उज्जैन. जलसंकट से मुक्त हुए अभी ज्यादा समय नहीं बीता है। पानी के लिए कितनी परेशानियां उठानी पड़ी इसे नागरिक भूले नहीं होंगे। पार्षदों ने अपने मतदाताओं को तकलीफों से बचाने के लिए कितने जतन किए और प्रशासन तथा नगर निगम अधिकारियों कर्मचारियों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इसका अहसास भी उन्हें होगा।
फिर क्या कारण है कि उज्जैन का टैंक ‘गंभीर डेम’ में तेजी से पानी कम होने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। पानी का अपव्यय और नुकसान रोकने के प्रति विभाग सचेत नहीं हो रहा। यदि यही ढर्रा रहा तो जल्दी ही गंभीर की झोली पानी से खाली हो जाएगी और शहर एक बार फिर गर्मी आते-आते जलसंकट के मुहाने पर खड़ा होगा। शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है।
एक दिन के जलप्रदाय में करीब 3 एमसीएफटी पानी व्यय होता है। यानी डेम से हर दिन 3 एमसीएफटी पानी कम होना चाहिए लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गंभीर डेम में 29 जुलाई को 2054 एमसीएफटी पानी आया था। 20 अगस्त को डेम में 1913 एमसीएफटी पानी बचा।
23 दिन में 141 एमसीएफटी पानी डेम से कम हुआ। प्रतिदिन 6 एमसीएफटी पानी डेम से कम हो रहा है। यदि हर दिन जलप्रदाय चालू रहा तो 318 दिन का पानी है। यानी ये पानी एक साल भी नहीं चलेगा। गंभीर डेम से 25 जुलाई से प्रतिदिन पानी लिया जा रहा है।
एक पुरानी वीडियो देखिए जो उज्जैन की पानी समस्या के बारे में बताता है . . .
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भास्कर संवाददाता , August 21, 2009