स्विट्सरलैंड स्थिति : 450 490 से 470 490 उ. अ. तथा 50 570 से 100 300 पू. दे.। यह मध्य यूरोप का एक छोटा जनतांत्रिक देश है जिसमें 22 प्रदेश (Canton) हैं। इसके पश्चिम और उत्तर पश्चिम में फ्रांस, दक्षिण में इटली, पूर्व में आस्ट्रिया और लिक्टेनश्टाइन (Liechtenstein) तथा उत्तर में पश्चिमी जर्मनी स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 41,288 वर्ग किमी है। स्विट्सरलैंड की पूर्व से पश्चिम तक की अधिकतम चौड़ाई 220 किमी है।
यूरोप महाद्वीप में स्विट्सरलैंड सबसे अधिक पर्वतीय देश है। हिमाच्छादित आल्प्स (Alps) और जूरा (Jura) पर्वत इसका श्भाग घेरे हुए हैं। जूरा पर्वत देश के उत्तर पश्चिम भाग में एक बड़ा अर्धवृत्त बनाते हैं। इन दोनों पर्वतश्रेणियों के बीच में मिडिललैंड पठार स्थित है और इसी पठार में अधिकांश लोग रहते हैं। बहुत से छोटे छोटे जिलों से मिलकर बने होने से प्राकृतिक एकता बहुत कम अथवा नहीं के बराबर है। ये जिले भाषा, धर्म, रीतिरिवाज और मानवजाति विज्ञान (Ethnology) में एक दूसरे से भिन्न हैं।
आधुनिक स्विट्सरलैंड में तीन बड़ी नदी घाटियाँ रोन, राइन और आर हैं। ये आल्प्स की मुख्य शृंखला के उत्तर में हैं। राइन और रोन घाटियाँ, आर घाटी से बर्नीज ओवरलैंड और टोडा आल्प्स की उत्तरी श्रेणी द्वारा अलग हैं। टिसिनो और इन अन्य प्रमुख नदियाँ हैं। राइन, रोन, टिसिनो, और इन क्रमश: उत्तरी साग, भूमध्यसागर, ऐड्रियाटिक सागर और कृष्णसागर में गिरती हैं।
मांटे रोजा की ड्यूफोरस्विट्ज (Dufourspitze) मिशाबेल श्रेणी का डोम तथा बर्नीज ओवरलैंड में फिटत्तर हार्न मुख्य ऊँची चोटियाँ हैं। आल्प्स की भूतालिक रचना बहुत ही जटिल एवं दुरूह है। जूरा पर्वत मोड़ तथा अनावरण में कम जटिल हैं। मध्य मैदानी भाग आदिनूतनयुग तथा मध्यनूतनयुग का बना है।
झील, जलप्रपात तथा हिमसरिताएँ- स्विट्सरलैंड प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविद्यालय हैं। झीलों, जलप्रपातों और हिमाच्छादित पर्वतश्रेणियों के कारण संसार का महत्वपूर्ण पर्यटन एवं स्वास्थवर्धक केंद्र है। इस देश के 1/5 भूभाग पर (लगभग 87,000 वर्ग किमी) जलाशय है। झीलों में मुख्य ब्रिंज, कांसटैंस, जेनेवा, और लुसर्न आदि हैं। स्विट्सरलैंड का सर्वोच्च जलप्रपात स्टावक्ट (287 मी) है जो लॉटरब्रुनेन की घाटी में गिरता है। इस देश में लगभग 1,000 हिमसरिताएँ है।
जलवायु- स्विट्सरलैंड ऐसे देश में, जिसका अक्षांशीय विस्तार 2 से भी कम है, कई प्रकार की जलवायु पाई जाती है। संपूर्ण देश की जलवायु उत्साह एवं स्वास्थ्यवर्धक हैं। मिडिललैंड में औसत वर्षा 91 सेमी होती है। जैसे जैसे ऊँचाई बढ़ती जाती है वर्षा तथा हिमपात भी बढ़ता जाता है। कई स्थानों पर पानी अधिकतर हिम के रूप में ही गिरता है। जुलाई गर्म महीना है इन दिनों ताप 10 से 20 से. तक रहता है।
