वेल्ज़

Submitted by Hindi on Fri, 08/26/2011 - 09:51
वेल्ज़ स्थिति : 52030 उ.अ. तथा 3030 प.दे.। यह ग्रेट ब्रिटेन का एक राज्य है, जिसका क्षेत्रफल 7,46,807 वर्ग मील है। यहाँ की जनसंख्या 26,40,632 (1961)। इसके उत्तर तथा पश्चिम की ओर आइरिश सागर, दक्षिण में ब्रिस्टल्‌ चैनल तथा पूरब की ओर इंग्लैंड का स्थल भाग है। अत: यह वास्तव में एक प्रायद्वीप है।

वेल्ज़ पुराजीवी महाकल्प (Palaeozoic era) की चट्टानों से निर्मित एक पहाड़ी प्रदेश है। गहरी नदी घाटियों द्वारा यह काफी कटा फटा है। उत्तर पश्चिम की तरफ स्नोडन्‌ पठार वेल्ज़ का सबसे ऊँचा भाग है, जहाँ इंग्लैंड तथा वेल्ज़ की सबसे ऊँची चोटी स्नोडन्‌ (3,560 फुट) विद्यमान है। पूरे पर्वतीय प्रदेश में वनस्पतिविहीन ढाल हैं। ये ढाल 2,000 फुट से ऊपर मृदा अपरदन (soil erosion) के कारण अत्यंत ऊबड़ खाबड़ है। दक्षिण का इलाका झीलों से भरा है। हिमनदी की घाटियों में स्थित ये झीलें लंबी तथा गहरी है। स्नोडन्‌ के उत्तर पूर्व में 2,000 फुट ऊँचा पठार है। इसके भ आगे चौड़े पठार के ऊपर, गोलाकार पहाड़ियों की शृखंला मिलती है। इस चंद्राकार पठार के दक्षिण पूर्व तरफ पुराने लाल बलुआ पत्थर एवं कोयले की खानोंवाला प्रदेश मिलता है। कोयला क्षेत्र अंडाकार आकृति का है, जिसका पश्चिमी छोर पतला है। इससे होकर अनेक लंबी, पतली, खड़े किनारोंवाली नदियाँ बहती हैं, जिनके कारण बस्तियों तथा यातायात के मार्गों के निर्माण की कठिन समस्या रहती है। कोयला क्षेत्र के दक्षिण ग्लामोरगन घाटी नामक नीचा पठारी प्रदेश है। वेल्ज़ का दक्षिणी वमुद्रतट कारमारथेन तथा स्वान्सी की खाड़ियों द्वारा कट-फट गया है। उत्तरी वेल्ज़ का समुद्रतट डी के पश्चिम में नीचा है। लिन (Lleyn) समुद्रतट चट्टानी है, क्योंकि पहाड़ समुद्र के अंदर घुस गए हैं।

वेल्ज़ की नदियाँ भीतरी पठारी भाग से निकलकर, चारों तरफ बहती हैं। क्लाइड तथा कॉनवे उत्तर दिशा में बहती हैं। डवारीड, मावडरव, डोवे, रीडल आदि का बहाव पश्चिम की ओर है। दक्षिणवाहिनी नदियों में क्लोडाड, टाफ, टौवी, नीथ इत्यादि उल्लेखनीय हैं।

यहाँ के पेड़ पौधे ब्रिटेन के अन्य भागों के अनुरूप है तथा वनरोपण का काफी विस्तार हुआ है, फलत: कई भागों में कोणधारी वृक्षों की बहुलता बढ़ती जा रही है। वेल्ज़ के दुर्गम भागों में कुछ विरल पक्षी तथा पशु भी पाए जाते हैं। पोलकैट वेल्ज़ के सिवा अन्य कहीं नहीं मिलता।

वेल्ज़ का अधिकांश क्षेत्र 600 फुट से अधिक ऊँचा है। जलवायु की अनुकूलता के कारण 2/3 भाग में घास के मैदान हैं। अत: दुधारू पशुओं का पालन प्रमुख व्यवसाय है। यहाँ दुधारू पशुओं के पालने का उद्योग तथा दूध का उत्पादन प्रगति कर रहा है। खेती भी यहाँ इंग्लैंड की अपेक्षा अधिक होती है। द्वितीय महायुद्ध के समय कृषिपद्धति में हुए आमूल परिवर्तन के फलस्वरूप, यहाँ खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ गया, जिससे वेल्ज़ के अतिरिक्त इंग्लैंड की माँग भी पर्याप्त मात्रा में पूरी होने लगी। यहाँ के कृषिफार्म अपेक्षाकृत छोटे हैं तथापि मशीनों के अधिकाधिक उपयोग से कृषि का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है।

उद्योग के दृष्टिकोण से वेल्ज़ के उत्तरी तथा दक्षिणी भाग एक दूसरे से भिन्न हैं। पूरव-पश्चिमी की अपेक्षा उत्तर-दक्षिणी भाग में आवागमन के साधनों के निर्माण में सुविधा होने के कारण, उत्तरी वेल्ज़ का आर्थिक संपर्क दक्षिणी वेल्ज़ की अपेक्षा लैंकाशिर तथा मिडलैंड्स से अधिक है। उत्तरी वेल्ज़ की डी नदी की घाटी में 40 मील लंबी कोयले की खान है, परंतु यह उत्पादन तथा प्रकार में दक्षिणी वेल्ज़ की खानों से कम महत्वपूर्ण है। कोयले के साथ साथ अग्निसह मिट्टी (fire clay) भी, जो भट्ठों में काम आती है, निकलती है। कारखानों में इस्पात उद्योग उल्लेखनीय है। रूआवन में रासायनिक उद्योग तथा हॉलीवेल एव फ्लीट में कागज तथा नकली रेशम बनाने के कारखाने हैं। वेल्ज़ उत्तम स्लेट के उत्पादन की स्थित आवाँडोल सी है। वैथेस्दा, लानवेरिन, नॉटल तथा फेस्टीनियाम में स्लेट की खुदाई होती है।

दक्षिणी वेल्ज़ 1881 ई. से ही उत्तम प्रकार के कोयले का निर्यात करता है। 1956 ई. में कोयले का उत्पादन 16,40,000 टन था। टालबॉट (Talbot), कारडिफ (Cardiff) तथा एब्वेल (Ebbwvale) में इस्पात के भारी सामानों का निर्माण होता है। ताँबा उद्योग पहले स्वान्सी में था, लेकिन उसके ह्रास के पश्चात्‌ लानले, टालवॉट तथा लांदौर में ताँबे के कारखाने स्थापित हुए हैं। (जगदीश सिंह)

Hindi Title


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




अन्य स्रोतों से




संदर्भ
1 -

2 -

बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -