समुद्र तल से 360 मीटर की ऊंचाई पर जयपुर सिटी से 64 कि.मी. पश्चिम में नमकीन पानी की मशहूर सांभर झील है जो 240 वर्ग कि.मी. में फैली हुई है और 32 कि.मी. लम्बी है, लेकिन ग्रीष्म काल में एक पतली-सी जल धारा बन कर रह जाती है। गर्मियों में सूखने वाली इस सांभर झील की विशालता कहीं-कहीं छुटपुट पानी के रूप में पहचान छोड़ देती है। ऊपर नमक की जमी सतह के नीचे खारा पानी बहता रहता है। नमक और गर्द की दलदल की गहराई 22 मीटर तक है। इस झील की 4 वर्गमीटर भूमि में 6 प्रतिशत नमक का अनुमान है। यदि इसमें से नमक निकाला जाये तो प्रतिवर्ग किलोमीटर से दस लाख टन नमक निकलेगा। इसमें भेंदा, रूप-मार, खारियन और विडेल, चार छोटे झरने मिलते हैं। जनश्रुति है कि शाकुम्भरी देवी की कृपा और आशीर्वाद से यह झील है।
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सांभर झील
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संदर्भ
1 - प्रकाशन विभाग की पुस्तक - हमारी झीलें और नदियां - लेखक - राजेन्द्र मिलन - पृष्ठ - 42