कनेक्शन और प्रस्तावित वसूली


 

 

शुल्क (रुपए

 

 

वर्ष

कुल नल कनेक्शन

प्रति माह

प्रति वर्ष (C*12)

कुल राजस्व (रु.) (B*D)

A

B

C

D

E

2010

12,885

150

1800

2,31,93,000

2014

18,000

150

1800

3,24,00,000

 




शिवपुरी में वर्तमान में 12,885 नल कनेक्शन है तथा निजीकृत जलप्रदाय शुरू होने पर कनेक्शनों की संख्या बढ़ाकर 18,000 करनी होगी। यदि वर्तमान सारे कनेक्शनों से 150 रुपए/माह वसूला जाए तो सालाना 2 करोड़ 31 लाख की राजस्व प्राप्ति होगी। सारे 18,000 कनेक्शन हो जाने पर भी इस दर से 3 करोड़ 24 लाख ही वसूले जा सकते हैं जबकि नगर की जरूरत के 30 एमएलडी जलप्रदाय का शुरूआती सालाना खर्च ही 16 करोड़ 86 लाख है। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी का साढ़े 13 करोड़ से अधिक का घाटा कौन भरेगा। नगरपालिका या नागरिक? लेकिन इतना तय है कि कंपनी घाटे में रहने वाली नहीं है।

यह अनुबंध भी खंडवा के पीपीपी अनुबंध से अलग नहीं है जिसमें आम जनता के बजाए निजी कंपनी के हितों का संरक्षण किया गया है। हमने इस योजना के कुछ खास पहलुओं पर समालोचनात्मक दृष्टि डालने का प्रयास किया है।

जल दरें


कंपनी द्वारा दर्शाई गई 15.40 रुपए/किली की जल दरें सिर्फ न्यूनतम दरें है जो समय के साथ तथा कंपनी की मांग पर बढ़ती रहेगी। पानी के बिल में सेवा कर, स्थानीय कर आदि भी शामिल होगा। कनेक्शन/विच्छेदन शुल्क, मीटर मरम्मत आदि का पैसा भी बिल के साथ जोड़ा जाएगा।

जल दरों में 3 साल में एक बार 10% बढ़ोतरी तय है। इसके अलावा बिजली, कच्चे पानी की दरों अथवा जल को प्रभावित करने वाले किसी अन्य घटक की कीमतों में वृद्धि होने पर भी कंपनी जलदरों में बढ़ोतरी कर सकती है।

12 मई 2009 की प्रि-बिड मीटिंग के दौरान किए गए संशोधन (Schedule Q, page 175, Vol II) के अनुसार योजना संचालन के 3 वर्षों बाद यदि वास्तविक मांग 80% से कम हई तो मामला दर निर्धारण समिति के पास भेजा जाएगा। ऐसी परिस्थिति में निजी कंपनी कभी भी जल दर वृद्धि हेतु निर्धारण समिति के पास जा सकती है।

जलदर निर्धारण समिति


अनुबंध में एक जल दर निर्धारण समिति गठित किए जाने का प्रावधान है जो कंपनी के अनुरोध पर मौजुदा दरों में बदलाव करेगी। जल दर निर्धारण समिति में कंपनी का एक प्रतिनिधि, नगरपालिका के सीएमओ, स्थानीय फंड (ऑडिट) के उप निदेशक, नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं विभाग के कार्यकारी अभियंता और योजना के स्वतंत्र ऑडिटर शामिल होंगे। इस समिति में न तो कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि है और न ही स्थानीय निवासी। ऐसे में कंपनी द्वारा दर वृद्धि का प्रस्ताव रखे जाने पर आम जनता की परेशानी समझने वाला कोई नहीं होगा और कंपनी के पक्ष में दर वृद्धि आसान हो जाएगी।

वसूली


निजी कंपनी मीटर रीडिंग से खपत की गणना कर पानी के बिल जारी करेगी। मीटर रीडिंग के 10 दिनों के भीतर बिल जारी होंगे जिनका 30 दिनों में भुगतान किया जा सकेगा। अधिक बिल की शिकायत के पहले कंपनी द्वारा जारी बिल भरना जरूरी होगा। नागरिकों से हस्ताक्षरित करवाए जाने वाले व्यक्तिगत अनुबंध में यह लिखवा लिया जाएगा कि बिल राशि के भुगतान में देरी अथवा चूक होने पर कंपनी को हक होगा कि वह शिवपूरी जिले के कलेक्टर के माध्यम से संबंधित की तनख्वाह अथवा अंचल संपत्ति से बकाया वसूली कर सके।