कृषि- पूरे देश के क्षेत्रफल का कुल 75% भाग उपजाऊ है। लगभग 99% फार्म 75 एकड़ से कम तथा अधिकांश 7 से 25 एकड़ तक के हैं। अधिकांश कृषियोग्य भूमि केंद्रीय पठार मिडिललैंड में है। बर्न, वो (Vaud), फ्राइबर्ग तथा ज्यूरिख प्रदेश में गेहूँ की उपज अच्छी होती है।
पहाड़ी ढालों पर गेहूँ, राई, जौ, जई, आलू, चुकंदर तथा तंबाकू आदि की खेती होती है। शाक सब्जियाँ भी उगाई जाती हैं। फलों में सेब, नाशपाती, चेरी, बेर, खुमानी, अंगूर, काष्ठफल (nuts) आदि होते हैं। अंगूर से शराब बनाई जाती है।
घाटियों में जैतून और अन्य इमारती लकड़ीवाले पेड़ पाए जाते हैं। पशुओं में घोड़े, भेड़, बकरियाँ, गाय, बैल, सूअर तथा मुर्गियाँ आदि पाली जाता हैं। यहाँ अनेक डेयरी फार्म भी हैं। कृषि पर आधारित उद्योग धंधे पनीर, मक्खन और चीनी हैं।
खनिज- स्विट्सरलैंड में खनिजों की कमी है। केवल नमक की खाने पाई गई हैं। यहाँ पर कोयले का प्रभाव है। अल्प मात्रा में लोहा, मैंगनीज तथा ऐल्यूमिनियम के खनिज निकाले जाते हैं।
उद्योग धंधे- यहाँ का विश्वविख्यात उद्योग घड़ियों का निर्माण है। संसार के प्राय: सभी देशों को यहाँ से घड़ियाँ निर्यात की जाती हैं। सन् 1960 में घड़ियों के 1,272 कारखाने थे, जिनमें लगभग 59,900 व्यक्ति कार्य करते थे।
वस्त्र उद्योग स्विट्सरलैंड का सबसे पुराना उद्योग है। यहाँ ऊनी, सूती, रेशमी तथा अन्य प्रकार के वस्त्र तैयार किए जाते हैं। रसायन और औषधियों का भी निर्माण होता है। धातुकर्म काफी समुन्नत है। यहाँ नाना प्रकार के हथियारों से लेकर सूक्ष्म प्रकाशीय यंत्रों का भी निर्माण होता है।
शक्ति- जलविद्युत् शक्ति का विकास द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हुआ, जब युद्ध के कारण देश को कोयला मिलना बंद हो गया था। नदियों पर अनेक बाँध बाँधकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। स्विट्सरलैंड में जलविद्युत् आवश्यकता से अधिक होने के कारण अन्य देशों जैसे फ्रांस, इटली तथा जर्मनी आदि को भी भेजी जाती है।
व्यापार- स्विट्सरलैंड का व्यापार बड़े महत्व का है। खाद्यपदार्थ और कच्चे माल, जैसे अनाज, मांस, लोहा, ताँबा, भारी मशीनें और वाहन आदि का आयात किया जाता है तथा घड़ियाँ, रंजक, औषधियाँ, रसायन तथा कुछ मशीनें भी निर्यात की जाती हैं। निर्यात की अपेक्षा आयात अधिक होता है। जिन देशों को चीजें निर्यात की जाती हैं उनमें फ्रांस, इटली, जर्मनी, इंग्लैंड, स्पेन, स्वीडेन तुर्की, अर्जेटाइना तथा संयुक्त राज्य अमरीका हैं।
यातायात एवं संचार- स्विट्सरलैंड के रेलपथ की लंबाई सन् 1960 में 5,641 किमी थी। यहाँ की रेल व्यवस्था यूरोप के सर्वोत्कृष्ट रेल व्यवस्थाओं में से एक है। स्विट्सरलैंड अपनी प्राकृतिक स्थिति के कारण अंतर्राष्ट्रीय रेलों का केंद्र है। 53% रेलें सरकारी व्यवस्था के अधीन हैं। सन् 1960 में पक्की सड़कों की कुल लंबाई 17,445 किमी थी।
