स्वीडेन स्थिति : 550 200 से 690 40 उ. अ. तथा 100 580 से 240 100 पू. दे.। यह स्कैंडिनेवियन देशों में सबसे बड़ा तथा यूरोप का चौथा बड़ा देश है। इसका अधिकांश भाग बाल्टिक सागर के किनारे है। शीतकाल में यह सागर जम जाता है। स्वीडेन का समुद्रतट अधिक कटाफटा नहीं है। स्वीडेन के पूर्व और दक्षिण में कैटेगैट (Kattegat) तथा स्कैगेरैक (Skagerrak) स्थित हैं। स्वीडेन का कुल क्षेत्रफल 4,49,662 वर्ग किमी है। कुल क्षेत्रफल का 38,562 वर्ग किमी भाग जल से भरा है। स्वीडेन की उत्तर से दक्षिण तक की अधिकतम लंबाई 1,574 किमी तथा चौड़ाई 499 किमी है।
नदियों तथा झीलों की अधिकता के कारण यहाँ की जलवायु बहुत ठंडी नहीं है। यहाँ लगभग सात मास जाड़ा पड़ता है। ग्रीष्म काल लगभग दो मास (मई, जून) का होता है। ग्रीष्मकाल का सर्वाधिक लंबा दिन 23 घंटे का होता है। यहाँ की औसत वर्षा लगभग 50 सेंमी है।
1. नारलैंड (Norrland)- यह स्वीडेन का उत्तरी भाग है। इसके अंतर्गत स्वीडेन का लगभग 60% भाग आता है। 2. झीलों का प्रांत- यह नारलैंड के दक्षिण में स्थित है। स्वीडेन में कुल 86,000 झीलें हैं। 3. स्मालैंड- यह दक्षिणी स्वीडेन के मध्य में स्थित है। यहाँ जंगलों तथा दलदलों की अधिकता है। 4. स्केनिया- यह स्वीडेन का दक्षिणी पश्चिमी भाग है। इस प्रदेश की भूमि बहुत ही उपजाऊ है।
स्वीडेन में लगभग 9% भूमि पर खेती होती है। गेहूँ, जौ, राई तथा चुकंदर आदि यहाँ के प्रमुख कृषि उत्पादन है। यद्यपि खाद्यान्न की दृष्टि से स्वीडेन लगभग आत्मनिर्भर है तथापि कुछ खाद्य सामग्री आयात की जाती हैं।
स्वीडेन में कोयले के अभाव के कारण जलविद्युत् शक्ति का बहुत विकास हुआ है। उत्तरी स्वीडेन की जलशक्ति दक्षिणी स्वीडेन के उद्योग धंधों के लिए लगभग 1600 किमी लंबे पारेषण लाइन (Transmission line) द्वारा पहुँचाई जाती है। हारस्प्रांग (Harsprong) दुनियाँ का दूसरा सबसे बड़ा जलविद्युत् केंद्र है। यहाँ से रेलों तथा औद्योगिक केंद्रों को विद्युत पहुँचाई जाती है।
स्वीडेन की आय का प्रमुख साधन यहाँ की वन संपत्ति है। इन वनों में पाइन, बर्च, ऐश, ओक और बीच आदि के वृक्ष उगते हैं। इनसे अनेक पदार्थ जैसे इमारती लकड़ी, फर्नीचर, काष्ठ लुगदी, सेलुलोज और कागज आदि का निर्माण होता है। दियासलाई निर्माण का भी यह प्रमुख केंद्र है। यहाँ के निवासी बड़े परिश्रमी होते हैं।
स्वीडेन में खनिज पदार्थों की बहुलता है। यहाँ का लौहक्षेत्र अपनी उत्कृष्टता के लिए विश्वप्रसिद्ध है। उत्तरी स्वीडेन के किरुना तथा गैलिबरा क्षेत्रों में उच्च श्रेणी के लोहे के अयस्क पाए जाते हैं। इन अयस्कों में 60% से 71% तक लोहा पाया जाता है। यहाँ से इस्पात तथा लौह अयस्क का निर्यात होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद स्वीडेन का निर्यात मुख्यत: ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका तथा अन्य देशों को होता है। उससे पहले विशेषत: जर्मनी को होता था। लोहे के अतिरिक्त यहाँ चाँदी, सीसा, मैंगनीज, जस्ता तथा ताँबा आदि के खनिज भी पाए जाते हैं।
स्वीडेन के प्रमुख नगरों में स्टाकहोम तथा गोटेबर्ग मुख्य हैं। स्टाकहोम स्वीडेन की राजधानी है। यह नगर उद्योगों तथा रेलों का केंद्र है। गोटेबर्ग स्वीडेन का व्यापारिक केंद्र है। यह दक्षिणी स्वीडेन के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह देश के अन्य भागों से रेलों तथा नहरों से जुड़ा हुआ है।
