यह जल की वह मात्रा है, जिसका साधन चाहे जो कुछ भी हो, जो एक निश्चित अवधि की क्षेत्रीय दशा में फसल की सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक होती है। इसके अन्तर्गत उपभोग के लिए प्रयुक्त जल तथा दूसरे आर्थिक रूप से न छोड़ने योग्य जल हानि आती है। इसे एक निश्चित अवधि में जल गहराई के रूप में व्यक्त करते हैं मोटे रूप में जलावश्यकता=सिंचाई आवश्यकता, प्रभावी वर्षा+मृदा आर्द्रता भंडार में परिवर्तन।
Hindi Title