वेस्ट इंडीज

Submitted by Hindi on Fri, 08/26/2011 - 10:15
वेस्ट इंडीज उत्तरी तथा दक्षिणी अमरीका के मध्य 1,000 मील में फैला हुआ द्वीपसमूह है। इसका दूसरा नाम ऐंटिलिज़ है। वे द्वीप पश्चिम में यूकटैन तथा फ्लोरिडा प्राय:द्वीपों से लेकर वृत्ताकार रूप में दक्षिण की ओर वेनिज्वीला तक विस्तृत है। बहामा को छोड़कर शेष द्वीप दो भागों में विभक्त हैं : (1) बृहत्‌ ऐटिलिज़ तथा (2) लघु ऐंटिलिज़। बृहत्‌ ऐंटिलिज़ के अंतर्गत क्यूबा, जमेका, हिस्पेन्योला (जिसके अंतर्गत हेटि तथा डोमिनिकैन गणतंत्र है) तथा प्लेर्ट रीको द्वीप सम्मिलित है तथा लघु ऐंटिलिज़ के अंतर्गत बारवेडीज़, ट्रिनिडैड एवं टोवेगो द्वीप आते हैं (देखें क्यूबा, जमेका डोमिनिकैन गणतंत्र, प्लेर्ट रीको, बारवेडोज़, ट्रिनिटैड)। सबसे बड़ा द्वीप क्यूबा है जिसका क्षेत्रफल 44,218 वर्ग मील है। संपूर्ण द्वीपसमूह का क्षेत्रफल 91,000 वर्ग मील है।

वेस्टइंडीज के द्वीपों के प्राकृतिक स्वरूप, आर्थिक विकास तथा निवासियों की रहन सहन एवं भाषा में बड़ी विभिन्नता है।

वेस्टइंडीज के द्वीप अंशत: जलमाप पर्वतशृखंला के अवशेष चिह्न हैं। यह शृंखला हॉण्डुरेस तथा वेनिज्वीला होकर गई है। इसकी कई शाखाएँ हिस्पैन्योला से जमेका तक दिखाई पड़ती है। बृहत ऐंटिलिड की बाहरी चट्टानें परतदार चट्टानों की बनी हैं। लघु ऐंटिलिज़ का भीतरी भाग ज्वालामुखी नि:सृत चट्टानों से बना है। ट्रिनिडैड की सरंचना दक्षिणी अमरीका से मिलती जुलती है। वेस्टइंडीज में पाई जानेवाली सबसे पुरानी चट्टान क्रिटेशियम युग की है जिससे यह पता चलता है कि उस समय ये द्वीप एक विस्तृत भूखंड से मिले हुए थे। बाद में इओसीन (Eocine) तथा ऑलिगोसीन (Oiigocene) युग में एक भारी अवतलन (subsidence) हुआ जिससे बृहत्‌ ऐंटिलिज़ पूर्णरूपेण जलमग्न हो गया। तदनंतर ऑलिगोसीन युग के मध्य में एक प्रबल प्रोत्थान (upheaval) हुआ और साथ ही साथ मोड़दार पर्वतों का निर्माण हुआ जिससे बृहत्‌ ऐंटिलिज़ के द्वीप धरातल से ऊपर उठ गए तथा शृंखलाबद्ध हो गए। इसके बाद कई हल्के अवतलन एवं प्रोत्थान की प्रक्रिया के फलस्वरूप धरातल का वर्तमान स्वरूप बना। लघु ऐंटिलिज़ में ट्रिनिडैड एवं बारबेडोज़ के अलावा अन्य कहीं गहरे समुद्र के जमाव के चिह्न नहीं मिलते। कतिपय द्वीपों में ज्वालामुखी के अवशेष मिलते हैं। ज्वालामुखी हलचलें तृतीयक (tertiary) काल से होती रही हैं। सामान्यत: द्वीपों में अधिक उच्चावच है। सबसे ऊँचा स्थान हिस्पैन्योला में स्थित पिकोत्रुजिलो है जिसकी ऊँचाई 10,419 फुट है। जमेका के ब्लू माउंटेन की ऊँचाई 7,402 फुट है। 4,000 फुट से अधिक ऊँचाई के क्षेत्र प्वेर्ट रीको तथा अन्य कई द्वीपों में मिलते हैं। अधिकतर द्वीपों में एक मध्यवर्ती पर्वतशृंखला मिलती है जिससे निकलकर पहाड़ों की लंबी शाखाएँ समुद्रतट तक पहुँचती हैं। इन शाखाओं के बीच गहरी घाटियाँ मिलती हैं। नदियाँ छोटी एव तीव्रवाहिनी हैं तथा मैदान केवल समुद्रतट तक ही सीमित है। क्यूबा ही ऐसा द्वीप है, जहाँ विस्तृत समतल नीची भूमि मिलती है। वहाँ सिएरा माइस्त्रा पर्वत पूर्वी छोर पर है और कहीं भी अवरोधक नहीं बनता। बारवेडोज़ तथा ऐटीग्वो मूँगे के बने हैं तथा नीची धरातलवाले हैं। वहामा तथा ऐंगग्विला समुद्रतट से नाममात्र ऊँचे हैं।

यहाँ समुद्रतटीय झीलें तथा दलदल अधिकतर पाए जाते हैं। मूँगे के पर्वतो के कारण भी समुद्रतट अधिक टेढ़े मेढ़े हो गए हैं। प्राकृतिक बंदरगाह बहुत हैं जिनमें हवाना तथा सेंट जार्ज उल्लेखनीय हैं। (जगदीश सिंह.)

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