कूप संलेखः
कुआँ खोदते समय, मार्ग में आने वाले शैल-संस्तरों का अभिलेख जो कि उसी क्रम में होता है जिस क्रम में संस्तरों का वेधन किया जाता है। इस अभिलेख में संस्तरों की मोटाई, आश्मिक संघटन तथा उनके जलधारण करने के गुणों का विवरण होता है और यह एक प्रकार से कुआँ खोदते समय जो कुछ भी पाया गया हो उसका एक कालानुक्रमी अभिलेख होता है।