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दैनिक भास्कर ईपेपर, 11 अक्टूबर 2011
पाकिस्तान ने कहा यह सिंधु समझौते का उल्लंघन है। मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ले जाने की तैयारी
पाकिस्तान भारत द्वारा सिंधु नदी पर बनाई जा रही नीमू-बाजगो पनबिजली परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि यह परियोजना 1960 के सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करती है। वहीं, पाकिस्तान ने सिंधु के सहायक नदी सुरू पर बन रही चूटक पनबिजली परियोजना पर अपनी आपत्तियां वापस ले ली हैं। उनका दावा है कि भारत ने इस्लामाबाद के आग्रह के अनुरूप कदम उठाए हैं। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि पानी का बहाव नहीं रोका जाएगा।
नीमू-बाजगो और चूटक पनबिजली परियोजना स्थल का दौरा करने के बाद एक रिपोर्ट जल एवं बिजली मंत्रालय को सौंपी गई है। एक अधिकारी ने दावा किया कि भारत जुलाई 2012 तक इस परियोजना को पूरा करना चाहता है, जिसके कारण सिंधु नदी के जल का बहाव कम हो जाएगा। अधिकारियों की आपत्ति है कि इस परियोजना के द्वार वाले जल मार्ग की डिजाइन और बांध की गहराई सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है। पाकिस्तान ने इस परियोजना को लेकर पांच आपत्तियां उठाई हैं। इस परियोजना को जम्मू-कश्मीर के लेह से 70 किलोमीटर दूर स्थित अलची गांव में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना को उत्तरी ग्रिड से जोडऩे की योजना है ताकि श्रीनगर से लेह तक बिजली दी जा सके।