विज्ञापन एवं प्रचार, दृश्य अथवा मौखिक संदेश के माध्यम से उत्पाद या सेवाएं खरीदने के लिए आम व्यक्ति को सूचना देने अथवा प्रभावित करने के साधन हैं। किसी उत्पाद अथवा सेवा का विज्ञापन, संभावित क्रेताओं के मस्तिष्क में जागरूकता लाने के लिए किया जाता है। विज्ञापन तथा प्रचार के लिए आम तौर पर प्रयुक्त किए जाने वाले कुछ मीडिया इस प्रकार हैं: दूरदर्शन, रेडियो, वेबसाइट, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, बिल बोर्ड, होर्डिंक आदि। आर्थिक उदारीकरण तथा बदल रही सामाजिक प्रवृत्तियों के परिणामस्वरूप विज्ञापन तथा प्रचार उद्योग ने पिछले दशक में तीव्र गति से विकास किया है।
विज्ञापन एवं प्रचार जन-संचार का एक माध्यम है। विज्ञापन एवं प्रचार वास्तव में प्रभावी संचार के माध्यम में एक ब्रांड निर्माण प्रक्रिया तथा अनिवार्यतः एक सेवा उद्योग है। यह मांग करने, विपणन प्रणाली को बढ़ावा देने एवं आर्थिक प्रगति को उन्नत करने में सहायता करता है। इस तरह विज्ञापन एवं प्रचार विपणन का आधार बनाते हैं।
विज्ञापन एवं प्रचार आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विश्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विज्ञापन/प्रचार में करियर अत्यधिक आर्कषक है और प्रतिदिन खुल रही एजेंसियों के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण भी है। चाहे कोई ब्रांड, कंपनी, प्रसिद्ध हस्ती या स्वयं सेवी अथवा धार्मिक संगठन हो, ये सभी अपने लक्षित श्रोताओं/ग्राहकों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए किसी न किसी विज्ञापन अथवा प्रचार माध्यम का उपयोग करते हैं। विज्ञापन तथा प्रचार क्षेत्र में वेतन-ढांचा अत्यधिक ऊंचा है. यदि आप इसमें दक्ष हैं तो आप शिखर पर पहुंच सकते हैं। यह ऐसे किसी सर्जनशील व्यक्ति के लिए एक आदर्श व्यवसाय है जो कार्य-दबाव सहन करने में सक्षम हों।
संभावना
रोज़गार सांख्यिकी के अनुसार आज 2,50,000 से भी अधिक व्यक्ति विज्ञापन एवं प्रचार उद्योग में कार्यरत हैं। दो महत्वपूर्ण प्रवृत्तियों के कारण इस संख्या के और बढ़ने की प्रत्याशा है। पहली प्रवृति है विज्ञापन/प्रचार एजेंसियों में महा मिलन। इस प्रवत्ति को वे एजेंसिंया बढ़ावा देती है जो परिष्कृत बाजार अनुसंधान, मीडिया खरीदारी तथा ग्राहकों को घरेलू उत्पादन सुविधाओं जैसी अधिक सेवाएं देकर मार्केट शेयर में वृद्धि करने के इच्छुक होती हैं। दूसरी प्रवृत्ति अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय तथा सार्वभौमिक विपणन में वृद्धि द्वारा प्रेरित हुई है। विज्ञापन तथा प्रचार एजेंसियां, सार्वभौम बन चुके ग्राहकों कीसहायता करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायक संस्थाएं खोलने के लिए तीव्र गति से आगे बढ़ रही हैं।
इसलिए, आज विज्ञापन एवं प्रचार उद्योग में एक अधिक स्थायी माहौल है, किंतु इसका बाजार अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक है। वर्ष 2011-2012 के रोजगार अनुमान में विपणन अनुसंधान विश्लेषकों, विज्ञापन प्रबंधकों तथा विजुअल आर्टिस्टों के लिए 30% से भी अधिक वृद्धि दर्शायी गई है। इसके बावजूद नियोक्ता चयन करने में अत्यधिक गंभीर बने रहेंगे। उच्च विश्लेषिक तथा संचार-कौशल रखने वाले अत्यधिक कार्य-प्रेरित, ओजस्वी एवं सुप्रबंधित उम्मीदवार श्रेष्ठ कार्य प्राप्त कर सकते हैं ।
अध्ययन कहां करें एवं पात्रता