कोई प्रतियोगी सुविधा नहीं


खंडवा के अनुबंध की तरह शिवपुरी के अनुबंध में भी No Parallel Competing Facility यानी कोई समानांतर प्रतियोगी सुविधा नहीं नाम का एक उपबंध शामिल है। इस अनुच्छेद के तहत कंपनी से अनुबंध के बाद नगरनिगम की सीमा में 25 वर्षों तक ऐसी कोई गतिविधि संचालित नहीं की जाएगी जिससे कंपनी के काम (पेयजल प्रदाय) के समानांतर प्रतियोगी गतिविधि संचालित हो सके। इस उपबंध के कारण व्यक्तिगत ट्यूबवेलों के अतिरिक्त जन भागीदारी योजना के तहत निर्मित सार्वजनिक ट्यूबवेल भी प्रभावित होंगे।

खंडवा के अनुबंध के विपरीत यहां No Parallel Competing Facility को परिभाषित कर दिया गया है जिसके अनुसार अनुबंधकर्ता के अलावा कोई अन्य (नगरपालिका शिवपुरी, मध्य प्रदेश सरकार या ऐसी ही कोई संस्था सहित) अनुबंधकाल में कंपनी सहमति के बगैर जलप्रदाय का कोई तंत्र विकसित नहीं कर सकता है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि इस प्रावधान के कारण निजी कंपनी सामुदायिक जलस्रोतों, नगरपालिका और सरकार द्वारा संचालित तंत्रों पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। निजी कुओं, ट्यूबवेलों हैंडपंपों और तालाबों के उपयोग पर रोक लगा सकती है। कंपनी के हितों विशेषकर मुनाफे को सुरक्षित करने की कीमत पर लोगों की सामाजिक-सांस्कृतिक धरोहरों की उपेक्षा कर दी गई है।

पानी की कमी और स्थगन काल


यदि कंपनी और नगरपालिका के इंजीनियर यह तय कर दे कि कंपनी को निर्धारित मात्रा में कच्चा पानी नहीं मिल रहा है या नगरपालिका पानी की कमी घोषित कर दे तो वाटर शॉर्टेज (पानी की कमी) काल शुरू हो जाएगा। पानी की कमी के काल के दौरान या बिजली फेल होने या किसी प्रकार जलप्रदाय बाधित होने पर निजी कंपनी को जलप्रदाय स्थगित रखने की छूट मिल जाती है। इसी प्रकार फिल्टर प्लांट के रखरखाव और जलप्रदाय स्थगन के दौरान कंपनी अनुबंध की बाध्यताओं और जलप्रदाय स्थगित रखने की छूट मिल जाती है। निर्धारित से कम मात्रा में जलप्रदाय करने या न करने का भी अधिकार मिल जाता है।

इस अनुबंध में निजी कंपनी के समक्ष खड़ी होने वाली स्थितियों और समस्याओं के मद्देनज़र उसकी जिम्मेदारियों का संरक्षण किया गया है। नागरिकों की समस्याएं हल करने के नाम पर किया गया अनुबंध No Parallel Competing Facility के बाद वाटर शार्टेज काल या जलप्रदाय स्थगन घोषित किए जाने पर उनके जी का जंजाल बन जाएगा। ऐसी स्थिति में पानी लेने के कोई अन्य स्रोत या तो बचेंगे नहीं या फिर वे उपयोग लायक नहीं रहेंगे। वाटर शार्टेज काल की तरह इलेक्ट्रिसिटी शार्टेज (बिजली की कमी) काल भी घोषित किया जा सकता है।

नल कनेक्शन काटना


दो महीने तक बिल भुगतान में देरी होने पर कंपनी पानी का कनेक्शन काट सकती है। कंपनी कनेक्शन काटने और नए कनेक्शन की सूचना हर तीन महीने में तथा डिफाल्टरों की सूची वर्ष में एक बार नगरपालिका को उपलब्ध करवाएगी। डिफाल्टर उन्हें माना जाएगा जिनके कनेक्शन बिल नहीं भरने के कारण काटे जा चुके हैं तथा साल भर बाद भी जुड़वाए नहीं गए हैं। सूची में डिफाल्टरों की बकाया राशि का भी उल्लेख होगा। नगरपालिका बकाया राशि का आधा हिस्सा कंपनी को भुगतान कर देगी तथा शेष वसूली में कंपनी को मदद करेगी।

नागरिकों से अनुबंध


निजी कंपनी द्वारा संचालित जलप्रदाय योजना हेतु शिवपुरी के नागरिकों को पुनः नए कनेक्शन लेने पड़ेंगे तथा इसके लिए कंपनी के साथ एक व्यक्तिगत अनुबंध करना होगा। 25 कण्डिकाओं वाले इस अनुबंध में नागरिकों को उपभोक्ता कहा गया है। इस अनुबंध की निम्न कंडिकाएं उल्लेखनीय है-

