पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला, रोहतांग दर्रा के समीप व्यास कुंड ही व्यास नदी का उद्गम स्थल है। इसे संस्कृत में विपाशा कहते हैं। यह अनेक छोटी-बड़ी नदियों को समाहित करती हुई बहती है। व्यास पर पण्डोह और पौंग बांध निर्मित है। हिमाचल में 256 किलोमीटर का फासला तय करके यह नदी मिरथल नामक स्थान पर पंजाब में प्रवेश करती है। पौराणिक गाथा के अनुसार महर्षि वशिष्ठ को बंधन तोड़कर जल-समाधि लेने से बचाया था, इसलिए इसे विपाशा (पाप मुक्त करने वाली) कहा जाता है। व्यास का पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व ही नहीं है बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी इसका विशेष योगदान है। पाकिस्तान में होती हुई व्यास अपने अंतिम सफर में अरब सागर में लाकर समाहित हो जाती है।
Hindi Title
व्यास
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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