प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1972 से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सकारात्मक पर्यावरण कार्य हेतु दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है।
हमारे ग्रह पर जीवन की विवधता को जैव-विविधता कहते हैं- जिससे हमें भोजन, कपड़े, इंधन, दवाइयों के साथ और भी बहुत सारी जरूरतों की पूर्ति होती है। यदि इस जटिल नेटवर्क में से कोई एक जीव भी गायब हो जाए तो उसका परिणाण विनाशकारी होता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010 को अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता वर्ष के रूप में घोषित किया है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2010, का मुख्य विषय है- ‘अनेक प्रजाति, एक ग्रह, एक भविष्य’। यह हमारे ग्रह की जैव-विविधता के संरक्षण के लिए एक जरूरी आह्वान करता है। हम अरबों लोग और अरबों प्रजातियां मिलकर एक साझा ग्रह बनाते हैं इसलिए हमलोग केवल साथ मिलकर ही एक सुरक्षित व समृद्ध भविष्य का आनंद उठा सकते हैं।
हमारे ग्रह पर जीवन की विवधता को जैव-विविधता कहते हैं- जिससे हमें भोजन, कपड़े, इंधन, दवाइयों के साथ और भी बहुत सारी जरूरतों की पूर्ति होती है। यदि इस जटिल नेटवर्क में से कोई एक जीव भी गायब हो जाए तो उसका परिणाण विनाशकारी होता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010 को अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता वर्ष के रूप में घोषित किया है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2010, का मुख्य विषय है- ‘अनेक प्रजाति, एक ग्रह, एक भविष्य’। यह हमारे ग्रह की जैव-विविधता के संरक्षण के लिए एक जरूरी आह्वान करता है। हम अरबों लोग और अरबों प्रजातियां मिलकर एक साझा ग्रह बनाते हैं इसलिए हमलोग केवल साथ मिलकर ही एक सुरक्षित व समृद्ध भविष्य का आनंद उठा सकते हैं।
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