3. बकाया यदि 2 माह या इससे अधिक हुआ तो नगरपालिका को अधिकार होगा कि वह बगैर पूर्व सूचना के मेरा कनेक्शन काट दे। इसके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार रहूंगा।
4. ...नगरपालिका शिवपूरी/अनुबंधकर्ता कंपनी को अधिकार है कि वह पानी के बिलों की बकाया वसूली शिवपुरी के माध्यम से मेरे वेतन अथवा अंचल संपत्ति द्वारा करवा सकती है।
5. पानी की कमी, पानी का दबाव, जलप्रदाय की अवधि और जलप्रदाय के समय को लेकर कोई शिकायत नहीं करूंगा।
6. तकनीकी कारणों से जलप्रदाय बाधित होने पर शिकायत नहीं करूंगा।
इस प्रकार शिवपुरी में निजीकृत जलप्रदाय योजना से स्थानीय नागरिकों का कोई भला नहीं होगा क्योंकि इसमें नागरिकों के बजाए निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया गया है। नगरपालिका ने स्वयं भी जलप्रदाय सेवा के स्तर और जलप्रदाय की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है।

गरीब बस्तियों में सार्वजनिक नल और जलप्रदाय


अनुबंध के अनुसार निजी कंपनी द्वारा संचालन शुरू करने के दिनांक से सारे सार्वजनिक नल बंद कर दिए जाएंगे। सभी को व्यक्तिगत कनेक्शन दिए जाएंगे। 10 परिवारों के बीच एक समूह कनेक्शन दिया जाएगा। इनमें से किसी एक व्यक्ति को ग्रुप लीडर बनाया जाएगा जो मीटर लगाने, बिल वसूली तथा कंपनी को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा। समूह कनेक्शन एक ही नल होगा तथा समूह में शामिल किसी एक व्यक्ति के परिसर में भूतल में लगाया जाएगा। यदि ग्रुप लीडर कंपनी को भुगतान नहीं करता है तो समूह कनेक्शन काट दिया जाएगा।

सार्वजनिक नल बंद किया जाना शहरी गरीबों, वंचित तबकों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ी, जातियों और शहरी प्रवासियों के जल अधिकारों पर विपरीत प्रभाव डालेगा। शहरी गरीबों का एक बड़ा वर्ग है जो व्यक्तिगत कनेक्शन रखने का सामर्थ्य नहीं रखता है। जब अनुबंध लागू होगा तो इन वर्गों के लिए पीने और घरेलू उपयोग का पानी प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा।

शिकायत निवारण तंत्र


अनुबंध के अनुसार पूरे वितरण तंत्र में समान प्रेशर बनाए रखने हेतु सीधे नल में मोटर लगाकर पानी नहीं खींचा जा सकेगा। लगातार कम प्रेशर से जलप्रदाय होने की स्थिति में यदि किसी रहवासी ने मोटर का इस्तेमाल कर लिया तो क्या होगा? इस प्रकार की समस्या के लिए किसी शिकायत निवारण तंत्र का उल्लेख नहीं है। इसी प्रकार अनुबंध में कहा गया है कि पानी इकट्ठा करने के लिए भूमिगत टंकियां बनानी होगी। इन टंकियों में संग्रहित पानी को बाद में मोटर से ऊपर चढ़ाया जाएगा। शहरी तंग बस्तियों और कॉलोनियों में भूमिगत टंकियां बनाना संभव नहीं हो पाने की स्थिति में किसी विकल्प का जिक्र नहीं है।

शिवपुरी की यह योजना खंडवा में निर्माणाधीन योजना की तरह ही है। खंडवा की निजीकृत जलप्रदाय योजना का स्थानीय निवासियों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। इसके बावजूद नागरिकों की आवाज़ को अनसुना करते हुए निजी कंपनी का हित साधने हेतु शिवपूरी में भी पानी के निजीकरण को आगे धकेला जा रहा है।

संलग्नक - 1


म.प्र. में UIDSSMT के तहत स्वीकृत जलक्षेत्र की योजनाएं


    

केंद्रीय अनुदान

 

क्र.