यहाँ की डाक तार व्यवस्था बहुत अच्छी है। एक स्थान से दूसरे स्थान तक डाक पहुँचाने के लिए बसों का प्रयोग किया जाता है। यहाँ डाक तार व्यवस्था के अंतर्गत रेडियो और टेलीविजन भी आते हैं। ये सभी व्यवस्थाएँ सरकार के अधीन हैं।
स्विट्सरलैंड के पास अनेक व्यापारिक जहाज हैं जिनसे माल बाहर से मँगाया तथा भेजा जाता है। इनका प्रधान कार्यालय बेसिक में है। यह आयात निर्यात का मुख्य केंद्र है। यहाँ का वायुमार्ग भी पर्याप्त विकसित है। वायुयानों के द्वारा लाखों यात्री, हजारों टन डाक और माल प्रति वर्ष आता जाता है। सन् 1960 में 'स्विस एअर' कंपनी के पास 36 वायुयान थे जो यातायात के लिए प्रयुक्त होते थे। इस कंपनी के अलावा स्विट्सरलैंड में 24 अन्य विदेशी कंपनियाँ भी हैं जो यातायात का कार्य करती हैं।
शिक्षा तथा धर्म- स्विट्सरलैंड का प्रत्येक व्यक्ति भली भाँति लिख पढ़ सकता है। प्रारंभिक शिक्षा नि:शुल्क है। 6 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों का स्कूल जाना अनिवार्य है। बालक एवं बालिकाओं की शिक्षा का प्रबंध एक साथ ही है। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अपनी स्थानीय भाषा के अतिरिक्त एक अन्य भाषा सीखना अनिवार्य है। व्यावसायिक एवं प्रशासनिक विद्यालय भी हैं। स्विट्सरलैंड में कुल 7 विश्वविद्यालय हैं तथा जूरिख में एक 'फेडरल इंस्टिट्यूट ऑव टेक्नोलॉजी है'।
मुख्य धर्म ईसाई धर्म है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी गिरजाघर में पूजा करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। कुल जनसंख्या के लगभग 52.7% प्रोटेस्टेंट, 42% श्रोमन कैथोलिक, 0.6% श्पुराने कैथोलिक और 0.4% श्यहूदी हैं। धर्म की भाषा से कोई संबंध नहीं है।
भाषा- यहाँ तीन आधिकारिक राष्ट्रीय भाषाएँ जर्मन, फ्रांसीसी तथा इतालवी हैं। स्विट्सरलैंड के कुछ निवासी जर्मन से मिलती जुलती, कुछ फ्रांसीसी से मिलती जुलती तथा कुछ प्राचीन इतालवी से मिलती जुलती बोली बोलते हैं। एक और अन्य भाषा को, जो पुराने लैटिन से मिलती जुलती है, रीटो रोमंश (Rhaeto Romansh) कहते हैं। यह भाषा भी स्विट्सरलैंड के एक प्रदेश ग्राउबनडेन में बोली जाती है। इस भाषा का पूर्ण विकास अभी तक नहीं हुआ है।
पर्यटन- यहाँ की आय का एक साधन पर्यटन भी है। संसार के प्रत्येक देश से पर्यटक यहाँ स्वास्थ्यलाभ एवं सौंदर्यदर्शन हेतु आते हैं। पर्वतारोहियों के लिए भी स्विट्सरलैंड आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ की जलवायु शुष्क एवं ठंढी है तथा क्षय रोगियों के लिए अत्यंत उत्तम है। ऊष्ण जल के झरनों और खनिज जल की स्वास्थ्यकर झीलों से भी पर्यटक आकर्षित होते हैं।
