मनाली से दो कि.मी. आगे वशिष्ठ आश्रम होते हुए 9 कि.मी. आगे 4,000 मी. की ऊंचाई पर व्यास कुंड नामक झील है। प्रातः काल इस स्थान पर पहुंचने का उत्तम समय है। संध्या समय यहां निरंतर तेज हवाएं चलती रहती हैं तथा बरसात की बौछारें होती रहती हैं, इसलिए वहां फंसने का खतरा रहता है। इस झील से व्यास नदी निकलती है। इस स्थान को ‘रोहतांग दर्रा’ स्थानीय भाषा में ‘रटांगजोत’ कहते हैं। यहां से हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखला दिखाई देती है।
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