समुद्र से पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर गढ़वाल में ही बदरीनाथ से 22 कि.मी. दूर नीलकंठ और चौखंभा पर्वत के आंचल में दिव्य मनोहारिणी झील सतोपंथी स्थित है। त्रिकोण के आकार में यह झील दो कि.मी. की परिधि में पसरी हुई है। इस विशाल झील में फेन कमल तथा ब्रह्म कमल नामक दिव्य पुष्प बहुतायत से पाए जाते हैं। किनारे पर एक विशाल मंदिर भी शोभित है। शुद्धनाम सत्यपथ का अपभ्रंश सतोपंथी झील के बारे में मान्यता है कि युधिष्ठिर अपने पांडव भाइयों और कुत्ते के साथ इसी मार्ग से स्वर्ग गए थे। युधिष्ठिर ही मात्र आगे बढ़ सके थे। बाकी भाई यहीं तक रह गये और गल गये थे। स्वर्गारोहण शिखर आज भी विद्यमान है और उस घटना का मूक गवाह है। स्वर्गारोहण शिखर तक का मार्ग बहुत दुर्गम लेकिन अलौकिक है। उस शिखर के बाद बहुत गहरी घाटी है।
Hindi Title
सतोपंथी झील
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