सतारा 1. जिला, यह भारत के महाराष्ट्र राज्य का जिला है, जिसका क्षेत्रफल 4,041 वर्ग मील है। इसके उत्तर में पूना, उत्तर पश्चिम में कोलाबा, पश्चिम में रत्नागिरी, दक्षिण में सांगली, और दक्षिण पूर्व एवं पूर्व में शोलापुर जिले हैं। यहाँ सह्याद्रि एवं महादेव नामक दो पहाड़ी श्रेणियाँ हैं। सह्याद्रि श्रेणी जिले में उत्तर से दक्षिण की ओर फैली हुई है और महादेव श्रेणी पूर्व से दक्षिणपूर्व में फैली हुई है। जिले में नदियों के दो समूह हैं : भीमा समूह और कृष्णा समूह। भीमा समूह की नदियाँ जिले के उत्तर एवं उत्तर-पूर्व के कुछ भागों में बहती हैं और कृष्णा समूह की नदियाँ जिले के शेष भाग में बहती हैं। यहाँ के जंगल इमारती एवं जलावन लकड़ियों के भंडार हैं। यहाँ की भूमि कैल्सियम कार्बोनेट से युक्त, काली चिकनी मिट्टी से बनी है, जो अच्छी सिंचाई की जाने पर बड़ी उपजाऊ हो जाती है। सतारा के कुछ पश्चिमी भागों में औसत वार्षिक वर्षा 200 इंच से भी अधिक होती है, पर पूर्वी भाग में अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है। यहाँ की प्रमुख फसलें दलहन, तिलहन, गन्ना एवं मोटे अना हैं। पीतल के बरतनों का उद्योग और सूती वस्त्र एवं कंबल उद्योग यहाँ हैं।
2. नगर, स्थिति : 170 410 उ. अ. तथा 740 00 पू. दे। यह नगर उपर्युक्त जिले का प्रशासनिक केंद्र है और कृष्णा एवं वेन नदियों के संगम पर, पूना से 56 मील, दक्षिण में स्थित है। ढालवाँ पहाड़ी की चोटी पर सतारा का दृढ़ किला स्थित है और इस किले के नीचे नगर फैला हुआ है। ऐसा अनुमान है कि संभवत: किले में 17 दीवारें, मीनारें एवं द्वार थे, जिनके आधार पर नगर का नाम सतारा पड़ा है। नगर समुद्रतल से 2,320 फुट की ऊँचाई पर स्थित है, जिसके कारण नगर की जलवायु अच्छी है। नगर की जनसंख्या 48,709 (1961) है। मराठा इतिहास में नगर का महत्वपूर्व स्थान रहा और 1848 ई. तथा शिवाजी के वंशजों द्वारा यह नगर शासित था। इन वंशजों के हाथियार सतार के किले में रखे हुए हैं। (अजित नारायण मेहरोत्रा)
2. नगर, स्थिति : 170 410 उ. अ. तथा 740 00 पू. दे। यह नगर उपर्युक्त जिले का प्रशासनिक केंद्र है और कृष्णा एवं वेन नदियों के संगम पर, पूना से 56 मील, दक्षिण में स्थित है। ढालवाँ पहाड़ी की चोटी पर सतारा का दृढ़ किला स्थित है और इस किले के नीचे नगर फैला हुआ है। ऐसा अनुमान है कि संभवत: किले में 17 दीवारें, मीनारें एवं द्वार थे, जिनके आधार पर नगर का नाम सतारा पड़ा है। नगर समुद्रतल से 2,320 फुट की ऊँचाई पर स्थित है, जिसके कारण नगर की जलवायु अच्छी है। नगर की जनसंख्या 48,709 (1961) है। मराठा इतिहास में नगर का महत्वपूर्व स्थान रहा और 1848 ई. तथा शिवाजी के वंशजों द्वारा यह नगर शासित था। इन वंशजों के हाथियार सतार के किले में रखे हुए हैं। (अजित नारायण मेहरोत्रा)
Hindi Title
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
1 -
2 -
2 -
बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -
2 -
3 -