गांधी जयंती 02 अक्टूबर के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत पुरस्कार 2020 की घोषणा की गई। जिसमें उत्तर प्रदेश और गुजरात जहाँ टॉप पर रहे वही उत्तराखंड के ग्राम पंचायत पाबौ स्वच्छ सामुदायिक शौचालय में तीसरे स्थान पर रहा।
जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने इस मौके पर पुरस्कार की घोषणा की। ऑनलाइन वेबिनार के जरिये आयोजित सम्मान समारोह में जिला मुख्यालय पौड़ी में प्रभारी जिलाधिकारी आशीष भट्टगाई द्वारा ग्राम प्रधान हरेंद्र सिंह को पुरुस्कार दिया गया।
स्वच्छता को लेकर केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वछता अभियान में हर साल शानदार काम करने वाले गांव ,कस्बे ,शहर और लोगों को सम्मानित किया जाता है । इसी के तहत जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वछ सुंदर सामुदायिक शौचालय, सामुदायिक शौचालय अभियान और गंदगी मुक्त कैटेगरी में पूरे देश से नाम मांगे गए और उन्हें पुरस्कृत किया गया।
उत्तराखण्ड में स्वजल परियोजना के प्रबंधक दीपक रावत ने बताया कि बीते वर्ष ग्राम पंचायत पाबौ में बने 1 1 .80 लाख की लागत से बने शौचालय को पुरस्कार श्रेणी में शामिल कराने के लिए 03 महीने पहले आवेदन किया गया था। इसके बाद केंद्र की एक टीम आई,जिसने पूरे गाँव का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार की।
रिपोर्ट में बताया गया कि शहर में शौचालय की साफ- सफाई के लिए पाबौ बजार समिति की मदद से एक सफाई कर्मचारी को रखा गया है। महिला और पुरुषों के लिए अलग अलग शौचालय बनाये गये है। विशेषकर महिलाओं की सुविधा के लिए सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इंसुलेटर मशीन की सुविधा भी उपलब्ध हैं
क्या है सरकार का मकसद
स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय अभियान की शुरुआत 1 नवंबर 2020 को हुई थी जो 30 अप्रैल 2020 तक चला। केंद्र सरकार के इस अभियान का मकसद है की देश के सभी जिलों, ब्लॉकों और गांवों को उनके सामुदायिक शौचालयों के निर्माण, रंगरोगन और रखरखाव के लिए संसाधनों को जुटाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाए।
इन राज्यों का रहा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इस अभियान में स्वछ सुंदर समुदायिक शौचालय श्रेणी में गुजरात को सबसे प्रथम पुरस्कार मिला जबकि तमिलनाडु के तिरुनेलवेल्ली को सबसे सर्वश्रेष्ठ जिला का पुरस्कार मिला वही मध्यप्रदेश के उज्जैन के खाचरोड को सर्वश्रेष्ठ खंड और चिन्नौर को सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत के लिये पुरस्कृत किया गया.
पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा 08 अगस्त 2020 में शुरू किए गए सप्ताह भर के गंदगी से मुक्त अभियान के लिए, तेलंगाना राज्य को सबसे अधिक श्रमदान भागीदारी के लिए सबसे अधिक पुरस्कार मिले, इसके साथ ही हरियाणा को सबसे अधिक ओडीएफ प्लस गांव घोषित करने के लिए पहला पुरस्कार दिया गया। वही पंजाब के मोगा जिला को दीवार पर पेंटिंग द्वारा आईईसी संदेशों को प्रसारित करने के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया । इसके अतिरिक्त कई श्रेणियों में विभिन्न पुरस्कार दिए गए।
वही इस मौके पर केंद्र सरकार की और से सामुदायिक शौचालय अभियान और स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय अभियान पर एक ई-पुस्तिका भी लॉन्च की गई
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