जनसंख्या एवं प्रमुख नगर- सन् 1960 में यहाँ की जनसंख्या 54,29,061 थी। जिसमें 67% ग्रामीण तथा 33% शहरी लोग थे। जनसंख्या का घनत्व 347 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था। मुख्य नगर जूरिख, बेसिल, जेनेवा, बर्न सेंट गालेन, लूसर्न और विंटरथर आदि हैं। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)
यूरोप महाद्वीप में स्विट्सरलैंड सबसे अधिक पर्वतीय देश है। हिमाच्छादित आल्प्स (Alps) और जूरा (Jura) पर्वत इसका श्भाग घेरे हुए हैं। जूरा पर्वत देश के उत्तर पश्चिम भाग में एक बड़ा अर्धवृत्त बनाते हैं। इन दोनों पर्वतश्रेणियों के बीच में मिडिललैंड पठार स्थित है और इसी पठार में अधिकांश लोग रहते हैं। बहुत से छोटे छोटे जिलों से मिलकर बने होने से प्राकृतिक एकता बहुत कम अथवा नहीं के बराबर है। ये जिले भाषा, धर्म, रीतिरिवाज और मानवजाति विज्ञान (Ethnology) में एक दूसरे से भिन्न हैं।
आधुनिक स्विट्सरलैंड में तीन बड़ी नदी घाटियाँ रोन, राइन और आर हैं। ये आल्प्स की मुख्य शृंखला के उत्तर में हैं। राइन और रोन घाटियाँ, आर घाटी से बर्नीज ओवरलैंड और टोडा आल्प्स की उत्तरी श्रेणी द्वारा अलग हैं। टिसिनो और इन अन्य प्रमुख नदियाँ हैं। राइन, रोन, टिसिनो, और इन क्रमश: उत्तरी साग, भूमध्यसागर, ऐड्रियाटिक सागर और कृष्णसागर में गिरती हैं।
मांटे रोजा की ड्यूफोरस्विट्ज (Dufourspitze) मिशाबेल श्रेणी का डोम तथा बर्नीज ओवरलैंड में फिटत्तर हार्न मुख्य ऊँची चोटियाँ हैं। आल्प्स की भूतालिक रचना बहुत ही जटिल एवं दुरूह है। जूरा पर्वत मोड़ तथा अनावरण में कम जटिल हैं। मध्य मैदानी भाग आदिनूतनयुग तथा मध्यनूतनयुग का बना है।
झील, जलप्रपात तथा हिमसरिताएँ- स्विट्सरलैंड प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविद्यालय हैं। झीलों, जलप्रपातों और हिमाच्छादित पर्वतश्रेणियों के कारण संसार का महत्वपूर्ण पर्यटन एवं स्वास्थवर्धक केंद्र है। इस देश के 1/5 भूभाग पर (लगभग 87,000 वर्ग किमी) जलाशय है। झीलों में मुख्य ब्रिंज, कांसटैंस, जेनेवा, और लुसर्न आदि हैं। स्विट्सरलैंड का सर्वोच्च जलप्रपात स्टावक्ट (287 मी) है जो लॉटरब्रुनेन की घाटी में गिरता है। इस देश में लगभग 1,000 हिमसरिताएँ है।
जलवायु- स्विट्सरलैंड ऐसे देश में, जिसका अक्षांशीय विस्तार 2 से भी कम है, कई प्रकार की जलवायु पाई जाती है। संपूर्ण देश की जलवायु उत्साह एवं स्वास्थ्यवर्धक हैं। मिडिललैंड में औसत वर्षा 91 सेमी होती है। जैसे जैसे ऊँचाई बढ़ती जाती है वर्षा तथा हिमपात भी बढ़ता जाता है। कई स्थानों पर पानी अधिकतर हिम के रूप में ही गिरता है। जुलाई गर्म महीना है इन दिनों ताप 10 से 20 से. तक रहता है।
कृषि- पूरे देश के क्षेत्रफल का कुल 75% भाग उपजाऊ है। लगभग 99% फार्म 75 एकड़ से कम तथा अधिकांश 7 से 25 एकड़ तक के हैं। अधिकांश कृषियोग्य भूमि केंद्रीय पठार मिडिललैंड में है। बर्न, वो (Vaud), फ्राइबर्ग तथा ज्यूरिख प्रदेश में गेहूँ की उपज अच्छी होती है।