अधिकांश विज्ञापन एवं प्रचार एजेंसियां प्रबंधन अथवा विज्ञापन/जनसंचार में औपचारिक योग्यताधारी उम्मीदवारों को भर्ती करती हैं। बाजार अनुसंधान, ग्राहक सेवा, तथा मीडिया योजना विभागों के पदों के लिए एम.बी.ए. को वरीयता दी जाती है। सर्जनासंबंधी विभाग के लिए संचार भाषा पर अधिकार रखने वाले तथा फोटोशॉप, कोरल ड्रा अथवा ललित कला का ज्ञान रखने वाले स्नातक होना एक योग्यता अपेक्षा होती है।
डिप्लोमा तथा स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञापन/जन-संचार में विशेषज्ञतापूर्ण पाठ्यक्रम भी होते हैं, जिनके लिए स्नातक डिग्री एक मूल योग्यता होती है। तथापि, कुछ संस्थानों में जन-संचार अध्ययन में स्नातक डिग्री के लिए विज्ञापन भी एक विषय के रूप में रखा जाता है, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 है। इसके अतिरिक्त, प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम भी होते हैं, जिनके लिए 10+2 होना पर्याप्त है ।
इस क्षेत्र में सफल करियर बनाने के लिए सर्जनशीलता तथा लेखन के प्रति रुचि अथवा विचारों को दृश्य रूप में परिवर्तित करने की क्षमता आदि जैसे मूल गुण होना अपेक्षित है। ऐसे इच्छुक व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक पहलू में व्यक्ति की रुचि की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उसमें टीम में मिलकर कार्य करने की क्षमता हो और अत्यधिक तनाव एवं आलोचना के समय सहनशील बने रहने के लिए मानसिक तथा शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए। वह मिलन-सार तथा शांत-चित्त हो। बाजार तथा मीडिया अनुसंधानकर्ता विश्लेषिक एवं तार्किक मस्तिष्क वाला होना चाहिए। रचनात्मक क्षेत्र से जुडे़ व्यक्ति जनता के मस्तिष्क तथा हृदय को छूने वाले विज्ञापन बनाने की कलात्मक क्षमता रखते हों ।
विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों/मीडिया संस्थानों की सूची’ निम्नलिखित है:
क्र.स. | विश्वविद्यालय/संस्थान का नाम | पाठ्यक्रम |
1. | भारतीय जनसंचार संस्थान,न्यू पी.जी., दिल्ली | विज्ञापन एवं जन सम्पर्क में स्नातकोत्तरडिप्लोमा |
2. | माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल | विज्ञापन तथा विपणन प्रबंधन में एम.ए. |
3. | अन्नामलई विश्वविद्यालय,तमिलनाडु | विज्ञापन एवं जन सम्पर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा |
4. | मदुरै कामराज विश्वविद्यालय,तमिलनाडु | विज्ञापन एवं जनसम्पर्क में मास्टर |
5. | पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला | विज्ञापन एवं जनसम्पर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा |
6. | मुद्रा संचार संस्थान, अहमदाबाद | विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और विज्ञापन में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम |
7. | श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय,तिरूपति | विज्ञापन में मास्टर ऑफ साइंस |
8. | गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार | विज्ञापन में एम.ए. |
9. | भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली | विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा |
10. | लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ | विज्ञापन एवं जनसम्पर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा |
(उक्त सूची केवल उदाहरण है)
कार्य-अवसर एवं करियर विकल्प
विज्ञापन मे करियर अवसरों में विज्ञापन तथा प्रचार एजेंसियों, निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विज्ञापन विभाग, समाचार पत्रों, आवधिक पत्रों, पत्रिकाओं के विज्ञापन अनुभागों, रेडियो तथा दूरदर्शन के व्यावसायिक अनुभाग, बाजार अनुसंधान संगठनों आदि में कार्य-अवसर शामिल हैं, कोई भी व्यक्ति फ्रीलांसिंग भी कर सकता है।
