यूरैल पर्वत

Submitted by Hindi on Sat, 08/27/2011 - 10:30
यूरैल पर्वत स्थिति: 59 उ0अ0 तथा 60 पु0दे0। यह पर्वतश् श्रृंखला उत्तर में आर्कटिक महासागर से दक्षिण में कैस्पियन सागर तक फैली हुई है, और यूरोप को एशिया महाद्वीप से अलग करती है। इस पर्वत श्रृंखला का उत्थान कई युगों में हुआ है। श्रृंखलाओं का विस्तार उत्तर से पश्चिम तथा उत्तर से पूर्व की ओर है और सर्वाधिक ऊँचाई दक्षिणी भाग में पाई जाती है। इस पर्वत की संयुक्त बनावट इसकी भौमिकी दशाओं से स्पष्ट परिलक्षित होती है। यूरैल पर्वत श्रृंखला को तीन भागों में बाँटा जाता है:

(क) उत्तरी यूरेल पर्वतश्रेणी, कारा की खाड़ी से प्रारंभ होकर दक्षिण-पश्चिम में 64 उ0अ0 तकश् फैली है। इसमें कई स्पष्ट श्रंखलाएँ पाई जाती हैं। यह पर्वतक्षेत्र दक्षिण-पूर्व की ओर चट्टानी, ऊबड़-खाबड़ तथा अधिक ढलुवाँ है तथा यूरोपीय रूस के दलदलों की ओर कम ढालू है। इसकी सर्वोच्च चोटियाँ खर्द यवेस 3,715 फुट तथा पाईयेर 4,764 फुट ऊँची हैं। मुख्य श्रृंखला के पश्चिमी भाग में परतदार चट्टानें पाई जाती हैं। दक्षिणी भाग में यूरैल की सर्वोच्च चोटियाँ सबलिया 5,402, फुट तथा मुराई चख्ल, 5,545 फुट हैं। पर्वतीय ढालों पर घने जंगल पाए जाते हैं। दक्षिणी भाग में 2400 फुट की ऊँचाई तक वनस्पति पाई जाती है लेकिन उत्तरी भाग में आर्कटिक वृत्त के पास पर्वत के पाद प्रवेश तक ही वनस्पति सीमित है। 65 उ0अ0 के लगभग वनीय वनस्पति लुप्त हो जाती है। 64 उ0अ0 से 41 उ0अ0 के मध्य एक पठारी क्षेत्र है, जहाँ जल विभाजक उत्तर-पश्चिमी दिशा में फैला है। यहाँ विस्तृत, सम तथा दलदलीश् घाटियाँ हैं। चोटियों कीश् औसत ऊँचाई 3,000 फुट है। 62 43श् उ0अ0 पर स्थित युंग तुम्प शिखर 4,170 फुट ऊँचा है। इसश् क्षेत्र मूं बस्तियों का अभाव है।

(ख) मध्य यूरैल की चौड़ाई लगभग 80 मील है। यहाँश् लोहे, ताँबे और सोने की खाने हैं। मध्य यूरैल कीश् सीमाश् उत्तर में डेनेजकिन कामेन (4,908 फुट) से निर्धारित होती है। निम्न पठारी भाग से साइबेरिया के लिये सड़क जाती है। जलविभाजक 1245 फुट कीश् ऊँचाईश् पर पाया जाता है। मध्य यूरैल घने जंगलों से आच्छादित है। घाटियों में तथा निम्न ढालों पर उपजाऊ मिट्टी एवं घनी ग्रामीण बस्ती पाई जाती है।

(ग) दक्षिणी यूरैल उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पश्चिम में विस्तृत तीन समांतर श्रृंखलाओं में विभक्त है। मुख्य यूरैल पर्वत की श्रृंखला 2,200 फुट से 2,800श् फुट ऊँची है। मंद ढालों पर अधिकतर जंगल हैं तथा निम्न भागोंश् में चरागाह पाए जाते हैं। दक्षिण की ओर लगभग 1,500 फुट ऊँचा पठारी क्षेत्र है जिसमें नदियों की गहरी घाटियाँ पाई जाती हैं। यह क्षेत्र बोल्गा तक फैला है यूरैल पर्वत एक मेड़दारश् पर्वत हैश् जिसमें तृतीय युग की चट्टानें पाई जाती हैं। यह पश्चिम में सिल्यूरियन, डिवोनी कार्वोनी परमियन तथा ट्रियासिक कल्प की परतों द्वारा ढँकाश् हुआ है। इसमें कई समांतर मोड़ पाए जाते हैं। [बेचन दुबे ]

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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