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नवोदय टाइम्स, 18 फरवरी 2015

जीपीएस से लैस होने के कारण टैंकरों के चालकों द्वारा पानी को किसी और इलाके में ले जाकर उसे बेचना आसान नहीं होगा। अक्सर बोर्ड को यह शिकायतें मिलती रही है कि चालक लोगों से कुछ पैसे लेकर टैंकर का पानी किसी विशेष इलाकों में सप्लाई करते हैं। चूंकि टैंकरों में जीपीएस लगा होगा इसलिए बोर्ड को टैंकरों की स्थिति की पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी।
टैंकर किस समय कौन से इलाके में खड़ा है, इसका पता भी जीपीएस से लग जाएगा। बताया जा रहा है कि गर्मियों में स्टेनलैस स्टील के करीब 400 टैंकर विभिन्न इलाकों में पानी की आपूर्ति करेंगे।
उधर दिल्ली जल बोर्ड के पास स्टेनलैस स्टील के पानी के टैंकरों को छोड़कर दूसरे कुल 1000 टैंकर है। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा टैंकर जर्रजर्र हालत में है जिसके कारण इनमें से पानी का रिसाव लगातार होता रहता है और हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।