स्वीडेन का हर व्यक्ति भली भाँति लिखना पढ़ना जानता है। यहाँ 7 से 9 वर्ष की आयु तक शिक्षा अनिवार्य तथा नि:शुल्क है। स्वीडेन में चार विश्वविद्यालय हैं। इनका अधिकांश व्यय सरकार वहन करती है। यहाँ की भाषा स्वीडिश है। संविधान द्वारा सभी धर्मों को पूरी छूट मिली हुई है फिर भी यहाँ 94% लोग लूथरन धर्म के अनुयायी हैं। (रामसहाय खरे)
नदियों तथा झीलों की अधिकता के कारण यहाँ की जलवायु बहुत ठंडी नहीं है। यहाँ लगभग सात मास जाड़ा पड़ता है। ग्रीष्म काल लगभग दो मास (मई, जून) का होता है। ग्रीष्मकाल का सर्वाधिक लंबा दिन 23 घंटे का होता है। यहाँ की औसत वर्षा लगभग 50 सेंमी है।
स्वीडेन को चार भौगोलिक विभागों में बाँटा जा सकता है-
1. नारलैंड (Norrland)- यह स्वीडेन का उत्तरी भाग है। इसके अंतर्गत स्वीडेन का लगभग 60% भाग आता है। 2. झीलों का प्रांत- यह नारलैंड के दक्षिण में स्थित है। स्वीडेन में कुल 86,000 झीलें हैं। 3. स्मालैंड- यह दक्षिणी स्वीडेन के मध्य में स्थित है। यहाँ जंगलों तथा दलदलों की अधिकता है। 4. स्केनिया- यह स्वीडेन का दक्षिणी पश्चिमी भाग है। इस प्रदेश की भूमि बहुत ही उपजाऊ है।
स्वीडेन में लगभग 9% भूमि पर खेती होती है। गेहूँ, जौ, राई तथा चुकंदर आदि यहाँ के प्रमुख कृषि उत्पादन है। यद्यपि खाद्यान्न की दृष्टि से स्वीडेन लगभग आत्मनिर्भर है तथापि कुछ खाद्य सामग्री आयात की जाती हैं।
स्वीडेन में कोयले के अभाव के कारण जलविद्युत् शक्ति का बहुत विकास हुआ है। उत्तरी स्वीडेन की जलशक्ति दक्षिणी स्वीडेन के उद्योग धंधों के लिए लगभग 1600 किमी लंबे पारेषण लाइन (Transmission line) द्वारा पहुँचाई जाती है। हारस्प्रांग (Harsprong) दुनियाँ का दूसरा सबसे बड़ा जलविद्युत् केंद्र है। यहाँ से रेलों तथा औद्योगिक केंद्रों को विद्युत पहुँचाई जाती है।
स्वीडेन की आय का प्रमुख साधन यहाँ की वन संपत्ति है। इन वनों में पाइन, बर्च, ऐश, ओक और बीच आदि के वृक्ष उगते हैं। इनसे अनेक पदार्थ जैसे इमारती लकड़ी, फर्नीचर, काष्ठ लुगदी, सेलुलोज और कागज आदि का निर्माण होता है। दियासलाई निर्माण का भी यह प्रमुख केंद्र है। यहाँ के निवासी बड़े परिश्रमी होते हैं।
स्वीडेन में खनिज पदार्थों की बहुलता है। यहाँ का लौहक्षेत्र अपनी उत्कृष्टता के लिए विश्वप्रसिद्ध है। उत्तरी स्वीडेन के किरुना तथा गैलिबरा क्षेत्रों में उच्च श्रेणी के लोहे के अयस्क पाए जाते हैं। इन अयस्कों में 60% से 71% तक लोहा पाया जाता है। यहाँ से इस्पात तथा लौह अयस्क का निर्यात होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद स्वीडेन का निर्यात मुख्यत: ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका तथा अन्य देशों को होता है। उससे पहले विशेषत: जर्मनी को होता था। लोहे के अतिरिक्त यहाँ चाँदी, सीसा, मैंगनीज, जस्ता तथा ताँबा आदि के खनिज भी पाए जाते हैं।
स्वीडेन के प्रमुख नगरों में स्टाकहोम तथा गोटेबर्ग मुख्य हैं। स्टाकहोम स्वीडेन की राजधानी है। यह नगर उद्योगों तथा रेलों का केंद्र है। गोटेबर्ग स्वीडेन का व्यापारिक केंद्र है। यह दक्षिणी स्वीडेन के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह देश के अन्य भागों से रेलों तथा नहरों से जुड़ा हुआ है।
स्वीडेन का हर व्यक्ति भली भाँति लिखना पढ़ना जानता है। यहाँ 7 से 9 वर्ष की आयु तक शिक्षा अनिवार्य तथा नि:शुल्क है। स्वीडेन में चार विश्वविद्यालय हैं। इनका अधिकांश व्यय सरकार वहन करती है। यहाँ की भाषा स्वीडिश है। संविधान द्वारा सभी धर्मों को पूरी छूट मिली हुई है फिर भी यहाँ 94% लोग लूथरन धर्म के अनुयायी हैं। (रामसहाय खरे)
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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