टोगो (तोगो)

Submitted by Hindi on Fri, 08/12/2011 - 15:31
टोगो (तोगो) अफ्रीका महाद्वीप के पश्चिमी तट पर 60 10` सें. 110 5` उ. अ. और 10 57 सें. 00 25 पू. दे. के बीच स्थित गणराज्य। राजधानी लोम। इसके उत्तर में अपर वोल्टा (Upper Volta), पूर्व में दहोमी, दक्षिण में गिनी की खाड़ी (Gulf of Guinea) तथा पश्चिम में घाना स्थित हैं।

अनेक भिन्न भिन्न जातियों का मिश्रण यहाँ की आबादी की विशेषता है। सभी का अपना अलग अलग इतिहास और अपनी अलग अलग भाषा है। इवी (Ewe), अदजा-वात्यी (Adja Watyi) और कबराइ लोसो (Kabrai Losso) मुख्य जातियाँ हैं। विभिन्न जातियों के सन्मिश्रण के बाबजूद सूडानी और नीग्रो लोगों के बीच स्पष्ट अंतर परिलक्षित होता है।

टोगो की राजकीय भाषा फ्रांसीसी है। समाचारपत्रों, व्यापार आदि में भी फ्रांसीसी भाषा का प्रयोग होता है। दक्षिणी भाग में ईवी (Ewe) मुख्य रूप से प्रचलित है।

प्राय: 75 प्रतिशत प्राचीन अफ्रीका धर्मों के अनुयायी हैं। ईसाइयों की संख्या दो लाख के लगभग है। उत्तरी भाग के निवासियों में लगभग 50,000 मुस्लिम हैं। रोमन कैथेलिक और प्रोटेस्टेंट धर्म प्रचारक भी कार्यरत हैं।

इतिहास - 12वीं और 14वीं शताब्दी में ईवी (Ewe) जाति नाइजर नदी की घाटी से चलकर दक्षिणी तोगो और घाना में जा बसी। 15वीं 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविक तटीय प्रदेशों में आए, और दासव्यापार आरंभ किया। जर्मन व्यापारी 1856 के लगभग ग्रांड-पोपो पहुँचे। 1885 में डा. गुस्ताव नाख्तिगाल नामक एक जर्मन ने तोगों के मुखिया से संधि की, जिसके परिणाम स्वरूप पोटों सीगोरो (Porto Seigouro) के निकट एक भाग पर जर्मनों का अधिकार हो गया। जर्मनों ने ही पहले बगुइटा (Baguida) में, तब जीव (Zebe) में और सन्‌ 1897 में लोम (Lome) में राजधानी स्थापित की। 1897 और 1899 में उन्होंने फ्रांसीसियों तथा अंग्रेजों के साथ सीमा निर्धारित की। इस सीमानिर्धारण के परिणाम स्वरूप ईवी (Ewe) अद्नावात्वी फान, और अन्य लोग गोल्डकोस्ट, टोगो तथा दहोमी प्रदेशों ने विभक्त हो गए।

प्रथम विश्वयुद्ध में फ्रांसीसियों और अंग्रेजों ने टोगो पर अधिकार कर लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात्‌ ब्रिटेन और फ्रांस दोनों ने टोगोलैंड के अपने अपने अधिकारक्षेत्र राष्ट्रसंघ की अंतराष्ट्रिय न्यास शासनपद्धति के मातहत कर दिए। 1948 में ईवी नेताओं ने टोगो लैंड की एकता की माँग की। उस समय इवी अलग अलग तीन प्रदेशों गोल्डकोस्ट, ब्रिटिश टोगोलैंड और फ्रेंच टोगोलैंड में बिखरे हुए थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ के संमुख टोगोलैंड की एकता के लिए आंग्लफ्रांसीसी प्रतिरोध और ईवी तथा अन्य जातियों के बीच मतभेद, दो बड़ी बाधाएँ थीं। मई 1956 में राष्ट्रसंघ के निरीक्षण में ब्रिटिश टोगोलैंड में जनमतसंग्रह हुआ, जिसमें ब्रिटिश टोगोलैंड और गोल्ड कोस्ट का विलयन निश्चित हुआ। फलत: ब्रिटिश टोगोलैंड का अस्तित्व समाप्त हो गया।

अक्टूबर, 1956 में फ्रांसीसी टोगोलैंड में जनमत के अनुसार तय हुआ कि टोगोलैंड को स्वायत्तशासन का अधिकार मिले, और फ्रांस की न्यासधारिता समाप्त हो। किंतु फ्रांस की न्यासधारिता को तत्काल समाप्त करने के मान्यता राष्ट्रसंघ में नहीं दी। 1958 के अप्रैल में राष्ट्रसंघ के निरीक्षण में पुन: निर्वाचन हुए। नेशनल यूनिटी पार्टी ने तोगो की विधानसभा में बहुमत प्राप्त किया और पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की। नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता सिल्वानुस ओलिंपियो (Sylvanus Olympio) प्रधान मंत्री निर्वाचित हुए। 13 अक्टूबर, 1958 को फ्रांस सरकर ने टोगोलैंड की स्वतंत्र करने का निश्चय किया। निदान 27 अप्रैल 1960 को टोगो गणराज्य की घोषण हुई।

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