Vegetative propagation (vegetativere production) in hindi

Submitted by Hindi on Sat, 09/25/2010 - 12:13
वर्धी जनन, कायिक जनन
1. जनन का वह प्रकार जिसमें जीव के शरीर का कोई भाग अलग होकर सीधे नव जीव में परिवर्धित हो जाए, जैसे दूब, घास, आलू आदि में।
2. युग्मकों के हस्तक्षेप के बिना कायिक व्यष्टियों की उत्पत्ति।