Secondary Enrichment in hindi

Submitted by Hindi on Mon, 04/19/2010 - 10:44

उत्तर समृद्धिः
उपरिशायी (overlying) शैलों अथवा उनके साहचर्य में पाए जाने वाले शैलों के ऑक्सीकरण द्वारा किसी शिरा या अयस्क-पिंड में धातुओं की समृद्धि। यह एक ऐसा प्राकृतिक प्रक्रम है जिसमें निम्न कोटि के अयस्क उच्च कोटि के अयस्कों में परिवर्तित हो जाते है।