विज्ञापन क्षेत्र विविध लाभप्रद, दिलचस्प करियर के अवसर देता है। इस क्षेत्र में कार्य को दो व्यापक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कार्यपालक तथा रचनात्मक/सर्जनशील। कार्यपालक क्षेत्र में ग्राहक-सेवा, बाजार अनुसंधान तथा मीडिया अनुसंधान शामिल हैं, रचनात्मक/सर्जनशील क्षेत्र में कॉपीराइटर, स्क्रिप्टराइटर, विजुअलाइजर, फोटोग्राफर तथा टाइपोग्राफर शामिल हैं।
1. कार्यपालक विभाग
कार्यपालक विभाग ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझता है, नए व्यवसाय ढूंढता है और मौजूदा व्यवसाय को बनाए रखता है, उपयुक्त मीडिया को चुनता है, विज्ञापन के समय तथा स्थान का विश्लेषण करता है तथा कार्य के वित्तीय पक्षों पर समझौता करता है। रचनात्मक/सर्जनशील विभाग विज्ञापन कॉपी बनाता है। वे ग्राहक की विशिष्ट आवश्यकता को भाष्य रूप तथा दृश्य रूप देते हैं।
क. ग्राहक सेवा
ग्राहक सेवा विभाग ग्राहक तथा एजेंसी के बीच सम्पर्क-कड़ी होता है। यह विभाग किसी भी विज्ञापन संस्था का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। यह विभाग प्रत्याशित ग्राहकों से मिलने और कपनी के लिए व्यवसाय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके कार्यों में ग्राहक, उत्पाद तथा बाजार का अध्ययन करना, ग्राहक व्यवहार तथा विपणन का विश्लेषण करना, सभी उपलब्ध मीडिया तथा उनकी लागत प्रभाविता का ज्ञान होना, तथा ग्राहकों के लिए प्रस्तुत की जाने वाली महत्वपूर्ण नीति का ज्ञान होना शामिल हैं। इसलिए ग्राहक-सेवा कार्य में लगे व्यक्तियों को ग्राहकों में संबंध बनाने चाहिए, सूचना एकत्र करनी चाहिए जहां आवश्यक होअनुसंधान करना चाहिए, वह उपभोक्ता की अभिवृत्ति का पता लगाए और इन सभी सूचनाओं के आधार पर एक विनिर्दिष्ट बजट के अंतर्गत अत्यधिक उपयुक्त एवं प्रभावी विज्ञापन नीति तैयार करने के लिए विज्ञापन एजेंसी के विभिन्न विभागों के साथ कार्य करें।
एक कुशल ग्राहक सेवा व्यक्ति बनने के लिए उम्मीदवार को ग्राहक के व्यवसाय का व्यापक ज्ञान हो और उसके कमजोर पक्षों की भी जानकारी हो, ताकि विज्ञापन एवं संचार के माध्यम से अंतराल को न्यूनतम किया जा सके।
कोई भी लेखा कार्यपालक, जो ग्राहक सेवा विभाग में कार्य करता है उसे सभी आर्थिक सौदों का ध्यान रखना चाहिए। उसे ग्राहक के उत्पाद या सेवा को विज्ञापित करने के अत्यधिक प्रभावी तरीके अर्थात मीडिया एवं उनकी लागत प्रभाविता आदि का ज्ञान होना चाहिए। लेखा कार्यपालक बाजार अनुसंधान एवं लक्षित ऑडिएंस के बारे में भी ज्ञान रखता हो।
ख. बाजार अनुसंधान
प्रत्येक अच्छी विज्ञापन योजना अनुसंधान के साथ प्रारंभ होती है। यह ऐसा विभाग है, जो बाजार का सर्वेक्षण करता है, उत्पाद अथवा सेवा के बारे में उपभोक्ता आचरण का विश्लेषण करता है। किसी विज्ञापन एजेंसी में अनुसंधान व्यक्ति उपभोक्ता, बाजार तथा वर्तमान प्रतिस्पर्धा आदि के बारे में डाटा-सूचना एकत्र करते हैं। अनुसंधान अध्ययन, नए उत्पाद की योजना बनाने के लिए विनिर्माता को बुनियादी जानकारी देते हैं।
यदि आप व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक हैं या सांख्यिकी/परिचालन अनुसंधान में डिग्रीधारी हैं तो आप विज्ञापन एवं प्रचार उद्योग में बाजार अनुसंधान कार्य में जा सकते हैं।
ग. मीडिया योजना एवं क्रय
किसी विज्ञापन एवं प्रचार एजेंसी में मीडिया योजना विभाग की जिम्मेदारी विज्ञापन पूरा होने पर प्रारंभ होती है। मीडिया विभाग नियोजन, समय-निर्धारण, स्थान व समय बुक कराने तथा खरीदने (समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो तथा दूरदर्शन तथा बाहरी होर्डिंग मे) की होती है। इसलिए मीडिया विभाग लक्षित ऑडिएंस को कोई अभियान संदेश प्रभावी तथा किफायती रूप में संचारित करने के लिए किसी विज्ञापन बजट के लिए अत्यधिक प्रभावी उपयोग उपाय करें। इस विभाग में निम्नलिखित शामिल होते हैं।
