उलटा बादर जो चढ़ै

Submitted by Hindi on Wed, 03/17/2010 - 13:52
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घाघ और भड्डरी

उलटा बादर जो चढ़ै, विधवा खड़ी नहाय।

घाघ कहै सुन भड्डरी, वह बरसै वह जाय।।


भावार्थ – यदि बादल हवा की दिशा के विपरीत चढ़ते हुए दिखाई पड़े और विधवा स्त्री खड़ी होकर स्नान करे तो घाघ कवि कहते हैं कि भड्डरी! सुनो, वह बादल अवश्य बरसेगा और वह विधवा भी किसी न किसी पुरुष के साथ भाग जायेगी।