यह भूमि में जल की वह मात्रा है जिस पर पौधे मुरझा जाते हैं तथा अंधेरे व संतृप्त वातावरण में रखने पर भी पुनरुज्जीवित (recover) नहीं हो पाते जब तक बाहरी साधन से जल न दिया जाय। पौधों की वृद्धि के लिए उपलब्ध जल परिसर की यह न्यूनतम सीमा है। स्थाई म्लानि बिन्दु के बाद भी पौधे जल का कुछ हद तक शोषण कर सकते हैं पर इतना जल वृद्धि के लिए पर्याप्त नहीं होता। इस बिन्दु पर मृदा में जल 15 वायु-मंडलीय प्रतिबल से धारित रहती है।
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