I. मीडिया नियोजक: वह व्यक्ति जो उन विभिन्न मीडिया के बारे में निर्णय लेता है- जहां विज्ञापन देने पर अधिकतम दर्शक उस विज्ञापन को देखें।
II. मीडिया क्रेता: वे व्यक्ति जो प्रेस में स्थान अथवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर श्रेष्ठ दरों पर समय खरीदने के कार्य करते हैं, और जिसके लिए क्रय तथा नवीनतम विक्रय प्रवृत्तियों को समझना होता है।
2. रचनात्मक/सर्जनशील विभाग
रचनात्मक/सर्जनशील विभाग विज्ञापन की रूप-रेखा तथा संकल्पना तैयार करता है। इसमें कॉपीराइटिंग विभाग तथा आर्ट विभाग शामिल होते हैं। कॉपीराइटिंग विभाग विज्ञापन के लिए पाठ एवं अभियान के विषय पर कार्य करता है। आर्ट विभाग अभियान को दृश्य रूप देता है।
क. कॉपीराइटर:
कॉपीराइटर अभियान का विषय तैयार करता है और विज्ञापन का पाठ उपलब्ध कराता है। वह विज्ञापन को आकर्षक दिखने तथा संदेश लक्षित समूह/वर्ग तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होता है। कॉपीराइटर उत्पाद या सेवा के स्लोगन, जिंगल, स्क्रिप्ट तथा प्रोत्साहन साहित्य, प्रस्ताव, संकल्पना नोट एवं फिल्म ट्रीटमेंट तैयार करते हैं। विज्ञापन के निर्माण में जाने से पहले वे विज्ञापन के पाठ, वाक्य-विन्यास तथा, टाइपसेटिंग की कमियों को दूर करते हैं। कुछ एजेंसियों में विज्ञापन के पाठ, फोंट तैयार करने आदि के लिए विशेषज्ञ अर्थात टाइपोग्राफर रखे जाते हैं।
कॉपीराइटर को सफल होने के लिए विज्ञापन तथा मौखिक संचार कौशल के साथ-साथ लेखन की रुचि भी होनी चाहिए। उनमें ग्राहकों की आवश्यकता का विश्लेषण करने में कुशलता तथा उस उत्पाद एवं सेवा के बारे में पता लगाने में कौशल होना चाहिए जिसके विक्रय में सहायता करते हैं। समस्या-समाधान एवं समय-प्रबंधन कुशलता होना महत्वपूर्ण है।
ख. विजुअलाइजर
विजुअलाइजर दृश्य-सकल्पना पर कार्य करते हैं और निर्णय लेते हैं कि अंततः विज्ञापन कैसा दिखाई देगा। वे ग्राफिक, स्केचिंग आदि सहित संदेश का सम्पूर्ण ले-आऊट कार्य करते हैं। विजुअलाइजर बनने के लिए कलात्मक होना आवश्यक है। अनुप्रयुक्त कला अथवा ललित कला में कोई डिग्री या डिप्लोमा होने के साथ फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर, फ्रीहैंड तथा कोरल ड्रा आदि जैसी डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर का ज्ञान प्रायः अपेक्षित योग्यता होती है।
ग. फोटोग्राफर
किसी विज्ञापन/प्रचार एजेंसी में कार्य करने के लिए फोटोग्राफर को विभिन्न शॉट एंगलों, कंपोजीशन तथा लाइटिंग इफेक्ट्स के बारे में ज्ञान होना चाहिए। अच्छी तकनीकी क्षमता एवं उन्नत केमरा तकनीकों एवं लेंसों का ज्ञान होना अनिवार्य है।
वेतन
कार्य-पद एवं वेतन, विज्ञापन एवं प्रचार एजेंसियों के आकार एवं उनके मुनाफे के अनुसार अलग-अलग होता है। मान्यताप्राप्त एजेंसियों में बड़े सेट-अप होते हैं, जबकि छोटी एजेंसियों में केवल गिने-चुने कर्मचारी होते हैं, जो सभी विभिन्न कार्य करते हैं। वेतन प्रांरभिक चरण पर 10000 से 25000 रु. तक होता है। अच्छा अनुभव एवं सर्जनशीलता रखने वाले व्यक्ति किसी भी अन्य व्यवसाय से अधिक वेतन प्राप्त कर सकते हैं।
लेखक, अनवर जमाल किदवई, जन संचार अनुसंधान केन्द्र, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली-25 में अनुसंधान वैज्ञानिक हैं । ई-मेल: nairdevcom@yahoo.co.in, pradeep.mere@jmi.ac.in