नगर

योजना

लागत

स्वीकृत

जारी

1

आष्टा

जलप्रदाय

980.40

784.32

784.32

2

आगर

जलप्रदाय

1005.80

804.64

402.32

3

अमरवाड़ा

जलप्रदाय

1609.30

1287.44

643.72

4

अमरवाड़ा

ठो.अ. प्रबंधन

128.80

103.04

51.52

5

अनूपपुर

जलप्रदाय

1521.22

1216.98

608.49

6

बैकुंठपुर

जलप्रदाय

732.75

586.20

393.10

7

बरकुही

जलप्रदाय

1211.82

969.46

484.73

8

बेगमगंज

जलप्रदाय

1392.22

1113.78

556.89

9

बैतूल

जलप्रदाय

3262.07

2609.66

1304.83

10

ब्यावरा

जलप्रदाय

709.47

567.58

567.58

11

बीना

जलप्रदाय

3875.50

3100.40

1550.20

12

बुदनी

जलप्रदाय

194.60

155.68

155.86

13

बुदनी

जलप्रदाय जलनिकास

195.05

156.04

77.84

14

चांदामेटा

जलप्रदाय

1432.20

1145.76

572.88

15

छतरपुर

जलप्रदाय

1593.80

1275.04

1275.04

16

छिंदवाड़ा

जलप्रदाय

5732.87

4586.30

2293.15

17

चित्रकूट

जलप्रदाय

1319.68

1055.74

527.87

18

चौरई

जलप्रदाय

886.38

709.10

354.55

19

डबरा

जलप्रदाय (स्रोत आवर्धन)

1112.10

889.68

889.68

20

डबरा

जलप्रदाय

1441.84

1153.47

1153.46

21

दमोह

जल वितरण

130.70

 

104.13

22

दमोह

जल आवर्धन

874.20

699.36

699.36

23

दमुआ

जलप्रदाय

1479.19

1183.35

591.68

24

देवास

जलप्रदाय

3975.00

3180.00

1590.00

25

डोंगरपरासिया

जलप्रदाय

3013.33

2410.66

1205.33

26

गढ़ाकोटा

जलप्रदाय

-

1174.26

587.13

27

गुना

जलप्रदाय

7140.42

5712.34

2856.17

28

हरदा

जलप्रदाय

1787.00

1388.00

673.20

29

हर्रई

जलप्रदाय

873.87

699.10

349.55

30

हिंडोरिया

जलप्रदाय

1138.34

910.67

455.34

31

होशंगाबाद

जलप्रदाय

1615.26

1292.21

646.11

32

इटारसी

जलप्रदाय

1467.83

1174.26

1457.635

33

जावरा

जलप्रदाय

883.00

580.40

648.10

34

जीरन

जलप्रदाय

549.92

439.94

219.57

35

जुन्नारदेव

जलप्रदाय

2432.07

1945.66

972.83

36

करेली

जलप्रदाय

3550.77

2840.62

1420.31

37

कटनी

जलप्रदाय

4080.95

3284.76

1632.38

38

खंडा

जलप्रदाय

10672.30

8537.84

8537.84

39

खिरकिया

जलप्रदाय

1225.70

980.56

490.28

40

खुरई

जलप्रदाय

3662.82

2930.26

1465.13

41

लोधीखेड़ा

जलप्रदाय

611.76

489.41

244.70

42

महिदपुर

जलप्रदाय

1683.75

1347.00

673.50

43

मलाजखंड

जलप्रदाय निकास

-

442.42

442.42

44

मल्हारगढ़

जलप्रदाय

548.92

439.14

219.57

45

मनावर

जलप्रदाय

1125.60

900.48

450.24

46

मंडलेश्वर

जलप्रदाय

799.29

639.43

319.72

47

मंदसौर

जलप्रदाय

1552.45

1241.88

1241.96

48

मोहगांव

जलप्रदाय

848.87

679.10

339.00

49

मुलताई

जलप्रदाय

1929.60

1543.68

771.84

50

नसरूल्लागंज

जलप्रदाय

488.96

391.17

195.58

51

न्यूटन चिकली

जलप्रदाय

1055.90

844.72

422.36

52

पाण्ढुर्णा

जलप्रदाय

6443.79

5155.03

2577.52

53

पन्ना

जलप्रदाय

1808.37

1446.70

1446.70

54

पिपरिया

जलप्रदाय

2408.11

1926.49

963.25

55

पिपला नारायणबार

जलप्रदाय

81.20

64.96

32.48

56

पिपलिया मंडी

जलप्रदाय

968.72

774.98

387.49

57

पोरसा

ठो.अ.प्रबंधन

236.47

189.18

94.59

58

राजगढ़

जलप्रदाय

1907.76

1526.21

763.11

59

रामपुरा

जलप्रदाय

1956.37

1565.10

782.55

60

रतलाम

जलप्रदाय

3265.10

2612.08

2612.08

61

रेहली (सागर)