पहाड़ी ढालों पर गेहूँ, राई, जौ, जई, आलू, चुकंदर तथा तंबाकू आदि की खेती होती है। शाक सब्जियाँ भी उगाई जाती हैं। फलों में सेब, नाशपाती, चेरी, बेर, खुमानी, अंगूर, काष्ठफल (nuts) आदि होते हैं। अंगूर से शराब बनाई जाती है।
घाटियों में जैतून और अन्य इमारती लकड़ीवाले पेड़ पाए जाते हैं। पशुओं में घोड़े, भेड़, बकरियाँ, गाय, बैल, सूअर तथा मुर्गियाँ आदि पाली जाता हैं। यहाँ अनेक डेयरी फार्म भी हैं। कृषि पर आधारित उद्योग धंधे पनीर, मक्खन और चीनी हैं।
खनिज- स्विट्सरलैंड में खनिजों की कमी है। केवल नमक की खाने पाई गई हैं। यहाँ पर कोयले का प्रभाव है। अल्प मात्रा में लोहा, मैंगनीज तथा ऐल्यूमिनियम के खनिज निकाले जाते हैं।
उद्योग धंधे- यहाँ का विश्वविख्यात उद्योग घड़ियों का निर्माण है। संसार के प्राय: सभी देशों को यहाँ से घड़ियाँ निर्यात की जाती हैं। सन् 1960 में घड़ियों के 1,272 कारखाने थे, जिनमें लगभग 59,900 व्यक्ति कार्य करते थे।
वस्त्र उद्योग स्विट्सरलैंड का सबसे पुराना उद्योग है। यहाँ ऊनी, सूती, रेशमी तथा अन्य प्रकार के वस्त्र तैयार किए जाते हैं। रसायन और औषधियों का भी निर्माण होता है। धातुकर्म काफी समुन्नत है। यहाँ नाना प्रकार के हथियारों से लेकर सूक्ष्म प्रकाशीय यंत्रों का भी निर्माण होता है।
शक्ति- जलविद्युत् शक्ति का विकास द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हुआ, जब युद्ध के कारण देश को कोयला मिलना बंद हो गया था। नदियों पर अनेक बाँध बाँधकर जलविद्युत् उत्पन्न की जाती है। स्विट्सरलैंड में जलविद्युत् आवश्यकता से अधिक होने के कारण अन्य देशों जैसे फ्रांस, इटली तथा जर्मनी आदि को भी भेजी जाती है।
व्यापार- स्विट्सरलैंड का व्यापार बड़े महत्व का है। खाद्यपदार्थ और कच्चे माल, जैसे अनाज, मांस, लोहा, ताँबा, भारी मशीनें और वाहन आदि का आयात किया जाता है तथा घड़ियाँ, रंजक, औषधियाँ, रसायन तथा कुछ मशीनें भी निर्यात की जाती हैं। निर्यात की अपेक्षा आयात अधिक होता है। जिन देशों को चीजें निर्यात की जाती हैं उनमें फ्रांस, इटली, जर्मनी, इंग्लैंड, स्पेन, स्वीडेन तुर्की, अर्जेटाइना तथा संयुक्त राज्य अमरीका हैं।
यातायात एवं संचार- स्विट्सरलैंड के रेलपथ की लंबाई सन् 1960 में 5,641 किमी थी। यहाँ की रेल व्यवस्था यूरोप के सर्वोत्कृष्ट रेल व्यवस्थाओं में से एक है। स्विट्सरलैंड अपनी प्राकृतिक स्थिति के कारण अंतर्राष्ट्रीय रेलों का केंद्र है। 53% रेलें सरकारी व्यवस्था के अधीन हैं। सन् 1960 में पक्की सड़कों की कुल लंबाई 17,445 किमी थी।
यहाँ की डाक तार व्यवस्था बहुत अच्छी है। एक स्थान से दूसरे स्थान तक डाक पहुँचाने के लिए बसों का प्रयोग किया जाता है। यहाँ डाक तार व्यवस्था के अंतर्गत रेडियो और टेलीविजन भी आते हैं। ये सभी व्यवस्थाएँ सरकार के अधीन हैं।
