हिन्दुस्तान देहरादून, 18 मई 2019
ऊधमसिंहनगर जनपद की हेमपुर हैचरी में मछली बीज की बिक्री में लाखों रुपये के गोलमाल का मामला उजागर हुआ है। वर्ष 2004-05 से वर्ष 2013-14 के दौरान हेमपुर हैचरी के प्रबंधकों और कैशियर ने मछली बीज बिक्री का पैसा सरकारी खाते में जमा ही नहीं करवाया। इससे जहां वित्तीय नियमों का उल्लंघन हुआ ही, सरकार को भी ब्याज के रूप में काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
अपर सचिव बीएम मिश्र की जांच में इस घपले की पृष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मत्स्य विकास सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मत्स्यविकास निदेशक को दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
सुंदरम ने हैचरी के अधिकारी-कार्मिकों के साथ ही मत्स्य विकास अभिकरण के अफसरों की ज़िम्मेदारी तय करने को भी कहा। कार्रवाई की जद में दस साल वहां तैनात रहे अधिकारी- अधिकारी भी घपले में दोषी कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश के बाद मत्स्य निदेशक डॉ. बीपी मधवाल ने दो जांच अधिकारी नियुक्त कर दिए।
डॉ. मधवाल ने बताया कि दोनों अधिकारी हेमपुर हैचरी में हुए घपले का आकलन करने के लिए नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वित्त अधिकारी लाखीराम गैरोला को हेमपुर हैचरी और मत्स्य विकास अभिकरण के सहायक प्रबंधक लेखा कमल श्रीवास्तव को अभिकरण स्तरपर हुई गड़बड़ी की जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
उधमसिंह नगर के काशीपुर स्थित हेमपुर हैचरी मत्स्य विभाग के लिए अहम है। यहां वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2013 14 के दौरान तैनात अधिकारी और कर्मचारियों ने मछली बीज बेचने के बाद मिली धनराशि नियमतः सरकारी खाते में जमा नहीं करवाई, बल्कि अपने खातों में जमा करवा ली। लंबे समय तक धन को रोके रखने से सरकारी विभाग को ब्याज का भी भारी नुकसान हुआ। यह मामला संज्ञान में आने के बाद मत्स्य विभाग के सचिव ने जांच बिठाई थी। 7 जनवरी 2019 को अपर सचिव डीएस मिश्रा ने रिपोर्ट सरकार को दे दी थी।