जल संसाधन
पृथ्वी पर जल हाइड्रोलॉजिकल चक्र के माध्यम से गति में है। पानी की जरूरत मनुष्य, जानवर या पौधे सभी को होती है और इसका संरक्षण करना अतिआवश्यक है। पानी के स्रोत की प्रकृति सक्रिय और गतिशील होती है। इस कारण इसके पुनःदोहन के लिए स्रोतों को इनके बहाव दर प्राथमिकता के अनुसार नापना चाहिए। इस प्रकार जल संसाधन के दो पहलू हैं। प्रवाह के रूप में मापा जाने वाला गतिशील संसाधन विकास की जरूरतों के लिए अधिक प्रासंगिक है। स्थिर या रिजर्व, जिसमें पानी की मात्रा भी शामिल है, जल निकायों के क्षेत्र की लंबाई मछली पालन, नेविगेशन जैसी गतिविधियों के लिए प्रासंगिक है।
पृथ्वी पर जल हाइड्रोलॉजिकल चक्र के माध्यम से गति में है। पानी की जरूरत मनुष्य, जानवर या पौधे सभी को होती है और इसका संरक्षण करना अतिआवश्यक है। पानी के स्रोत की प्रकृति सक्रिय और गतिशील होती है। इस कारण इसके पुनःदोहन के लिए स्रोतों को इनके बहाव दर प्राथमिकता के अनुसार नापना चाहिए। इस प्रकार जल संसाधन के दो पहलू हैं। प्रवाह के रूप में मापा जाने वाला गतिशील संसाधन विकास की जरूरतों के लिए अधिक प्रासंगिक है। स्थिर या रिजर्व, जिसमें पानी की मात्रा भी शामिल है, जल निकायों के क्षेत्र की लंबाई मछली पालन, नेविगेशन जैसी गतिविधियों के लिए प्रासंगिक है।