जलप्रदाय

-

482.00

482.00

62

रेहली (सागर)

जलनिकास

-

114.78

57.39

63

रेहटी (सीहोर)

जलप्रदाय

-

319.17

195.58

64

रेहटी (सीहोर)

जलप्रदाय

276.48

221.18

110.59

65

रीवा

जलप्रदाय

1427.87

1142.30

1142.30

66

सनावद

जलप्रदाय

729.68

583.74

583.74

67

सतना

जलप्रदाय

8087.57

6470.06

3235.03

68

सौंसर

जलप्रदाय

1930.22

1544.18

772.09

69

सीहोर

जलप्रदाय

1454.52

1163.62

1163.62

70

सिवनी

जलप्रदाय

4735.80

3788.64

1894.32

71

शाहगंज

जलप्रदाय

436.45

346.16

174.58

72

शाजापुर

जलप्रदाय

996.00

796.80

398.40

73

शाजापुर

जलप्रदाय

-

-

642.52

74

शामगढ़

जलप्रदाय

2374.00

1899.20

949.60

75

शमशाबाद

जलप्रदाय

882.47

705.98

352.99

76

शिवपुरी

जलप्रदाय

5864.86

4771.73

4771.72

77

शिवपुरी

ठो.अ.प्रबंधन

649.76

519.81

259.91

78

शुजालपुर

जलप्रदाय

1745.32

1396.26

698.13

79

सीधी

जलप्रदाय

2118.55

1694.84

847.42

80

सिरोंज

जलप्रदाय

-

249.18

249.18

81

सुवासरा

जलप्रदाय

1764.30

1411.44

705.72

82

तेंदूखेड़ा

जलप्रदाय

1028.64

822.91

411.46

83

टीकमगढ़

जलप्रदाय

983.18

786.54

786.54

84

विदिशा

जलप्रदाय

-

174.40

87.20

85

विदिशा

जलप्रदाय

1557.52

1246.02

623.01

86

वारा सिवनी

जलप्रदाय

2232,00

1785.60

892.80

 



संलग्नक -2


मुख्यमंत्री शहरी जलप्रदाय के तहत मध्य प्रदेश में स्वीकृत योजनाएं


क्रं.

निकाय

जनसंख्या का नाम

लागत (करोड़ रु.)

अनुदान 20/30%

कर्ज 80/70%

1

तरीचरकलां

7,683

3.50

1.05

2.45

2

टोंकखुर्द

8,000

4.50

1.35

3.15

3

नामली

9,756

3,81

1.14

2.67

4

सुलतानपुर

10,200

5.78

1.73

4.05

5

करनावद

10,982

4.61

1.38

3.23

6

भौंरासा

12,166

5.56

1.67

3,89

7

पंधाना

12,419

5.88

1.76

4.12

8

मूंदी

12,891

4.80

1.44

3.36

9

ताल

13,073

4.01

1.20

2.81

10

सुवासरा

13,299

5.98

1.79

4.19

11

खलियाधाना

14,000

5.66

1.70

3.96

12

उन्हेल

14,285

11.16

3.35

7.81

13

भीकनगांव

16,215

7.29

2.19

5.10

14

बाबई

17,000

65.00

19.50

45.50

15

गुढ़ (रीवा)

17,047

7.90

2.37

5.53

16

खिलचीपुर

18,932

8.51

2.55

5.96

17

राजगढ़ (धार)

20,657

9.29

2.79

6.50

18

टिमरनी

23,165

10.42

3.13

7.29

19

निवाड़ी

23,456

5.30

1.59

3.71

20

नौरोजाबाद

24,000

13.64

4.09

9.55

21

कुक्षी (धार)

28,345

12.75

3.83

8.93

22

बदनावर

30,000

9.50

2.85

6.65

23

अशोकनगर

32,000

14.40

4.32

10.08

24

झाबुआ

35,000

13.76

4.13

9.63

25

बड़नगर

36,188

16.28

4.88

11.40

26

रायसेन

44,161

33.20

9.96

23.24

27

मंडला

49,471

18.29

5.49

12.80

28

बड़वानी

55,510

19.90

3.98

15.92

29

नरसिंहपुर

59,987

17.68

3.54

14.14

30

मंडीदीप

69,677

18.25

3.65

14.60

31

गंजबासौदा

78,290

35.23

7.05

28.18

32

बालाघाट

84,230

8.28

1.66

6.62

33

धार

92,218

22.00

4.40

17.60

34

शहडोल

93,615

43.75

8.75

35.00

35

नीमच

107,663

27.00

5.40

21.60

36

रीवा

235,422

22.00

4.40

17.60