स्विट्सरलैंड के पास अनेक व्यापारिक जहाज हैं जिनसे माल बाहर से मँगाया तथा भेजा जाता है। इनका प्रधान कार्यालय बेसिक में है। यह आयात निर्यात का मुख्य केंद्र है। यहाँ का वायुमार्ग भी पर्याप्त विकसित है। वायुयानों के द्वारा लाखों यात्री, हजारों टन डाक और माल प्रति वर्ष आता जाता है। सन् 1960 में 'स्विस एअर' कंपनी के पास 36 वायुयान थे जो यातायात के लिए प्रयुक्त होते थे। इस कंपनी के अलावा स्विट्सरलैंड में 24 अन्य विदेशी कंपनियाँ भी हैं जो यातायात का कार्य करती हैं।
शिक्षा तथा धर्म- स्विट्सरलैंड का प्रत्येक व्यक्ति भली भाँति लिख पढ़ सकता है। प्रारंभिक शिक्षा नि:शुल्क है। 6 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों का स्कूल जाना अनिवार्य है। बालक एवं बालिकाओं की शिक्षा का प्रबंध एक साथ ही है। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अपनी स्थानीय भाषा के अतिरिक्त एक अन्य भाषा सीखना अनिवार्य है। व्यावसायिक एवं प्रशासनिक विद्यालय भी हैं। स्विट्सरलैंड में कुल 7 विश्वविद्यालय हैं तथा जूरिख में एक 'फेडरल इंस्टिट्यूट ऑव टेक्नोलॉजी है'।
मुख्य धर्म ईसाई धर्म है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी गिरजाघर में पूजा करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। कुल जनसंख्या के लगभग 52.7% प्रोटेस्टेंट, 42% श्रोमन कैथोलिक, 0.6% श्पुराने कैथोलिक और 0.4% श्यहूदी हैं। धर्म की भाषा से कोई संबंध नहीं है।
भाषा- यहाँ तीन आधिकारिक राष्ट्रीय भाषाएँ जर्मन, फ्रांसीसी तथा इतालवी हैं। स्विट्सरलैंड के कुछ निवासी जर्मन से मिलती जुलती, कुछ फ्रांसीसी से मिलती जुलती तथा कुछ प्राचीन इतालवी से मिलती जुलती बोली बोलते हैं। एक और अन्य भाषा को, जो पुराने लैटिन से मिलती जुलती है, रीटो रोमंश (Rhaeto Romansh) कहते हैं। यह भाषा भी स्विट्सरलैंड के एक प्रदेश ग्राउबनडेन में बोली जाती है। इस भाषा का पूर्ण विकास अभी तक नहीं हुआ है।
पर्यटन- यहाँ की आय का एक साधन पर्यटन भी है। संसार के प्रत्येक देश से पर्यटक यहाँ स्वास्थ्यलाभ एवं सौंदर्यदर्शन हेतु आते हैं। पर्वतारोहियों के लिए भी स्विट्सरलैंड आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ की जलवायु शुष्क एवं ठंढी है तथा क्षय रोगियों के लिए अत्यंत उत्तम है। ऊष्ण जल के झरनों और खनिज जल की स्वास्थ्यकर झीलों से भी पर्यटक आकर्षित होते हैं।
जनसंख्या एवं प्रमुख नगर- सन् 1960 में यहाँ की जनसंख्या 54,29,061 थी। जिसमें 67% ग्रामीण तथा 33% शहरी लोग थे। जनसंख्या का घनत्व 347 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था। मुख्य नगर जूरिख, बेसिल, जेनेवा, बर्न सेंट गालेन, लूसर्न और विंटरथर आदि हैं। (राजेंद्र प्रसाद सिंह)
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