यमुनोत्री से 8 कि.मी. ऊपर हिमालय की चोटी वाले भाग में वैदिक महत्व वाला नैसर्गिक सौंदर्य युक्त ‘सप्तऋषि ताल’ झील भी दर्शनीय है। सात ऋषियों द्वारा तपस्या की गई इस स्थली की बड़ी-बड़ी श्वेत शिलाएं देखकर आज भी ऐसा लगता है कि ऋषि साधनारत हैं। 30-30 मीटर ऊंची सफेद शिलाओं से घिरे ताल का सौंदर्य देख मन आनंदित हो जाता है। तीर्थ स्थान की मान्यता प्राप्त इस स्थल पर भक्त जन श्रीफल चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं और परिक्रमा लगाकर श्रद्धानत हो उठते हैं। ऋषिकेश से हनुमान चट्टी तक बस द्वारा पहुंचकर 23 कि.मी. की पैदल यात्रा के बाद सूर्यकुंड (यमुनोत्री) मिलता है। वहां से सप्तऋषि के लिए दो मार्ग हैं जिनमें एक यमुना के किनारे और दूसरा गरुड़गंगा के किनारे-किनारे है। सप्तऋषि ताल से दो पतली-पतली धाराएं इन दोनों नदियों में आकर मिलती है।
Hindi Title
सप्तऋषि ताल
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