सोन या सोनभद्र नदी

Submitted by Hindi on Mon, 08/29/2011 - 15:31
सोन या सोनभद्र नदी गंगा की सहायक नदियों में सोन का प्रमुख स्थान है। इसका पुराना नाम संभवत: 'सोहन' था जो पीछे बिगड़कर सोन बन गया। यह नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक नामक पहाड़ से निकलकर 350 मील का चक्कर काटती हुई पटना से पश्चिम गंगा में मिलती है। इस नदी का पानी मीठा, निर्मल और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसके तटों पर अनेक प्राकृतिक दृश्य बड़े मनोरम हैं। अनेक फारसी, उर्दू और हिंदी कवियों ने नदी और नदी के जल का वर्णन किया है। इस नदी में डिहरी-आन-सोन पर बाँध बाँधकर 296 मील लंबी नहर निकाली गई है जिसके जल से शाहाबाद, गया और पटना जिलों के लगभग सात लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। यह बाँध 1874 ई. में तैयार हो गया था। इस नदी पर ही एशिया का सबसे लंबा पुल, लगभग 3 मील लंबा, डिहरी-ऑन-सोन पर बना हुआ है। दूसरा पुल पटना और आरा के बीच कोइलवर नामक स्थान पर है। कोइलवर का पुल दोहरा है। ऊपर रेलगाड़ियाँ और नीचे बस, मोटर और बैलगाड़ियाँ आदि चलती हैं। इसी नदी पर एक तीसरा पुल भी ग्रैंड ट्रंक रोड पर बनाया गया है। इसके निर्माण में ढाई करोड़ रुपयों से ऊपर लगा है। 1965 ई. में यह पुल तैयार हो गया था और अब यातायात के लिए खुल गया है।

ऐसे यह नदी शांत रहती है। इसका तल अपेक्षया छिछला है और पानी कम ही रहता है पर बरसात में इसका रूप विकराल हो जाता है, पानी मटियाले रंग का, लहरें भयंकर और झाग से भरी हो जाती हैं। तब इसकी धारा तीव्र गति और बड़े जोर शोर से बहती है।

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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