• भारत के राजस्थान राज्य में जयपुर नगर के समीप स्थित यह लवण जल (खारे पानी) की झील है।
• देश की सबसे बडी खारे पानी की झील सांभर नमक के सबसे बडे स्त्रो त होने के साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी अत्येन्त आकर्षक स्थडल है।
• उत्तीरी भारत के चौहान राजाओं की प्रथम राजधानी सांभर पौराणिक दृष्टि से भी महत्व पूर्ण है।
• यहाँ पर शाकंम्भेरी माता का मंदिर है।
• यह झील समुद्र तल से 1,200 फुट की ऊँचाई पर स्थित है।
• जब यह भरी रहती है तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील रहता है।
• इसमें तीन नदियाँ आकर गिरती हैं।
• इस झील से बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन किया जाता है।
• अनुमान है कि अरावली के शिष्ट और नाइस के गर्तों में भरा हुआ गाद ही नमक का स्रोत है।
• गाद में स्थित विलयशील सोडियम यौगिक वर्षा के जल में घुसकर नदियों द्वारा झील में पहुँचाता है और जल के वाष्पन के पश्चात् झील में नमक के रूप में रह जाता है।
• देश की सबसे बडी खारे पानी की झील सांभर नमक के सबसे बडे स्त्रो त होने के साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी अत्येन्त आकर्षक स्थडल है।
• उत्तीरी भारत के चौहान राजाओं की प्रथम राजधानी सांभर पौराणिक दृष्टि से भी महत्व पूर्ण है।
• यहाँ पर शाकंम्भेरी माता का मंदिर है।
• यह झील समुद्र तल से 1,200 फुट की ऊँचाई पर स्थित है।
• जब यह भरी रहती है तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील रहता है।
• इसमें तीन नदियाँ आकर गिरती हैं।
• इस झील से बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन किया जाता है।
• अनुमान है कि अरावली के शिष्ट और नाइस के गर्तों में भरा हुआ गाद ही नमक का स्रोत है।
• गाद में स्थित विलयशील सोडियम यौगिक वर्षा के जल में घुसकर नदियों द्वारा झील में पहुँचाता है और जल के वाष्पन के पश्चात् झील में नमक के रूप में रह जाता है।
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