तो क्या कैक्टस एकदिन भूमिगत हो जाएंगे?

Submitted by Hindi on Sat, 12/04/2010 - 10:10
Source
अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 25 नवम्बर 2010


मरुस्थल में लगातार बढ़ता तापमान कहीं कैक्टस को ही विलुप्त न कर दे। डॉ. ग्रेचन नॉर्थ और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मरुस्थल की सतह का तापमान बढ़ने के कारण कैक्टस के भूमिगत होने का खतरा बढ़ गया है। नॉर्थ ने बताया कि दक्षिण पश्चिमी टेक्सास की मरुभूमि में हवा का सामान्य तापमान 36 डिग्री सेल्सियस है, जबकि सतह का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस है। इस गर्म भरे नाशकारी माहौल में पौधों की प्रजातियां अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए काफी जद्दोजहर करती हैं।

नॉर्थ ने बताया कि गर्म माहौल में अपने अस्तित्व की रक्षा करने में कैक्टस सबसे अधिक सक्षम है। मरुभूमि की सतह के बढ़ते तापमान को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कैक्टस धीरे-धीरे भूमि के अंदर चला जाएगा, जहां का तापमान ठंडा है। इस तथ्य को जानने के लिए नॉर्थ और उनकी टीम ने पौधों की गहराई तथा जड़ों पर विस्तृत अध्ययन किया। इस अध्ययन में उन्होंने पौधों की गहराई में काफी बदलाव पाया है। उन्होंने बताया कि अध्ययन में पता चला कि कैक्टस के पौधे धीरे-धीरे काफी नीचे होते जा रहे हैं और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो एक दिन वे भूमिगत हो जाएंगे।
 

 

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